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doctor vishal Kumar
karishma Gujjar motivation quote
कल मैंने सभी लेखकों को प्रोत्साहन बढ़ाने के लिए एक मैल लिखा नोजोटो टीम को उसे आप नीचे Coptaion में पढ़ें और नोजोटो टीम की उस मैल पर प्रक्रिया बहुत ही सराहनीय रही पुरा लेख पढ़ें। ©karishma Gujjar motivation quote नमस्कार नोजोटो टीम में करिश्मा जो की आपके हमारे प्रिय नोजोटो ऐप पर लिखते https://nojoto.page.link/JfSNv हुये मुझे एक साल से ऊपर का समय कब
nisha Kharatshinde
आज मी अन् तो (पाऊस) तो बरसतच होता मनसोक्त माझ्याशी गप्पा मारत.. मी ही बाल्कीनीतून हसत त्याला होते न्याहळत दिवसभर बोललो आम्ही सांज व्हायला लागली होती रात्रीही येणार का रे हो...गर्जना ऐकू येत होती कसे गेले वर्ष अखेर त्याने मला विचारले फक्त तुझीच प्रतिक्षा सोड...तूला खूप आठवले गंधाळल्या दाही दिशा आज मी ही मंत्रमुग्ध जाहले त्या चातकासारखीच मी ही आज खरी तृप्त झाले तो ही ऐकून हसू लागला वाट त्यानेही पाहिली होती अंधार सगळीकडे पसरला तितक्यात आईने हाक मारली होती ✍️(निशा खरात/शिंदे)काव्यनिश ©nisha Kharatshinde आज मी अन् तो(पाऊस)
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
White ग़ज़ल :- वो आती लौट पर जाने की जल्दी थी । पुकारो मत उधर जाने की जल्दी थी ।।१ छुपा लेता खुशी सारी सभी से मैं । करूँ क्या आँख भर जाने की जल्दी थी ।।२ हटे कैसे नज़र मेरी हँसी रुख से । जिसे अब देख तर जाने की जल्दी थी ।।३ न था अपना कोई उसका मगर फिर भी । उसे हर रोज घर जाने की जल्दी थी ।।४ सँवरना देखकर तेरा मुझे लगता । तुझे दिल में उतर जाने की जल्दी थी ।।५ बताती हार है अब उन महाशय की । उन्हें भी तो मुकर जाने की जल्दी थी ।।६ नशे की लत उसे ऐसी लगी यारों । जैसे उसको भी मर जाने की जल्दी थी ।।७ सही से खिल नहीं पाये सुमन डाली । जमीं पे जो बिखर जाने की जल्दी थी ।।८ लगाये आज हल्दी चंदन वो बैठे । न जाने क्यों निखर जाने की जल्दी थी ।।९ किये सब धाम के दर्शन प्रखर ऐसे । खब़र किसको निकर जाने की जल्दी थी ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- वो आती लौट पर जाने की जल्दी थी । पुकारो मत उधर जाने की जल्दी थी ।।१ छुपा लेता खुशी सारी सभी से मैं । करूँ क्या आँख भर जाने की जल्दी थ
K R SHAYER
Mehfuza
White हमें लगा आपको हमारी बातें चे-मी-गोइयाँ मालूम होती है, इसलिए हमने आपसे गुफ्तगू करना छोड़ दिया। ©Mehfuza #Moon हमें लगा आपको हमारी बातें चे-मी-गोइयाँ मालूम होती है, इसलिए हमने आपसे गुफ्तगू करना छोड़ दिया।
Sangeeta Kalbhor
White नही चाहता.. सुनते क्यूँ नही अब तुम पुकार कब से लगा रहा हूँ थककर बैठा हूँ देखो मैं कब से खुदको जगा रहा हूँ हारुँगा नही मैं कभी उलझन में मगर पड़ गया हूँ कहाँ जाऊँ कैसे जाऊँ सोचविचारों में अड़ गया हूँ आओ , आओ मुझे बताने और आओ मुझे समझाने नही नही मैं नही चाहता टूटकर यूं बिखर जाने..... मी माझी..... ©Sangeeta Kalbhor #Night नही चाहता.. सुनते क्यूँ नही अब तुम पुकार कब से लगा रहा हूँ थककर बैठा हूँ देखो मैं कब से खुदको जगा रहा हूँ हारुँगा नही मैं कभी उलझन
aaj_ki_peshkash
Sangeeta Kalbhor
Life Like जब से मिले हो तुम.. जब से मिले हो तुम हम हमसे ही मिला करते है था एक दिल हमारा हमारे पास वो तुम्हें ही हम दिया करते है क्या थे हम क्या हो गये पूराने थे हम नये हो गये सोचा ना समझा ना जाना तुम्हें दिल अपना पराया कर गये लिखा करते है तुम पर कविता हम हमारे रहे नही बहुत कहनी थी तुमसे तुम्हारी बातें क्या करें हम कहे नही दिल कहे या कहे जान तुम फकत इतना बतला दो गजल लिखना चाहते है तुम पर शेर तो लिख देंगे...तुम मतला दो..... मी माझी..... ©Sangeeta Kalbhor #Lifelike जब से मिले हो तुम हम हमसे ही मिला करते है था एक दिल हमारा हमारे पास वो तुम्हें ही हम दिया करते है क्या थे हम क्या हो गये पूराने थ