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Mintu soni
भगवान मंदिर में नही घर में रहते हैं बहुत ही सुन्दर #qoutes shayeri✍️M #moansandmoons #समाज #Nojotoshayeri✍️M
read moreParvindar Projwal
भगवान मंदिर में नही होते साहब! #hamariadhurikahani #MeriKahani #CTL #Bhagwan #Bhakti #Love #Life #mrpro #mrperry
read moreThe Sarvajeet Krishna
जिसकी आँखों में ईमान दिखा मुझे उसमे हीं भगवान दिखा..! उस अधेड़ को आँखों में मुझे गज़ब का ईमान दिखा भगवान मंदिर में नहीं सीढियों पर बैठे उस इंसान में दिखा भगवान तो निराकार, निर्मोही, निष्पक्ष है
उस अधेड़ को आँखों में मुझे गज़ब का ईमान दिखा भगवान मंदिर में नहीं सीढियों पर बैठे उस इंसान में दिखा भगवान तो निराकार, निर्मोही, निष्पक्ष है #Quotes #HUmanity #Thoughts #lifelessons #beinghuman
read moreN S Yadav GoldMine
भगवान विष्णु ने जहां लिया था वराह अवतार वहां स्नान करने से मिलता है पुण्य अपार पढ़िए इस मंदिर का इतिहास !! 🎀🎀 {Bolo Ji Radhey Radhey} वराह भगवान मंदिर :- भगवान विष्णु ने जहां लिया था वराह अवतार, वहां स्नान करने मिलता है पुण्य अपार मिलता है। 🌴 भगवान वराह की नगरी कासगंज जिले का सोरों। देश के विभिन्न राज्यों की श्रद्धा एवं आस्था से जुड़ी हरिपदी गंगा। आने वाले 15 दिन यहां पर देश भर से श्रद्धालुओं का आना होगा। 16 दिसंबर से शुरू हो रहे मार्ग शीर्ष मेले को लेकर आस्था की नगरी तैयार है। त्रयोदशी को नागा साधुओं का शाही स्नान होगा। साल में एक बार लगने वाली पंचकोसीय परिक्रमा भी एकादशी को वराह मंदिर से शुरू होती है। पूर्णिमा को अंतिम एवं चतुर्थ स्नान के साथ में मेले का समापन होता है। 🌴 कासगंज से करीब 12 किमी दूर स्थित सोरों में हरिपदी गंगा (हर की पैड़ी) के तट पर लगने वाले मेले में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है। उप्र के साथ मध्य प्रदेश और राजस्थान से तो लोग यहां आते ही हैं, अन्य प्रदेशों से भी बड़ी संख्या में लोग स्नान करने के लिए यहां आते हैं। पूर्णिमा तक चलने वाले मेले में चार स्नान होते हैं। सबसे ज्यादा महत्व एकादशी के स्नान का है। माना जाता है इस दिन वराह भगवान ने यहां पर व्रत रखा था। त्रयोदशी को होने वाला तीसरा स्नान सिर्फ साधु संतों एवं नागा बाबाओं का ही खास तौर पर रहता है। एकादशी एवं द्वादशी को श्रद्धालु स्नान करते हैं तो अंतिम एवं चौथा स्नान पूर्णिमा को होता है। द्वादशी को वराह भगवान की यात्रा निकलती है। N S Yadav. यह है मान्यता :- 🌴 भगवान विष्णु ने वराह अवतार के रूप में दैत्यराज को मारकर उसके द्वारा रसातल में रखी गई पृथ्वी को दंत के अग्रभाग पर धारण कर जल से बाहर इसी स्थान पर निकाला था। मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी को व्रत रखा था, दूसरे दिन द्वादशी को वराह रूप त्याग दिया। इस पुण्य तिथि के उपलक्ष्य में यह मेला प्राचीन काल से यहां लगता आ रहा है। हिरण्याक्ष से पृथ्वी को मुक्त कराया :- 🌴 कासगंज जनपद की सोरों तीर्थ नगरी रहस्यों की नगरी कहा जाता है। सृष्टि का उद्धार करने के लिए भगवान विष्णु ने वराह के रूप में अवतार लिया था। यह अवतार भगवान ने वराह (शूकर) के रूप में लिया, तभी से इस नगरी का नाम शूकर क्षेत्र हो गया। शूकर क्षेत्र सोरों में एक नहीं अनेक आस्था के केन्द्र हैं। वराह भगवान मंदिर के महंत विदिहानंद बताते हैं कि शूकर सोरों तो महिमा से भरा पड़ा है। हमारे यहां कई अवतार हुए हैं। 🌴 दशावतारों में दो जलचर और दो वनचर, दो भूप, चार विप्र के अवतार हैं। जलचर में कक्ष और मक्ष आते हैं। वनचर वराह भगवान और नरसिंह भगवान हैं। दो भूपों में श्रीराम और श्रीकृष्ण आते हैं। चार विप्र हैं- परशुराम, बावन, बुद्ध, कपिल भगवान। ये सभी दशावतार में आते हैं। इस अवतार में भगवान वराह ने हिरण्याक्ष का वध कर और पृथ्वी को जल पर स्थापित किया था। हिरण्याक्ष ने जल के अंदर पूरी पृथ्वी को छिपा दिया था। बहुत बलशाली था दैत्य। उससे देवता भी हार गए थे। भगवान ने वराह का अवतार लेकर हिरण्याक्ष का वध किया और पृथ्वी को मुक्त कराया भगवान ने रखा था एकादशी का व्रत :- 🌴 तीर्थ पुरोहित सोरों विक्रम पांडे बताते हैं कि मान्यता है कि यहां भगवान ने वराह (तृतीय अवतार) के रूप में एकादशी के दिन व्रत रखकर पंचकोसी की परिक्रमा की थी। बाद में हिरण्याक्ष का वध कर हरिपदीय गंगा कुंड को नाखूनों से खोदकर अपने प्राण कुंड में त्याग दिये थे। तभी से इस कुंड में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है। मृत पूर्वजों की अस्थियां विसर्जन करने से उनकी आत्मा का शांति मिलती है। विसर्जन की जाने वाली अस्थियां 72 घंटे यानि तीन के दिन के अंदर पानी में घुल मिलकर रेणु रूप हो जाती है। तभी से मार्गशीर्ष मेले का शुभारंभ हुआ था। ©N S Yadav GoldMine #City भगवान विष्णु ने जहां लिया था वराह अवतार वहां स्नान करने से मिलता है पुण्य अपार पढ़िए इस मंदिर का इतिहास !! 🎀🎀 {Bolo Ji Radhey Radhey} व
#City भगवान विष्णु ने जहां लिया था वराह अवतार वहां स्नान करने से मिलता है पुण्य अपार पढ़िए इस मंदिर का इतिहास !! 🎀🎀 {Bolo Ji Radhey Radhey} व #पौराणिककथा
read moreAtul Sharma Atul Sharma
एक बार एक भिकारी रात में भीख मांग कर खाना खाता है और सो जाता है फिर वह ख्वाब देखता है कि वह मर गया और मर के स्वर्ग पहुंच गया वह देखता है कि
एक बार एक भिकारी रात में भीख मांग कर खाना खाता है और सो जाता है फिर वह ख्वाब देखता है कि वह मर गया और मर के स्वर्ग पहुंच गया वह देखता है कि #nojotophoto
read moreRafik
कमाल का ताना दिया आज मंदिर में भगवान ने, मांगने ही आते हो कभी मिलने भी आया करो! मंदिर और भगवान
मंदिर और भगवान
read moreArora PR
घर तो पशु भी.बनाते है घोसले तो पंछी भी बनाते है परन्तु मंदिर सिर्फ आदमी ही बनाते है. क्योंकि वो एक भयभीत प्राणी है उसे अवल्मबन चाहिए जबकि पशु और परिंदे मंदिर बनाने मे रूचि नहीं रखते क्योंकि वे भयभीट नहीं है और भगवान से भी उने कोई लेना देना नहीं है l ©Arora PR i मंदिर और भगवान
i मंदिर और भगवान #कविता
read moreTr. Anand Kumar
हो ग्राम का मंदिर, या चारधाम का मंदिर। ना हो प्यार जब दिल में, तो किस काम का मंदिर।। #NojotoQuote #मंदिर #मस्जिद #प्यार #भगवान