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Poetry with Avdhesh Kanojia
ख़ुशी और गम हाल तौ द्याखौ महाराष्ट्र म गिरी गई बीजेपी सरकार। मिलि गें सगरे दल बेढंगा जिन म होति रही तकरार। बंधक बनें विधायक सगरे होई गें फेल अजीत पंवार। छ: महीना या साल म द्याखौ बीजेपी की बनीं सरकार। 🙏😀 ✍️अवधेश कनौजिया© #महाराष्ट्र_राजनीति हाल तौ द्याखौ महाराष्ट्र म गिरी गई बीजेपी सरकार। मिलि गें सगरे दल बेढंगा जिन म होति रही तकरार। बंधक बनें विधायक सगरे हो
SmArT-KinG-Gurudayal
मारग प्रेम को को समझै 'हरिचंद' यथारथ होत यथा है। लाभ कछू न पुकारन में बदनाम ही होने की सारी कथा है। जानत है जिय मेरो भला बिधि और उपाय सबै बिरथा है। बावरे हैं ब्रज के सगरे मोहिं नाहक पूछत कौन विधा है (11th हिंदी का पसंदीदा पाठ्यक्रम) मारग प्रेम को को समझै 'हरिचंद' यथारथ होत यथा है। लाभ कछू न पुकारन में बदनाम ही होने की सारी कथा है। जानत है जिय मेरो भला बिधि और उपाय सबै बि
SmArT-KinG-Gurudayal
मारग प्रेम को को समझै 'हरिचंद' यथारथ होत यथा है। लाभ कछू न पुकारन में बदनाम ही होने की सारी कथा है। जानत है जिय मेरो भला बिधि और उपाय सबै बिरथा है। बावरे हैं ब्रज के सगरे मोहिं नाहक पूछत कौन विधा है (11th हिंदी का पसंदीदा पाठ्यक्रम) मारग प्रेम को को समझै 'हरिचंद' यथारथ होत यथा है। लाभ कछू न पुकारन में बदनाम ही होने की सारी कथा है। जानत है जिय मेरो भला बिधि और उपाय सबै बि
Sunita D Prasad
मैं नदी, तुम हो सागर, मैं मीठा पानी, तुम खारा जल, मैं धारा बन- बहती आती, और तुम बन लहर- बढ़ते आते, मेरा प्रवाह , मेरी व्याकुलता दर्शाता, लाँघ कर तभी न वो, सगरे पर्वत पठार आता,. और तब होता है पूर्ण, और तुम भी तो, ध्येय..मेरे जीवन का, सदा बाँहें खोले, जब मैं ले लेती हूँ समाधि, रहते हो आतुर, तुम्हारी विस्तृत जलराशि में, मुझे अपनाने को, हाँ, यही तो..... तभी जब मैं , होता है न वो संगम, कमतर पानी में, जहाँ मैं का तुम में... गिनती हूँ आखिरी साँसें, होता है, अपने मुहाने पे, संपूर्ण एकाकार....।। तुम बढ़कर मुझको, हो गले लगा लेते, 💐सुनीता डी प्रसाद💐 # yqpowrim #yqdi #mein nadi,tum sagar मैं नदी, तुम हो सागर । मैं मीठा पानी, तुम खारा जल ।
ताजदार
ओ शेरों वाली, मेरी अम्बे मैया। अबकी पार लगा दो, तुम मेरी नैया।। शेष अनुशीर्षक में पढ़ें.. ओ शेरों वाली, मेरी अम्बे मैया। अबकी पार लगा दो, तुम मेरी नैया।। अपने बच्चों पर तुम, नज़रें दया की डालो। ममता के आंचल की, तुम करो सभी पे छैया