Find the Latest Status about rangeela और केकड़ा from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, rangeela और केकड़ा.
Jaidev Joshi
White वाराणसी के घाटों की खुशी शायद नहीं थी मुझ में बसी तभी तो लौटा दिया बिन गलती के दफा किया कागजों की गलती को नामंजूरी का बहाना दिया। 'मैं' और सिर्फ 'मैं' ने किसी के जज्बातों को मिटा दिया इस काशी की धरा को काशी-वालों से जुदा किया है । है जो कुछ लोग जो बदलाव चाहते हैं रातों-रात उनको देशद्रोही का नाम दिया । 'श्याम' की उम्मीद को कॉमेडी समझ टाल दिया लोकतांत्रिक अधिकारों को पन्नों की तरह फाड़ दिया। अभी भी वक्त है समझ जाओ हिंदुस्तान के बाशिंदों संभल जाओ राजनीति से 'नीति' कहीं ओझल ना हो जाए एक चिराग नैतिकता वाला हर कोने में जला आओ। ©Jaidev Joshi Shyam Rangeela and today's politics #Autocracy #notgood #election2024 #ModiJi #ShyamRangeela
Anuj Ray
मिलना और बिछड़ना" कभी कुछ पुण्य किए होंगे उसका फल, और कभी कुछ पाप किए होंगे उसकी सज़ा। ©Anuj Ray # मिलना और बिछड़ना"
Anuj Ray
ख़्वाब और ख्याल" जब भी किसी के ख़्वाब दिल में आते हैं तो ,खुशियों के चार चांद लग जाते हैं। कभी धुंधली, कभी उजली सी,दिल में नसीब ए यार की ,तस्वीर बन जाते हैं। करके बेचैन निगाहों को उसी दिन से, मंज़िल ए यार का ,रस्ता भी बता जाते हैं। फिर वही तस्वीर निकाल के ख्वाबों से, आहिस्ता आहिस्ता ख्यालों में समा जाते हैं। ©Anuj Ray #ख़्वाब और ख्याल"
Deepak Kumar 'Deep'
जब से रंगा हूँ तुम्हारे इश्क के रंग में ! लोग कहते हैं रंगीला हो गया हूँ मैं!! ©Deepak Kumar 'Deep' #Rangeela
gaTTubaba
Holi is a popular and significant Hindu festival celebrated as the Festival of Colours, Love, and Spring. रंग कोई और बदलता हैं और बेरंग कोई और हो जाता हैं कर्म किसी और के और सजा कोई और भुगतता जाता हैं ©gaTTubaba #Holi रंग कोई और बदलता हैं और बेरंग कोई और हो जाता हैं कर्म किसी और के और सजा कोई और भुगतता जाता हैं
Mintu Ali
ग़म मिट गये, खुशी मिल गयी, फिर से जीने की एक उम्मीद मिल गयी। कुछ नया करने की चाह मिल गयी, हर पल मुस्कुराने की वजह मिल गयी। सपने सजाने की ख्वाहिश मिल गयी, तुम मिल गये, हर चीज़ मिल गयी ।...और पढ़ें ©Mintu Ali .और पढ़ें
Mddilkhus
होली में भाई के माल पर रंग लगाइए अच्छा ना कईलू तू अच्छा ना कईलू तू ©Mddilkhus शायरी और गजल शायरी और
Kavi Hari Shanker
सुख और दुख मिलकर सुख और दुख मिलकर दोनों इस जीवन को साकार करे चल दोनों को स्वीकार करें। हमको किसी से बैर नहीं सुख साथी है दुख गैर नहीं दोनों को एक-सा प्यार करें चल दोनों को स्वीकार करें। एक धूप है तो एक छाया है दोनों का अपना माया है हो फर्क न माया माया में चल दोनों का सत्कार करें। ©Kavi Hari Shanker #सुख और दुख