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theABHAYSINGH_BIPIN
White तराशो मुझे ख्वाहिशों के सांचे में, तपने दो इस बदन की जलती आग में। बरसों मुझ पर बादल-सा बरसा करो, बह जाने दो मुझे दरिया की धार में। घटा बनके छाई तेरी ज़ुल्फ़ें घनी, खो जाने दो मुझे मखमली छांव में। ऐशगाह अब वीरान क्यों लगता है, ले चलो मुझे ख़्वाबों की गोद में। अरसों से खुद को सँवारा है मैंने, बांध लो अब मुझे नैनों के जाल में। लौट गए जज़्बातों के सारे खरीदार, मैं बिक गया बस इश्क़ के बाज़ार में। थक चुका हूं मैं इस कच्ची सर्दी से, ले चलो मुझे इश्क़ की गरमाहट में। ढूंढते रहे जो मुझे शहर के शोर में, अब बसा हूं 'अभय' कुदरत के गांव में। ©theABHAYSINGH_BIPIN #sad_shayari तराशो मुझे ख्वाहिशों के सांचे में, तपने दो इस बदन की जलती आग में। बरसों मुझ पर बादल-सा बरसा करो, बह जाने दो मुझे दरिया की धार
#sad_shayari तराशो मुझे ख्वाहिशों के सांचे में, तपने दो इस बदन की जलती आग में। बरसों मुझ पर बादल-सा बरसा करो, बह जाने दो मुझे दरिया की धार
read moreSrinivas
कौशल की धार और मेहनत का वार, हर कठिनाई को करता बेकार। ©Srinivas कौशल की धार और मेहनत का वार, हर कठिनाई को करता बेकार।
कौशल की धार और मेहनत का वार, हर कठिनाई को करता बेकार।
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
White बार-बार कोशिशें की मैंने, हर बार चोट मैं खाता हूँ। फिर भी हिम्मत है इतनी, जीत की कसम मैं खाता हूँ। लक्ष्य नए नहीं, ये संकल्प है, मेहनत से मैं ना घबराता हूँ। हुंकार भरूंगा फिर से मैं, संकल्प का फल मैं पाता हूँ। वचन ही मेरा शस्त्र बना, हर कदम पर धार लगाता हूँ। हिम्मत मेरी कभी ना टूटे, महादेव का ध्यान लगाता हूँ। पक्की करती जीत मेरी, जब ईश्वर का गुण गाता हूँ। लक्ष्य से परे नहीं अस्तित्व मेरा, संघर्षों का मैं आदि हूँ। थकूंगा नहीं बिना जीत के, विजयी विश्व का वासी हूँ। ©theABHAYSINGH_BIPIN #बार-बार कोशिशें की मैंने, हर बार चोट मैं खाता हूँ। फिर भी हिम्मत है इतनी, जीत की कसम मैं खाता हूँ। लक्ष्य नए नहीं, ये संकल्प है, मेहनत से
#बार-बार कोशिशें की मैंने, हर बार चोट मैं खाता हूँ। फिर भी हिम्मत है इतनी, जीत की कसम मैं खाता हूँ। लक्ष्य नए नहीं, ये संकल्प है, मेहनत से
read moreSumitGaurav2005
बहुत ही साधारण दिखता हूँ मैं। बड़ी ही सरल भाषा में लिखता हूँ मैं। मुझे देख कर धोखा मत खाना दोस्तों, तलवार नहीं कलम से प्रहार करता हूँ मैं। ✍
read moreGhumnam Gautam
कभी ये नाव जैसी हैं, कभी पतवार जैसी हैं किनारा हैं कभी ये और कभी मझधार जैसी हैं इन्हें बस खेलने का तुम कोई सामान मत समझो कलम-सी लड़कियाँ ये सब खुली तलवार जैसी हैं ©Ghumnam Gautam #लड़कियाँ #कलम #तलवार #ghumnamgautam
#लड़कियाँ #कलम #तलवार #ghumnamgautam
read moreIG @kavi_neetesh
White एक सवाल --------- एक सवाल देश से, देश से नहीं,देश के नेताओं से, आमजन को, क्यों जाति, धर्म में बांटना चाहते है? आखिर क्यों देश तोडना चाहते है?। --- सत्ता किसी की स्थायी नहीं होती, समय की धार में बहती रहती, फिर क्यों उसे अपनी निजी सम्पत्ति समझते हों? क्यों सत्ता के लिये धर्म जाति के, तुष्टिकरण की राजनीति करते हों ?। ---- क्यों देश को अगड़े पिछड़े और भी कई टुकड़ों में में बाँट रहें हों? क्यों देश के अपराधियों, आतंकियों की ढाल बन रहें हों ?। ---- आखिर क्यों नहीं सोचते, ज़ब देश रहेगा,तभी हम आप रहेंगे, आज जिन्हें सत्ता के लिये पनाह दें रहें, वही कल हमें विकट संताप देंगे, हमारी धर्म संस्कृति को निगल जायेगे, हमारे निशान भी सिर्फ इतिहास में नजर आयेंगे। ---- जिन जातियों की राजनीति कर रहें, उन जातियों के निशान भी न रहेंगे, हमारे धर्म संस्कृति संस्कार सब नष्ट होंगे। ---- अभी वक़्त हैं, संभल जाओ, महा विनाश को न बुलाओ आतंकी दस्तक आज,हर तरफ सुनाई दें रहीं हैं, चेतावनियो के स्वरों की अग्नि प्रज्जवलित हों रहीं हैं, अराजकता की आग फैलने के पहले ही बुझाओ, तुष्टिकरण की राजनीति छोड़ राष्ट्र रक्षा में जुट जाओ। ©IG @kavi_neetesh #love_shayari एक सवाल --------- एक सवाल देश से, देश से नहीं,देश के नेताओं से, आमजन को, क्यों जाति, धर्म में बांटना चाहते है? आखिर क्यों दे
#love_shayari एक सवाल --------- एक सवाल देश से, देश से नहीं,देश के नेताओं से, आमजन को, क्यों जाति, धर्म में बांटना चाहते है? आखिर क्यों दे
read morepramod malakar
@ हाथों में तलवार थाम लो @ चलो जागो उठो निकलो , हाथों में तलवार थाम लो । तुम्हारा सनातन ख़तरे में है , यही सच है तुम मान लो । कांग्रेस,सपा,राजद और , झामूमो का साथ छोड़ दो। जो धर्म विरोधी है देश विरोधी, उसका राह मोड़ दो। दुनिया से हिन्दू खत्म, पाकिस्तान में हिन्दू खत्म , बंगलादेश में खून बह रहा है। चलो जागो उठो निकलो , हाथों में तलवार थाम लो । कल औरंगजेब बाबर ने मंदिर तोड़ा, आज पाकिस्तान बंगलादेश में टूट रहा है। नहीं जागे तो तुम्हारा खत्म होना तय है, हो रहा भारत इस्लाम मय है । वक्त कम है खून गर्म करो , दिल कठोर करो नहीं नर्म करो। चलो जागो उठो निकलो , हाथों में तलवार थाम लो ।। #################### प्रमोद मालाकार ... 26.11.24 ©pramod malakar #हाथों में तलवार थाम लो ।
हाथों में तलवार थाम लो ।
read moreAnkita Tantuway
और वक़्त आने पे जो तलवार लेकर लड़ सके, ऐसी हर लड़की में झलकारी होनी चाहिए #veerangana #jhalkaribai #India
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