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Rameshkumar Mehra Mehra

# तेरे सिबा कोई जज्बात में नही,आंखो में बो नमी है,जो बरसात में नही,पाने की कोशिश,बहुत की मगर,तू एक लकीर है,जो मेरे हाथ में नही.....❤️

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White  तेरे सिबा कोई जज्बात में नही.......
आंखो में बो नमी है.....!
जो बरसात में नही......!!
पाने की कोशिश....!!!
तुझे बहुत की मगर...!!!!
तू एक लकीर है...!!!!!
जो मेरे हाथ में नही.......❤️

©Rameshkumar Mehra Mehra # तेरे सिबा कोई जज्बात में नही,आंखो में बो नमी है,जो बरसात में नही,पाने की कोशिश,बहुत की मगर,तू एक लकीर है,जो मेरे हाथ में नही.....❤️

Sanjeev0834

इतने #दुःख है #मयस्सर हमें मत #पूँछे #आँख #खुलती ही नहीं #नमी की #बदौलत. beingsanjeev0834🦅 nawab_saab💗🤞 Extraterrestrial life s

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इतने दुःख है मयस्सर हमें मत पूँछे
आँख खुलती ही नहीं नमी की बदौलत.


Don't ask me how much pain I have
My eyes are not able to open due to the moisture.

©Sanjeev0834 इतने #दुःख है #मयस्सर हमें मत #पूँछे
#आँख #खुलती ही नहीं #नमी की
 #बदौलत.
#beingsanjeev0834🦅 #nawab_saab💗🤞 #Nojoto 
 Extraterrestrial life s

Nurul Shabd

#दिल में ग़म का साया, आँखों में नमी

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theABHAYSINGH_BIPIN

कौन है जो सूरज को धमका रहा, कोहरे का जाल यूं फैला रहा? क्यों उजाले को निगलने चला, सांसों तक को ठंडा बना रहा? ठंड में अब पानी भी डरा रहा, खु

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कौन है जो सूरज को धमका रहा,
कोहरे का जाल यूं फैला रहा?
क्यों उजाले को निगलने चला,
सांसों तक को ठंडा बना रहा?

ठंड में अब पानी भी डरा रहा,
खुद को भाप में बदल रहा।
किसको यह कारीगरी सूझी है,
जो प्रकृति पर कहर ढा रहा?

कौन है जो चुराने चला,
जो इतनी जल्दी दिन ढल रहा?
समय को घेरने वाला कौन,
जो हर पल को सर्दी में ढल रहा?

उतार दिया है काम का बोझ,
काम छोड़ खुद को गर्म कर रहा।
सर्दी से ठिठुर गए हैं सारे,
इंसान बैठा अलाव जला रहा।

निकले ही हाथ-पैर हो गए सुन्न,
हवा में ऐसी नमी छोड़ रहा।
अब तो पानी पीना भी मुश्किल है,
कौन है जो बर्फ से पानी भिगो रहा?

©theABHAYSINGH_BIPIN कौन है जो सूरज को धमका रहा,
कोहरे का जाल यूं फैला रहा?
क्यों उजाले को निगलने चला,
सांसों तक को ठंडा बना रहा?

ठंड में अब पानी भी डरा रहा,
खु
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