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N S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} सनातन धर्म में, भारत वर्ष के लिए ये सभी महान है, ये सब ईन ऋषियो के केवल नाम है, कोई जाति, या पन्थ नही है, इन सबका इस संसार में, हमारी संस्कृति में सबसे बड़ा, सबसे ज्यादा योगदान हैं, और हमेशा रहेगा, सनातनी व हिन्दू धर्म के भाई - बहन हम सब एक माता पिता की संतान है, कोई कही और से पैदा हुआ हो मुझे जरूर बताना, बड़े चालाक लोगों ने हम सब को अपने अपने चंगुल में बहला फुसलाकर अपने स्वार्थ सिद्धि के अलग अलग बाँट रखा है। इन सबके स्वार्थ को पहचानो, तुम्हारा भला किसी और से नही, सिर्फ और सिर्फ तुमसे ही होगा, कोई दूसरा किसी का भला नहीं कर सकता।। ©N S Yadav GoldMine #cg_forest {Bolo Ji Radhey Radhey} सनातन धर्म में, भारत वर्ष के लिए ये सभी महान है, ये सब ईन ऋषियो के केवल नाम है, कोई जाति, या पन्थ नही है,
#cg_forest {Bolo Ji Radhey Radhey} सनातन धर्म में, भारत वर्ष के लिए ये सभी महान है, ये सब ईन ऋषियो के केवल नाम है, कोई जाति, या पन्थ नही है, #मोटिवेशनल
read moreBhupendra Rawat
White उन लोगों से निरंतर दूरी बनाये रखे जो आपकी ज़िंदगी में सिर्फ अपनी स्वार्थ पूर्ति की सिद्धि के लिए बने हुए है। ©Bhupendra Rawat #good_evening_images उन लोगों से निरंतर दूरी बनाये रखे जो आपकी ज़िंदगी में सिर्फ अपनी स्वार्थ पूर्ति की सिद्धि के लिए बने हुए है।
#good_evening_images उन लोगों से निरंतर दूरी बनाये रखे जो आपकी ज़िंदगी में सिर्फ अपनी स्वार्थ पूर्ति की सिद्धि के लिए बने हुए है। #विचार
read moreSant Rampal Ji Maharaj
#सिद्धि_बड़ी_या_भगवान परमात्मा के सामने गोरखनाथ की सिद्धि हुई फेल। एक बार गोरखनाथ जी जमीन में गड़े लगभग 7 फुट ऊँचें त्रिशूल के ऊपर सिद्धि से #mahadev #mandir #Shiv #Bholenath #भक्ति #gorakhpur #explorepage #gorakhnath #KabirPrakatDiwas #KabirParmatma_Prakat
read moreSant Rampal Ji Maharaj
कबीर परमात्मा से हारने के बाद गोरखनाथ बोला, हे भगवान! आप कौन शक्ति हो? कहां से आए हो ? मेरे सामने टिकने वाला आज पृथ्वी पर कोई नहीं। परमात्मा #भक्ति #kashi #Nath #सिद्धि #gorakhnath #SaintRampalJi #KabirisGod #nathdwara #सिद्धि_बड़ी_या_भगवान
read moreN S Yadav GoldMine
White भगवान गणेश की पत्नी और पुत्र:- {Bolo Ji Radhey Radhey} 🌻 पौराणिक कथानुसार भगवान गणेश का विवाह दो जुड़वां बहनों रिद्धि (समृद्धि की देवी) और सिद्धि (बुद्धि की देवी) से हुआ था, जिन्होंने उनके दो पुत्रों शुभ (शुभ) और लाभ (लाभ) को जन्म दिया था। लेकिन दक्षिण भारत में, यह माना जाता है, कि गणेश एक ब्रह्मचारी हैं। क्यों कहलाते हैं, एकदंत और तुलसी अर्पित करना वर्जित.. 🌻 पौराणिक कथानुसार, महर्षि वेदव्यास ने भगवान गणेश को महाभारत की कथा सुनकर उनसे लिखने का आग्रह किया था। तब गणपति ने शर्त रखी थी कि वह बिना रुकावट के लिखेंगे, लेकिन कहा जाता है कि लिखते- लिखते बीच में मोर का पंख टूट गया था, तब गजानन ने अपने एक हाथी दांत को तोड़कर उससे लिखना शुरू कर दिया था। तब से गजानन को हम एकदंत भी कहते हैं। इसके अलावा गणपति को दूर्वा चढ़ाई जाती है और तुलसी अर्पित करना वर्जित है। माना जाता है, एक बार तुलसी देवी ने गणेश जी से शादी करने के लिए कहा तो गणपति ने उनसे कहा कि वह हमेशा ब्रह्मचारी ही रहेंगे। यह सुनकर तुलसी क्रोधित हो गईं, और उनकी जल्द शादी होने की बात कही यह सुनकर गणेश जी भी क्रोधित हो उठे, और उन्होंने तुलसी को हमेशा के लिए एक पौधा होने का श्राप दिया। 🌻 ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदया.. ©N S Yadav GoldMine #flowers भगवान गणेश की पत्नी और पुत्र:- {Bolo Ji Radhey Radhey} 🌻 पौराणिक कथानुसार भगवान गणेश का विवाह दो जुड़वां बहनों रिद्धि (समृद्धि की
#flowers भगवान गणेश की पत्नी और पुत्र:- {Bolo Ji Radhey Radhey} 🌻 पौराणिक कथानुसार भगवान गणेश का विवाह दो जुड़वां बहनों रिद्धि (समृद्धि की #मोटिवेशनल
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White महाभारत: आश्रमवासिक पर्व एकोनत्रिंश अध्याय: श्लोक 1-20 {Bolo Ji Radhey Radhey} 📒 जनमेजय ने पूछा - ब्राह्मण। जब अपनी धर्म पत्नी गान्धारी और बहू कुन्ती के साथ नृपश्रेष्ठ पृथ्वी पति धृतराष्ट्र वनवास के लिये चले गये, विदुर जी सिद्धि को प्राप्त होकर धर्मराज युधिष्ठिर के शरीर में प्रविष्ट हो गये और समस्त पाण्डव आश्रम मण्डल में निवास करने लगे, उस समय परम तेजस्वी व्यास जी ने जो यह कहा था कि मैं आश्चर्यजनक घटना प्रकट करूँगा वह किस प्रकार हुई? यह मुझे बतायें। अपनी मर्यादा से कभी च्युत न होने वाले कुरूवंशी राजा युधिष्ठिर कितने दिनों तक सब लोगों के साथ वन में रहे थे? प्रभो। निष्पाप मुने। सैनिकों और अन्तःपुर की स्त्रियों के साथ वे महात्मा पाण्डव क्या आहार करके वहाँ निवास करते थे? वैशम्पायन जी ने कहा । कुरूराज धर्तराष्ट्र पाण्डवों को नाना प्रकार के अन्न-पान ग्रहण करने की आज्ञा दे दी थी, अतः वे वहाँ विश्राम पाकर सभी तरह के उत्तम भोजन करते थे। 📒 इसी बीच में जैसाकि मैनें तुम्हें बताया है, वहाँ व्यास जी का आगमन हुआ। राजन्। राजा धृतराष्ट्रके समीप व्यास जी के पीछे उन सब लोगों में जब उपयुक्त बातें होती रहीं, उसी समय वहाँ दूसरे-दूसरे मुनि भी आये। भारत। उन में नारद, पर्वत, महातपस्वी देवल, विश्वावसु, तुम्बरू तथा चित्रसेन भी थे। धृतराष्ट्र की आज्ञा से महातपस्वी कुरूराज युधिष्ठिर ने उन सब की भी यथोचित पूजा की। युधिष्ठिर से पूजा ग्रहण करके वे सब के सब मोरपंख के बने हुए पवित्र एवं श्रेष्ठ आसनों पर विराजमान हुए। कुरूश्रेष्ठ। उन सब के बैठ जाने पर पाण्डवों से घिरे हुए परम बुद्धिमान राजा धृतराष्ट्र बैठे। गान्धारी, कुन्ती, द्रौपदी, सुभद्रा तथा दूसरी स्त्रियाँ अन्य स्त्रियों के साथ आस -पास ही एक साथ बैठ गयीं। नरेश्वर। उस समय उन लोगों में धर्म से सम्बन्ध रखने वाली दिव्य कथाएँ होने लगीं। प्राचीन ऋषियों तथा देवताओं और असुरों से सम्बन्ध रखने वाली चर्चाएँ छिड़ गयीं। 📒 बातचीत के अन्त में सम्पूर्ण वेदवेत्ताओं और वक्ताओं में श्रेष्ठ महातेजस्वी महर्षि व्यास जी ने प्रसन्न होकर प्रज्ञाचक्षु राजा धृतराष्ट्र से पुन: वही बात कही। राजेन्द्र। तुम्हारे हृदय में जो कहने की इच्छा हो रही है, उसे मैं जानता हूँ। तुम निरन्तर अपने मरे हुए पुत्रों के शोक से जलते रहते हो। महाराजा। गान्धारी, कुन्ती और द्रौपदी के हृदय में भी जो दुःख सदा बना रहता है, वह भी मुझे ज्ञात है। श्रीकृष्ण की बहन सुभद्रा अपने पुत्र अभिमन्यु के मारे जाने का जो दुःसह दुःख हृदय में धारण करती है, वह भी मुझे अज्ञात नहीं है। कौरवनन्दन। नरेश्वर। वास्तव में तुम सब लोगों का यह समागम सुनकर तुम्हारे मानसिक संदेहों का निवारण करने के लिये मैं यहाँ आया हूँ। ये देवता, गन्धर्व और महर्षि सब लोग आज मेरी चिरसंचित तपस्या का प्रभाव देखें।l ©N S Yadav GoldMine #love_shayari महाभारत: आश्रमवासिक पर्व एकोनत्रिंश अध्याय: श्लोक 1-20 {Bolo Ji Radhey Radhey} 📒 जनमेजय ने पूछा - ब्राह्मण। जब अपनी धर्म पत्
#love_shayari महाभारत: आश्रमवासिक पर्व एकोनत्रिंश अध्याय: श्लोक 1-20 {Bolo Ji Radhey Radhey} 📒 जनमेजय ने पूछा - ब्राह्मण। जब अपनी धर्म पत् #विचार
read moreShaarang Deepak
Shri Hanuman Chalisa (श्री हनुमान चालीसा) chaupai (31 & 32) explained with Hindi meaning (हिंदी अनुवाद/ अर्थ) ॥ Let's Learn with The Mystic #भक्ति #hanumanjayanti #JaiShreeRam #Shorts #hanumanji #hanumanchalisa #hanumantemple #हनुमान_चालीसा #hanumanbhajan
read moreबेजुबान शायर shivkumar
देवी सिद्धिदात्री सिद्धिदात्री हैं नवम, माँ दुर्गा अवतार I अभिलाषा पूरी करें, देवी बारम्बार II . कल्याण हेतु ही रखा, सिद्धिदात्री नाम I विधि विधान से सब करें, पूजन के हर काम II . शिव के आशीर्वाद से, अष्ट-सिद्धि कीं प्राप्त I धन-बल-यश से युक्त माँ, चहुँदिश में हैं व्याप्त II . माँ का आसन है कमल, रहती सिंह सवार I चक्र, गदा कर दाहिने, करे दुष्ट संहार II . शंख, कमल धारण किए, अपने बाएँ हाथ I शांति, धर्म, सत्कर्म का, देवी देती साथ II . दान नारियल का करें, काला चना प्रसाद I देवी को प्रिय बैंगनी, इसमें नहीं विवाद II . सिद्धिदात्री साधना, जो भी करता संत I कुछ रहता अगम्य नहीं, करे अवरोध अंत II . शिव के अर्द्ध शरीर में, शामिल देवी मान I जागृत बोध असारता, जो भी करता ध्यान II . देवी मंगल दायिनी, शिव का यह वरदान I सभी कार्य में सफलता, भक्तों करे प्रदान II . पूजन में अर्पित करें, मधु, फल-पुष्प सुगन्ध I देवी भक्तो प्रति रखे, प्रेमपूर्ण सम्बन्ध II ©Shivkumar #navratri #navaratri2024 #navratri2025 #नवरात्रि #Nojoto देवी सिद्धिदात्री सिद्धिदात्री हैं नवम, #माँ दुर्गा अवतार I अभिलाषा पूरी करे
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