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love you zindagi
कोई होगा समन्दर जो पास तेरे आयेगा। कोई होगी नदी जो तेरी प्यास बुझाएगी । हम दरिया हैं चाहत में डुबाने का हुनर जानते हैं ।। ✍️वकील साहब ©love you zindagi #landscape #समन्दर #किनारा #नदी
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read moreShreyansh Gaurav
White "यें नींद कहाँ रहतीं है" रात में सुकून की नींद आये, इक़ अरसा गुज़र गया है..! इक़ पल सोता में हूँ, नींद खुल जाती है, रात भर जागते रहता हूँ..! क्या हुआ है नींद को कोई कुछ बता सकता है क्या.! यें मुझसे क्यूँ रूठी है कोई सुलझा सकता है क्या..! चलती रहतीं है रात अपनी रफ्तार से हौले हौले..! रात में घड़ी की सुईयों की आवाज़ लगातार टिक टिक करतीं रहतीं है..! यें टिक टिक की आवाज़ कानो में भी लगातार गुज़ती रहतीं है..! चाहता हूँ मैं भी सो जाऊ इस नींद का कोई पता बताओ यें नींद अब कहाँ रहतीं है..!! ©Shreyansh Gaurav #goodnightimages #नींद अब कहाँ रहतीं है
#goodnightimages #नींद अब कहाँ रहतीं है
read moreParasram Arora
White खाई थीं कसम सागर ने कि इक दिन वो रेगिस्तान मे भी फुल खिला दे गा अपनी कसम पूरी करने के लिए भेजा था उसने एक नदी को रेगिस्तानको सीचने के लिए पर वो नदी रेगिस्तान क़ी तपी रेत मे लुप्त हो जायेगी और लौट नही पाएगी ऐसा न उस सागर ने सोचा था न उस बदनसीब नदी ने ©Parasram Arora बदनसीब नदी
बदनसीब नदी
read moreAshraf Fani
White फिर उसी राह पे हैं हम निकले फिर नये कांटों से उलझने को माना हम ढीठ सही, वो भी तो है मामला है कहाँ सुलझने को ©Ashraf Fani फिर उसी राह पे हैं हम निकले फिर नये कांटों से उलझने को माना हम ढीठ सही, वो भी तो है मामला है कहाँ सुलझने को #ashraffani
फिर उसी राह पे हैं हम निकले फिर नये कांटों से उलझने को माना हम ढीठ सही, वो भी तो है मामला है कहाँ सुलझने को #ashraffani
read moreShreyansh Gaurav
"नदी का पुराना पुल" कभी तुम गये हो गांव में नदी के किनारे बहुत सुकून मिलता है.! पहले मैं गांव रहता था, दोस्तों का ज़मावड़ा, मज़मा लगता था.! नदी पर पहले इक़ पुल था जो अंग्रेजो के वक़्त का बना है.! गया था मैं गांव कुछ साल पहले देखा अब बदल गया है.! उस पुल के बगल इक़ नया पुल बन गया है, पुराने पे अब सन्नाटा है सुना किसी ने बोला अब यहाँ कोई नहीं आता है.! पूछा क्यूँ कुछ हुआ था क्या इक़ ने कहा भैया, यहाँ कोई मर गया था.! इसलिये अब सब डरते है इधर कोई नहीं आता है.! हमनें देखा बहुत सन्नाटा छाया था जहाँ पहले लोंगो को सुकून मिलता था वही से लोग अब डरने लगे है.! क्या तुम भी लोंगो की तरह बुज़ुर्गो को छोड़कर नये ढूढने लगे हो.! मैं गया वहाँ अकेले ही मुझे कोई डर नहीं फ़िर वही सुकून, मुझे गांव लें गया.! यें "नदी का पुराना पुल " मुझे अब भी याद है, मुझे सुकून सन्नाटा दें गया.!! ©Shreyansh Gaurav #नदी का पुराना पुल #poerty
Parasram Arora
White समुन्दर नदियों को बहला फुसला कर उनके तरल ख़ज़ाने लूटता रहा और वे बदनसीब नदिया अपने वजूद का इंतकाल होते देख आंसू बहाती रहीं ©Parasram Arora समुन्दर और नदी
समुन्दर और नदी
read moreGeeta khati
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset इस दुख भरे मन में एक अजब सी वेदना उठती। पर तू नहीं दिखती मुझको तेरी यादें मन में रहती। दीदी तेरी एक झलक देखने को। अब ये आंखे बहुत तरसती। ©Geeta khati दीदी कहाँ हो तुम
दीदी कहाँ हो तुम
read morevish
मैं ठहरे हुए कुएँ का वो पानी नहीं, जो थम जाऊँ.... मैं बहती नदी की वो धारा हूँ, जो साहिल से टकराकर भी, अपने सागर से मिल जाऊँ.... जिंद़गी ©vish # नदी की वो धारा
# नदी की वो धारा
read moreAnjali Singhal
"खुमार है अब कहाँ जाएगा! इश्क़ भरेगा पहले दिल में फिर दर्द देकर जाएगा!!" #AnjaliSinghal #Shayar#loveshayari love #lovestatus #status nojo
read moreSANIR SINGNORI
पराया क्या जाने पीर 'काटली' की कितनी हरी भरी थी वो धरा 'काटली' की पैसे के लालच में आज, साहूकारों ने बेच दी मिट्टी 'काटली' की निकली थी वो तुम्हारी प्यास बुझाने, बुझा दी मानस ने राह 'काटली' की सहस्र जीवों का जीवन थी जो, इंसानों ने छीन ली सांसे 'काटली' की अपनों ने काट दी जड़े 'सानिर' कितनी हरी भरी थी वो धरा 'काटली' की सिर साँटें 'सानिर', तो भी सस्तो जाण, जै बच जाए जान 'काटली' की पराया क्या जाने पीर 'काटली' की कितनी हरी भरी थी वो धरा 'काटली' की . ©SANIR SINGNORI #DesertWalk नदी बचाओ
#DesertWalk नदी बचाओ
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