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Raj kumar kumar
Dr. Babasaheb Ambedkar: Writings and Speeches, Vol. 3: Buddha or Karl Marx War is wrong unless it is for truth and justice. डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर: लेखन और भाषण, खंड 3: बुद्ध या कार्ल मार्क्स युद्ध तब तक गलत है जब तक वह सत्य और न्याय के लिए न हो। Original photo of Dr. B. R. Ambedkar as a student. डॉ. बी. आर. अम्बेडकर की विद्यार्थी के रूप में मूल तस्वीर। ©Raj kumar kumar Dr. Babasaheb Ambedkar: Writings and Speeches, Vol. 3: Buddha or Karl Marx War is wrong unless it is for truth and justice. डॉ. बाबासाहेब
Dr. Babasaheb Ambedkar: Writings and Speeches, Vol. 3: Buddha or Karl Marx War is wrong unless it is for truth and justice. डॉ. बाबासाहेब #वीडियो
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White {Bolo Ji Radhey Radhey} इस संसार का मूल आधार और अत्यन्त श्रेष्ठ परमपुरुष एक परमात्मा भगवान श्री कृष्ण ही हैं - ऐसा मानकर अनन्य - भाव से उनका भजन करना चाहिये। ©N S Yadav GoldMine #where_is_my_train {Bolo Ji Radhey Radhey} इस संसार का मूल आधार और अत्यन्त श्रेष्ठ परमपुरुष एक परमात्मा भगवान श्री कृष्ण ही हैं - ऐसा म
#where_is_my_train {Bolo Ji Radhey Radhey} इस संसार का मूल आधार और अत्यन्त श्रेष्ठ परमपुरुष एक परमात्मा भगवान श्री कृष्ण ही हैं - ऐसा म #मोटिवेशनल
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White ॥इति श्रीमद् भागवते महापुराणे पारमहंस्यां संहितायां अष्टमस्कन्धे गजेंन्द्रमोक्षणे तृतीयोऽध्यायः ॥ {Bolo Ji Radhey Radhey} सब कुछ भगवान श्री कृष्ण हैं :- यह विश्व प्रपंच उन्हीं की माया से उनमें अध्यस्त हैं। यह कभी प्रतीत होता है, तो कभी नहीं। परन्तु उनकी दृष्टि ज्यों-की-त्यों – एक सी रहती है। वे इसके साक्षी हैं, और उन दोनों को ही देखते रहते है। वे सबके मूल हैं, और अपने मूल भी वही हैं, कोई दूसरा उनका कारण नहीं हैं। वे ही समस्त कार्य और कारणों से अतीत प्रभु मेरी रक्षा करें। ©N S Yadav GoldMine #love_shayari ॥इति श्रीमद् भागवते महापुराणे पारमहंस्यां संहितायां अष्टमस्कन्धे गजेंन्द्रमोक्षणे तृतीयोऽध्यायः ॥ {Bolo Ji Radhey Radhey} सब
#love_shayari ॥इति श्रीमद् भागवते महापुराणे पारमहंस्यां संहितायां अष्टमस्कन्धे गजेंन्द्रमोक्षणे तृतीयोऽध्यायः ॥ {Bolo Ji Radhey Radhey} सब #भक्ति
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White ॥ इति श्रीमद् भागवते महापुराणे पारमहंस्यां संहितायां अष्टमस्कन्धे गजेंन्द्रमोक्षणे तृतीयोऽध्यायः ॥ {Bolo Ji Radhey Radhey} गजेंद्र ने कहा :- जो जगत के मूल कारण हैं, और सबके हृदय में पुरुष के रूप मैं विराजमान हैं, एवं समस्त जगत के एकमात्र स्वामी हैं। जिनके कारण इस संसार में चेतना का विस्तार होता है, उन भगवन को मैं नमस्कार करता हूँ, प्रेम से में उनका ध्यान करता हूँ। यह संसार उन्हीं में स्थित है, उन्हीं की सत्ता से प्रतीत हो रहा है, वे ही इसमें व्याप्त हो रहे हैं , और स्वयं वे ही इस रूप में प्रकट हो रहे हैं। यह सब होने पर भी वे संसार और इसके कारण -प्रकृति से सर्वथा परे हैं। उन स्वयंप्रकाश, स्वयंसिद्ध सत्तात्मक भगवान की मैं शरण ग्रहण करता हूँ। ©N S Yadav GoldMine #good_night_images ॥ इति श्रीमद् भागवते महापुराणे पारमहंस्यां संहितायां अष्टमस्कन्धे गजेंन्द्रमोक्षणे तृतीयोऽध्यायः ॥ {Bolo Ji Radhey Radhey
#good_night_images ॥ इति श्रीमद् भागवते महापुराणे पारमहंस्यां संहितायां अष्टमस्कन्धे गजेंन्द्रमोक्षणे तृतीयोऽध्यायः ॥ {Bolo Ji Radhey Radhey #मोटिवेशनल
read moreEr. Guddu Nishad Gk
🌍संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग वचन सुनकर उनसे नाम उपदेश प्राप्त करके जुड़ने के बाद जीवन के सभी दुःख समाप्त हो जाऐंगे। सत्संग से मनुष्य क #Bhakti
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
दोहा :- अधरो पर आकर रुकी , मेरे मन की बात । देख देख रजनी हँसे , न होगी मुलाकात ।। रात अमावस की बड़ी , होती काली रात । सँभल मुसाफिर चल यहाँ , करती पल में घात ।। रात-रात भर जागकर , रक्षा करे जवान । अमन हमारे देश हो , किए प्राण बलिदान ।। कह दूँ कैसे मैं सजन , अपने मन की बात । रजनी मुझको छेड़ती , कह बिरहन की जात ।। रात-रात करवट लिया , तुम बिन थे बेहाल । एक-एक रातें कटी , जैसे पूरा साल ।। अपने दिल के मैं सभी , दबा रही जज्बात । समझाओ आकर सजन , रजनी करे न घात ।। नींद उड़ी हर रात की , देख फसल को आज । करता आज किसान क्या , रुके सभी थे काज ।। उन पर ही अब चल रहे , सुन शब्दों के बाण । रात-रात जो देश हित , त्याग दिए थे प्राण ।। जो कुछ जीवन में मिला , बाबा तेरा प्यार । व्यक्त न कर पाऊँ कभी , तेरा वही दुलार ।। हृदय स्मृतियों में चले , बचपन के वह काल । हाथ थाम चलते सदा , कहते मेरा लाल ।। जीते जी भूलूँ नही , कभी आप उपकार । कुछ ऐसे हमको दिए , आप यहाँ संस्कार ।। जीवन में ऐसे नहीं , खिले कभी भी फूल । एक परिश्रम ही यहाँ , है ये समझो मूल ।। बिना परिश्रम इस जगत , मिलते है बस शूल । कठिन परिश्रम से यहाँ , खिलते सुंदर फूल ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR अधरो पर आकर रुकी , मेरे मन की बात । देख देख रजनी हँसे , न होगी मुलाकात ।। रात अमावस की बड़ी , होती काली रात । सँभल मुसाफिर चल यहाँ , करती
अधरो पर आकर रुकी , मेरे मन की बात । देख देख रजनी हँसे , न होगी मुलाकात ।। रात अमावस की बड़ी , होती काली रात । सँभल मुसाफिर चल यहाँ , करती #कविता
read moreBharat Bhushan pathak
White अहं का ग्रास बनने पर,मनुज सब भूल जाता है। विवेकी क्षीण होता है,क्षमा ना मूल होता है।। ©Bharat Bhushan pathak #GoodMorning अहं का ग्रास बनने पर,मनुज सब भूल जाता है। विवेकी क्षीण होता है,क्षमा ना मूल होता है।।
#GoodMorning अहं का ग्रास बनने पर,मनुज सब भूल जाता है। विवेकी क्षीण होता है,क्षमा ना मूल होता है।। #Motivational
read moreवंदना ....
🙏🙏🙏 🌹🌹🌹 ©वंदना .... #आज महानायक #डॉ_बाबासाहेब_आंबेडकर इनके जयंती निमित्त सबको बहुत-बहुत ..अभिवादन ...🙏🙏🙏 .. मराठी [.शिखा संगठित हुआ संघर्ष करा ] यह उनका मूल
#आज महानायक #डॉ_बाबासाहेब_आंबेडकर इनके जयंती निमित्त सबको बहुत-बहुत ..अभिवादन ...🙏🙏🙏 .. मराठी [.शिखा संगठित हुआ संघर्ष करा ] यह उनका मूल #विचार
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