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dilkibaatwithamit
White आँख से खींच के निकाले हैं ख्वाब वेसे भी मरने वाले थे... ©dilkibaatwithamit आँख से खींच के निकाले हैं ख्वाब वेसे भी मरने वाले थे... #Sad_Status Noor Hindustani
आँख से खींच के निकाले हैं ख्वाब वेसे भी मरने वाले थे... #Sad_Status Noor Hindustani
read moreVinay Mishra
ईश्वर करे। मेरा एक बेटा है, करीब सात वर्ष कुल दो-एक माह का, न जाने क्यों उसे मेरा सानिध्य कुछ कम ही प्राप्त होता है, मिलने को उससे दिल ये मेरा भी खूब रोता है। उसके कई प्रश्नों का उत्तर मेरे पास नहीं होता है, उसके खुशियों के खातिर ये दिल दुआएं भी संज्योता है, हँसी पे उसकि हार जाता है यह दिल, हर्षित मन होकर भरता हूँ उसके खुशियों का जब बिल। माँगे न कुछ बस साथ मेरा वह, लाखों कि भीड़ में है खास मेरा वह, ईश्वर करे खुशियों से लदा रहे उसके जीवन का हर टहना, क्या सोना क्या चाँदी लुटा दूँ उसपर निज जीवन का हर एक गहना। ©Vinay Mishra # ईश्वर करे।
# ईश्वर करे।
read moreGhumnam Gautam
White क्या पता अब क्या कहेगी उसको दुनिया दोस्तो! रात भर वो नेक लड़की मेरी आँखों में रही ©Ghumnam Gautam #Sad_Status #ghumnamgautam #नेक #रात #दुनिया #आँख
#Sad_Status #ghumnamgautam #नेक #रात #दुनिया #आँख
read morePraveen Jain "पल्लव"
green-leaves पल्लव की डायरी खता कोई करे खतो को आजमाने की सेटेलाइट से भाव कम हो गये है एप के नक्शे कदम पर चलती दुनिया सोच निर्भर सेल फोन पर हो गयी है आधिनिकता रीत रिवाज परम्परा सब खा रही है निशब्द होकर मन मस्तिष्क मानव का पुतलो की शक्ल लेती जा रही है दूर है सुख दुख में संग साथी खुशियाँ और संवेदनाये सोशल मीडिया से निभायी जा रही है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #GreenLeaves खता कोई करे,खतो को आजमाने की
#GreenLeaves खता कोई करे,खतो को आजमाने की
read moreRajan Kumar
White मैं एक लड़का हूं मैं बहुत गरीब परिवार से हूं मेरा नाम राजन कुमार है मे पढ़ना चाहता हूं पर मेरा पास पौसा नहीं है जिससे कपडा किनू ©Rajan Kumar #sad_quotes रुपए देकर मेरी मदद करे
#sad_quotes रुपए देकर मेरी मदद करे
read moreRAMLALIT NIRALA
White बचपन की याद कभी हस के कभी रोके समय बितावत रहै चार दोस्त के साथ खेत खलिहान पोखरे मे नहावत रहै ऊ नहर के पानी बचपन के रवानी ना भुल पाईब कबो माई त कबो दादी हमरा के खोजे आवत रहै बचपन के खेल खोखो बसईया कबडी गुल्ली डंडा लुकाछिपी लखनी के लाख गोड कबो ऊपर त कबो नीचे आवत रहै अबत खेल जवानी के पलपल चिंता सतावत रहै अब त बचपन के बतीया जवानी में याद आवत रहै ©RAMLALIT NIRALA बचपन के याद आओ मील कर ताजा करे
बचपन के याद आओ मील कर ताजा करे
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