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N S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} सहस्र चंडी यग्न :- 📜 सत्ता बल, शरीर बल, मनोबल, शस्त्र बल, विद्या बल, धन बल आदि आवश्यक उद्देश्यों को प्राप्ति के लिए सहस्र चंडी यग्न का महत्व हमारे धर्म-ग्रंथों में बताया गया है। इस यग्न को सनातन समाज में देवी माहात्म्यं भी कहा जाता है। सामूहिक लोगों की अलग-अलग इच्छा शक्तियों को इस यज्ञ के माध्यम से पूरा किया जा सकता है। अगर कोई संगठन अपनी किसी एक इच्छा की पूर्ति या किसी अच्छे कार्य में विजयी होना चाहता है तब यह सहस्र चंडी यग्न बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। असुर और राक्षस लोगों से कलयुग में लोहा लेने के लिए इसका पाठ किया जाता है। 📜 मार्कण्डेय पुराण में सहस्र चंडी यग्न की पूरी विधि बताई गयी है। सहस्र चंडी यग्न में भक्तों को दुर्गा सप्तशती के एक हजार पाठ करने होते हैं। दस पाँच या सैकड़ों स्त्री पुरुष इस पाठ में शामिल किए जा सकते हैं और एक पंडाल रूपी जगह या मंदिर के आँगन में इसको किया जा सकता है। यह यग्न हर ब्राह्मण या आचार्य नहीं कर सकता है। इसके लिये दुर्गा सप्तशती का पाठ करने वाले व मां दुर्गा के अनन्य भक्त जो पूरे नियम का पालन करता हो ऐसा कोई विद्वान एवं पारंगत आचार्य ही करे तो फल की प्राप्ति होती है। विधि विधानों में चूक से मां के कोप का भाजन भी बनना पड़ सकता है इसलिये पूरी सावधानी रखनी होती है। श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से पहले मंत्रोच्चारण के साथ पूजन एवं पंचोपचार किया जाता है। यग्न में ध्यान लगाने के लिये इस मंत्र को उच्चारित किया जाता है। ©N S Yadav GoldMine #navratri {Bolo Ji Radhey Radhey} सहस्र चंडी यग्न :- 📜 सत्ता बल, शरीर बल, मनोबल, शस्त्र बल, विद्या बल, धन बल आदि आवश्यक उद्देश्यों को प्राप्
Vedantika
मेरे यश की गाथा का समरस स्वर में विजयगान तुम्हीं हो। मेरी गृहस्थी के पालनहार, मेरे हर स्वप्न के साकार तुम्हीं हो! *मेरे चारों धाम तुम्हीं हो / अर्चना पंडा Greetings from Kautukii.. collab your original couplet with the couplet of - ~अर्चना पंडा ❇Highli
Mayank Sharma
'घर' बुला रहा है (पूरी कविता अनुशीर्षक में) होम कमिंग 🙂😎 खुश हो जाते थे जब सीढ़ियों पर गूँजती हुयी ख़ुद की आवाज से आँखें खुलती थी जब हर सुबह चिड़ियों की राग से ना जाने क्यूँ वो बचपन क
Nitesh Prajapati
मेरी जिंदगी और मेरी साँसों की गति तुम हो, कोई पूछे, यही कहूँगी, की मेरे परमेश्वर भी तुम हो। — % & *मेरे चारों धाम तुम्हीं हो / अर्चना पंडा Greetings from Kautukii.. collab your original couplet with the couplet of - ~अर्चना पंडा ❇Highli
kavi manish mann
गली और बाज़ार में देखा। सत्संग के पंडाल में देखा। पूरा कैप्शन में पढ़ें ✍️✍️✍️ 🙏😊😊 "मन" की बात भाग -2 शीर्षक - मन की बात गली और बाज़ार में देखा। सत्संग के पंडाल में देखा। जाकर के शमशान में देखा। बाबाओं के मजार में देखा।।
kavi manish mann
क़ैद कर लो तुम मुझे घर की चारदीवारी से, मैं मरना नहीं चाहता कोराना बीमारी से। दूर रहो लोगो सारी दुनियादारी से, स्थिति बहुत गंभीर है बचो इस बीमारी से। इक्कीस दिन बंदी है, न निकलो घर की चारदीवारी से, दवा भी काम न आई, हारे सारे देश इस महामारी से, अन्धविश्वास से दूर रहो, बचो मुल्ला (पंडा)पुजारी से, अपने ईष्ट को याद करो, विनती करो बनवारी से। दूर से नमस्कार करो ' मन ', बचो भेटनवारी से। स्थिति बहुत गंभीर है "मनीष", बचो इस बीमारी से। क़ैद कर लो तुम मुझे घर की चारदीवारी से, मैं मरना नहीं चाहता कोराना बीमारी से। दूर रहो लोगो सारी दुनियादारी से, स्थिति बहुत गंभीर है बचो इस
Deepak Kanoujia
बुद्ध एक छिछली नदी हैं जो तुम्हें गहरे में उतारते हैं पर तुम्हें डूबने नहीं देते... बुद्ध से मैं सबसे पहले मिला कक्षा 7 में जब मैंने पढ़ी कहानी महात्मा बुद्ध और डाकू अंगुलिमाल...उनका वो कथन " मैं तो ठहर गया, तू कब ठहरेगा" मेर
Dr Upama Singh
मेरे जीवन रथ के गतिशील पहिया तुम्हीं हो मेरे मन मंदिर में बसे देवता तुम्हीं हो *मेरे चारों धाम तुम्हीं हो / अर्चना पंडा Greetings from Kautukii.. collab your original couplet with the couplet of - ~अर्चना पंडा ❇Highli
Vijay Tyagi
काहे को करता है तू मच-मच जितना मिला तुझको वो टू-मच जो भी दिया तुझे बप्पा दिया जो ना दिया वो ना बप्पा दिया लेने का देने का उसका है मर्ज़ी हर हाल में बोल उसे थैंक यू वेरी मच खुल्ली आँखों में सोता है शाम ढले फिर तू रोता है मेहनत-मजूरी जम के कर भर जाएगा पेट तेरा जेब और घर पत्थर भी तोड़नेका,बाकी उसपे छोडनेका बाय गॉड बोलूं मैं तो सच-सच-सच काहे को करता है तू मच-मच जितना मिला तुझको वो टू-मच.. आज फिर मुम्बई की याद आ गई.. #गणेशउत्सव में हर तरफ #बप्पा का रंग चढ़ा रहता है बड़े बड़े पंडाल 3दिन 5दिन कोई 7दिन के लिए सुबह-शाम ढोल नगाड़े मंजीर