Find the Latest Status about कितनी मुहब्बत from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, कितनी मुहब्बत.
Chetram Nagauri
White जाने किस मोड़ पर खड़ा हूं अजिंदगी मैने उसे पाने के लिए ना जाने कितनी ठोकरें खाई है अब क्या करूं उस तरफ कुआ है इस तरफ खाई है। ©Chetram Nagauri कितनी तकलीफ़ सही है #sadshayari #कलम #पहला_प्यार
Mau Jha
एक स्त्री कितनी कोमल होती है दिल से जब उसे कहते हैं... तुम बहुत खूबसूरत हो ,स्त्री मान गई ,तुम बहुत मासूम हो स्त्री बहल गई, तुम्हारे माथे लाल गोल बिंदी खूब सजती है ,स्त्री ने लगा लिया.... तुम पर साड़ी खूब खिलती है। स्त्री ने पहन लिया। तुम पर अलता पायल बिछुआ खूब सजता है, स्त्री नाच उठी.... घर की लाज तुम्हारे हाथ में है स्त्री जुट गई, तुम घर की धूरी हो स्त्री गढ़ गई, तुम मेरी सब कुछ हो स्त्री समर्पित हो गई ,इससे पता ही नहीं चला कि वह कब सबकी खुशी के लिए बिखर गई... 💯 ©Mau Jha स्त्री दिल से कितनी कमजोर होती है😢🤔😔💯💯💯💯
Rabindra Kumar Ram
यूं हासिल होने को हम भी हो जाये , हमें मुहब्बत से भी चाहे कभी कोई . " ये इल्म तेरा यकीनन इल्म तेरा ही हो , तुम हमारे ख़सारे पे ग़ैर तो फ़रमाओ . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram यूं हासिल होने को हम भी हो जाये , हमें मुहब्बत से भी चाहे कभी कोई . " ये इल्म तेरा यकीनन इल्म तेरा ही हो , तुम हमारे ख़सारे पे ग़ैर तो फ़रम
Mehfuza
White पूछते थे ना कितनी मोहब्बत है हमें तुमसे? लो गीन लो अब इन बारिश की बूँदों मैं! ©Mehfuza #City पूछते थे ना कितनी मोहब्बत है हमें तुमसे? लो गीन लो अब इन बारिश की बूँदों मैं!
T4_tanya_
White दूरियां बढ़ा ली हमने, तुमने भी दीवार पक्की कर ली... जरा सी गलतफहमी ने देखो, कितनी तरक्की कर ली ©T4_tanya_ #Road दूरियां बढ़ा ली हमने, तुमने भी दीवार पक्की कर ली... जरा सी गलतफहमी ने देखो, कितनी तरक्की कर ली
Rabindra Kumar Ram
*** ग़ज़ल *** *** फ़ुर्क़त *** " आज इक दफा उस से मुलाकात हुई , फ़ुर्क़ते हयाते-ए-ज़िक्र अब जो भी हो सो हो , मुहब्बत में बचे शिकवे शिकायतें आज भी हैं , आज उसे इक दफा गले लगाने को दिल कर रहा हैं , फकत अंजुमन कुछ भी तो कुछ बात बने , फ़ुर्क़त में उसे दाटने को जि कर रहा है , क्या समझाये की अब मुहब्बत नहीं हैं तुझसे , फकत तुझे महज़ इक याद की तरह रखी , तेरी तस्वीर आज भी इक पास रखी हैं , फिर जो कहीं मुहब्बत और नफ़रत की गुंजाइश हो तो याद करना , आखिर हम रक़ीबों से दिल लगा के आखिर करते क्या . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram *** ग़ज़ल *** *** फ़ुर्क़त *** " आज इक दफा उस से मुलाकात हुई , फ़ुर्क़ते हयाते-ए-ज़िक्र अब जो भी हो सो हो , मुहब्बत में बचे शिकवे शिकायतें
gaTTubaba
White तुम हमको ना चाहो ये शरीर तो सजा सजाया हैं चारों और बस रूह को चाहो यकीन नहीं होगा अंदर नजारा ही हैं कुछ और बाहर होटों पे कितनी मुस्कुराहट हैं अंदर भीगा हुआ समंदर बाहर ढूंढने से भी नहीं मिलेंगे चाहिए मोती तो बह जाना रूह की और .... ©gaTTubaba #Road तुम हमको ना चाहो ये शरीर तो सजा सजाया हैं चारों और बस रूह को चाहो यकीन नहीं होगा अंदर नजारा ही हैं कुछ और