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Vk srivastav
Unsplash ये ज़माना है कई चेहरों का एक चेहरे से कुछ नही होगा दिख रहे जितने भी सब दूल्हे हैं तेरे सेहरे से कुछ नही होगा ©Vk srivastav ये ज़माना है कई चेहरों का #Shayari #Life #viral #Trending #vksrivastav
ये ज़माना है कई चेहरों का #Shayari Life #viral #Trending #vksrivastav
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी वातावरण दूषित, व्यबस्था मन को कसौटती है आपाधापी मची है जीवन मे खुराक मिलावटी और जहरीली मिलती है खिले है व्यसन के द्वार इनकी लतो से जीडीपी सरकारों की बढ़ती है डिप्रेशन और निराशा के अधीन जीवन जो रोगो को आमंत्रण देती है स्वस्थ रहना अब दूर की कौड़ी हो गया बीमारियों से कई देशों की अर्थव्यवस्था चलती है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Health बीमारियो से कई देशों की अर्थव्यवस्था चलती है
#Health बीमारियो से कई देशों की अर्थव्यवस्था चलती है
read moreVk srivastav
White कई खयाल हैं लोगों के मेरे बारे में जुबां से कुछ नही कहते हैं सब इशारे में मेरी जद्दोजहद पे जिनको हंसी आती है बारिशें छोड़ नहाते हैं ख़ुद फुआरे में ©Vk srivastav कई खयाल हैं लोगों के #viral #Shayari #Videos #SAD #Trending #vksrivastav
SANTU KUMAR
White एक तुम ही तो जानती थी मुझे, मुस्कराने पर भी पूछ लेती थी "क्यों उदास हो?.. ❤️❤️🙏🙏❤️❤️ ©SANTU KUMAR #love_shayari एक तुम ही तो जानती थी मुझे, मुस्कराने पर भी पूछ लेती थी "क्यों उदास हो?.. 🖤
#love_shayari एक तुम ही तो जानती थी मुझे, मुस्कराने पर भी पूछ लेती थी "क्यों उदास हो?.. 🖤
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी खून में सने हाथ ,कत्ल सरेआम हो रहे है भड़कते दंगे बलबे चुनौती सबको दे रहे है पीड़ित है उनसे जन जन जहर समाज को दे रहे है मगर एक बूंद मच्छर किया पीले उससे रोकथाम के लिये विज्ञापनों में चर्चे हो रहे है कटघरे में मुझे खड़ा कर मिटाने के लिये कई प्रबन्ध हो रहे है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #chill मिटाने के लिये कई प्रबन्ध हो रहे है
#chill मिटाने के लिये कई प्रबन्ध हो रहे है
read moreनवनीत ठाकुर
ज़ुबां कहे भी तो किसे सुनाए ग़म, जिस दिल ने जिया है, वही समझे कम। बेनिशान थी आरज़ू, मगर गहरी छाप छोड़ गई, ज़ुबां खामोश रही, मगर दास्तां बोल गई। दिल के अंदर एक कहानी दबी थी, जो न कह सका, वो नरगिस ने सुनाई थी। गहरी छाप थी मोहब्बत की, वक़्त ने छोड़ दी, ज़ुबां की खामोशी में सच्चाई खोल दी। दर्द को छिपाकर, दिल ने उसे सहा, जिसे कह न सका, वही आह में बहा। मौन की गहराई में, दिल की आवाज़ पाई, जो अल्फ़ाज़ न थे, वो खामोशी ने जताई। ©नवनीत ठाकुर #जुबां खामोश थी
#जुबां खामोश थी
read moreneelu
White गर्मी भी बहुत ज्यादा थी बारिश भी बहुत ज्यादा थी मतलब सर्दी भी..... ©neelu #good_night #गर्मी भी बहुत #ज्यादा थी #बारिश भी #बहुत ज्यादा थी मतलब #सर्दी भी.....