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ਸੀਰਿਯਸ jatt
–Muku2001
जो कहना हैं वो कह दो हां मैं कंजूस हूं हा मैं मक्खी चूस हूं क्योंकी मैंने गरीबी को बहुत करीब से जो देखा हैं ! ©–Muku2001 #poor #Life #Life_experience #Quote #Nojoto #गरीबी #muku2001 #story #status #nojohindi hindi
neelu
पहले ज्ञान जानकारी, तथ्य, सच और झूठ इन में विभाजित थ1 now ज्ञान अमीर गरीबी में भी विभाजीत हो गया ©neelu #truecolors पहले ज्ञान जानकारी, तथ्य, सच और झूठ इन में विभाजित थ1 now ज्ञान अमीर गरीबी में भी विभाजीत हो गया
Arshemah '
आंखों में बस गई है रात इसे कोई तो निकाल दो दिन को याद कर सकूं ऐसी कोई मिसाल दो जो कभी न जी सका ऐसा पल उतार दो जो तुमपे फब नहीं रहे वो दर्द मुझ पे वार दो सच जो थक के सो गया अब ना उठ सकेगा वो तर्क तुम हज़ार दो तुमको जो ना भा रहा उसका ही उपहार दो मैं भी कुछ तो जी सकूं जिंदगी उधार दो Arshemah Siddiq Adab ©Arshemah ' #विकास #गरीबी #मोटिवेशनल #कविता
Sumit Kumar
हम तो मरने के बाद भी खुश होंगे क्यू कि जीना मुश्किल होता है गरीबी मेरे दोस्त 🫂😥😥😥 ©Sumit Kumar #सुमितकुमार गरीबी बहुत रुलाती है
Dr.Prabhakar Singh
मुझे दहेज चाहिए तुम लाना 2.4 बक्से भर के कुछ चांदी कुछ सोने के टुकड़े तुम लाना अपने पिता की कमाई तुम ले आना कुछ हिस्सा अपने भाई का मुझे दहेज चाहिए बक्से में अपनी बचपन की यादें लाना छोड़ चुके जो कपड़े बचपन के उने जरूर लाना जो डाले थे बचपन में गहने उने न छोड़ के आना जो पिता ने कमाई है इजत उनको साथ ले कर आना जो मिला नही प्यार भाई का उस प्यार को अपना बना के आना आते आते तुम ये दहेज जरूर लाना ©Dr.Prabhakar Singh मुझे दहेज चाहिए
PURAN SINGH CHILWAL
🥀खूबसूरत बात 🥀 🥀🥀🥀🥀🥀 खुशी नहीं दे सकते तो दुख भी ना पहुंचाएं तारीफ नहीं कर सकते तो बुराई भी ना कर 🥀🥀🥀🥀🥀🥀 परवरिश और संस्कार बहुत मायने रखते हैं सिर्फ पढ लिख कर कोई अच्छा इंसान नहीं बन पाता है 🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀 ©PURAN SINGH CHILWAL #longdrive ❤️दिल से ❤️ दिल तक❤️🥀🥀परवाह नहीं मुझे जमाने की बातों का मुझे अपने आप से बेहतर कोई नहीं जानता🥀 किसी की गरीबी को देखकर रिश्ता मत तो
Manya Parmar
GoluBabu
Praveen Jain "पल्लव"
Holi is a popular and significant Hindu festival celebrated as the Festival of Colours, Love, and Spring. पल्लव की डायरी मुस्कराने की बजह बने तीज त्योहार गमो को भूलाना है गरीबी में तब भी हम जीते थे मगर अवसाद और डिप्रेशन में नही जाते थे समाजिक और पारिवारिक पृष्ठभूमि ऐसी थी हम सबके दुख दर्द को गले लगाते थे ये त्योहारो और संस्कृति का जो चलन है उसमे हम जाति पाती और मजहब से ऊपर कौमो का मेला लगाते थे होली को फ़ूडता और उदण्डता का त्योहार बताकर लोग हमें पिछड़ा और जंगली होने की तोहमत लगा जाते है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #holi2024 तब गरीबी में हम अवसाद और डिप्रेशन में नही जाते थे #nojotohindi