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pawan€

हरि ओम हरि ओम हरि ओम

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Tikeshwar Dhiwar

हरि ओम

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जो मंजिल पे चलते है 'वे शिकवा नही करते
जो शिकवा करते है 'वे मंजिल नहीं  किया करते हरि ओम

It's chhipu shashi yadav@official78

#ओम . .#हरि 🙏🏻🙏🏻 #Society

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Anamika

#कृष्णप्रेम हरि सुंदर नंद मुकुंद, हरि नारायण हरि ओम … 2 हरि केशव हरि गोविंदा, हरि नारायण हरि ओम … 2 #कृष्णार्पण #योरकोटभक्ति #धुन #प्रीत #तूलिकाकेरंगं

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भक्ति का चखा स्वाद जिसने,
 राधे-राधे समा गया उसमें..

सुनुं जब मुरली की धुन तेरी,
थिरक ही उठती पायल मेरी...

न मीरा ,न राधा न रूक्मण ठहरी
संग तेरे बतयाऊं, प्रीत बड़ी गहरी...
 #कृष्णप्रेम 
हरि सुंदर नंद मुकुंद, हरि नारायण हरि ओम … 2

हरि केशव हरि गोविंदा, हरि नारायण हरि ओम … 2


#कृष्णार्पण 
#योरकोटभक्ति

Shaurya Pandey

Shiv stotram tandav ओम ओम ओम नमः शिवाय जय महाकाल हरि ओम #poem

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Shivakant Sen

ओम श्री हरि भगवान विष्णु #Flute #विचार

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Ravindra Singh

मेरे नारायण साकार हरि... #Poetry

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Chhagan Raj Rao

नमन मेरा स्वीकारो माँ #कविता

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Ravindra Singh

कब आओगे मेरे घर मेरे नारायण हरि। #merekanha #कविता

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Ravindra Singh

कब आओगे मेरे घर मेरे नारायण हरि #Stars #कविता

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'कब आओगे मेरे घर मेरे नारायण हरि'

अँखियाँ तरसने लगी हैं,
आंसुओं से बरसने लगी हैं।

कब आओगे मेरे घर मेरे नारायण हरि,
बुझाने दिल क़ी जो लौ तुमसे मिलने क़ी दिल में लगी है।

हालाँकि कभी कभी मैं दिल में सुकून का अनुभव करता हूँ,
जब बैठ जाता हूँ ध्यान लगाकर तुम्हारी तस्वीर के सामने।

खो जाता हूँ एक ऐसी आनंद भरी दुनिआ में,जहाँ जैसे मेरे सारे कष्ट हर लिए हों तुम्हारे इस हरि नाम ने।
नहीं थीं पहले कभी ऐसी, जैसी प्रीत व लगन प्रभु तुम्हारे लिए कुछ वर्षों से जगी हैं।

अँखियाँ तरसने लगी हैं,
आंसुओं से बरसने लगी हैं।

कब आओगे मेरे घर मेरे नारायण हरि,
बुझाने दिल क़ी जो लौ तुमसे मिलने क़ी दिल में लगी है।

चर्चा तुम्हारी बहुतों से सुनी
आते है तुम्हारे सत्य के साथ में बड़े बड़े ऋषि मुनि।

पर मैंने तुमको तब जाना,
रूठने पर मेरे जब तुम्हें मुझे मनाने पड़ा था,
मेरे स्वप्न में आना।

बचाया था तुमने मुझे एक ऐसे गलत व्यक्ति की संगत से,
जिसने ना जाने कितने लोगों की जेबें ठगी हैं।

अँखियाँ तरसने लगी हैं,
आंसुओं से बरसने लगी हैं।

कब आओगे मेरे घर मेरे नारायण हरि,
बुझाने दिल क़ी जो लौ तुमसे मिलने क़ी दिल में लगी है।

©Ravindra Singh कब आओगे मेरे घर मेरे नारायण हरि 


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