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N S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} यदि कोई भी व्यक्ति भगवतगीता के उपदेशों का उचित रूप से पालन करता है, तो वह जीवन इसी में सभी भौतिक दुःखो व चिंताओं से मुक्त हो सकता है:- भगवान श्री कृष्ण।। ©N S Yadav GoldMine #SunSet {Bolo Ji Radhey Radhey} यदि कोई भी व्यक्ति भगवतगीता के उपदेशों का उचित रूप से पालन करता है, तो वह जीवन इसी में सभी भौतिक दुःखो व
नवीन बहुगुणा(शून्य)
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
कभी कभी तो तुमसे गिरधर , हम देख शिकायत करते है , ये दिन ही दिखलाना था तो , फिर जीवन क्यों ये देते हैं । धर्म कर्म का पाठ पढा़या गीता के उपदेशों में , जीने की हर राह बताई गीता के उपदेशों में , हमने उसको खुद में ढ़ाला फिर जीवन के संघर्षों में , राह मिली तो माया बेड़ी जकड़े पैरो को जंजीरों में , बात वो ही फिर याद आई उन सात धर्म के फेरों में , तुम छलिया हो छलते सबको अब माया के उँजियारों में , स्वप्न सुहाने देकर सबको तुम आए सबके जीवन में, पल में रूठे पल में माने अब बसते सबके नयनन में, पीर से पहले आसुँ बनके तुम बसते सबके नयनन से आके राह दिखाओ फिर से राह भटके सभी कलयुग में, अब जीवन इतना सरल नहीं जो सुलझे उन उपदेशों में, फिर भक्तो पे दोष ना देना भक्तो की अंधी भक्ती में कभी कभी तो तुमसे गिरधर हम देख शिकायत करते हैं । ये जीवन ऐसे लेना था तो जीवन ही क्यों देते हैं ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR कभी कभी तो तुमसे गिरधर , हम देख शिकायत करते है , ये दिन ही दिखलाना था तो , फिर जीवन क्यों ये देते हैं ।
Suyash
सभी को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी मुबारक Happy Eid-e-Milad-Un-Nabi to all سب کو عید میلاد النبی. مبارک ہو सभी को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी मुबारक विशेषकर मेरे मुस्लिम धर्मावलंबी मित्रों के लिए 🙂🙂 मैं जितना जान पाया आज पैगम्बर साहब का जन्मदिन है । हम सब
R.S. Meena
राहें राह नहीं आसान, बस इतना समझ में आया है। अपने कदमों को उठाकर ही, मंजिल को पाया है।। उपदेशों में कामयाबी के भरमार तरीके दिखलाये, पग-पग पर अंगारे है, कोई न हमकों बतलाये। जब बहा पसीना़ अपने तन से,मन बहक ना पाया है। राह नहीं आसान, बस इतना समझ में आया है। अपने कदमों को उठाकर ही, मंजिल को पाया है।। कर्म से ही सबकों मिलता है, अपने पथ का सार, संयम से चलकर ही पुरे होते है,सपने अपरंपार। तेज दौड़कर भी शशक जीत ना पाया है। राह नहीं आसान, बस इतना समझ में आया है। अपने कदमों को उठाकर ही, मंजिल को पाया है।। टेड़ी-मेड़ी राहों पर भी सीधा चलना पड़ता है, लक्ष्य साधना में गिर कर भी उठना पड़ता है। राहों में पुष्प भी मिलेंगे, सबका मन ललचाया है। राह नहीं आसान, बस इतना समझ में आया है। अपने कदमों को उठाकर ही, मंजिल को पाया है।। राहें राह नहीं आसान, बस इतना समझ में आया है। अपने कदमों को उठाकर ही, मंजिल को पाया है।। उपदेशों में कामयाबी क
Bhupendra Rawat
शांति स्थापित करने के लिए खोले गए विद्यालय, छपवाई गयी पुस्तकें दिए गए भाषण,चस्पा कर दिए गए पोस्टर गांधी के विचारों और बुद्ध के उपदेशों में मोटे मोटे काले अक्षरों के साथ लिखा गया "अहिंसा परमो धर्म" लेकिन इन सबका आधार बनाए गए हथियार कलम के स्थान पर हाथों में थमा दिए गए अस्त्र-शस्त्र हथियारों के निर्माण के लिए स्थापित किये गए कारखाने जारी कर दिए गए आदेश क़फ़स से उड़ने वाले पंछियों को लपेटा गया श्वेत रंग के कफ़न में आधुनिकता के युग में सभ्य समाज मे रहने वाले नवयुवकों ने शांति के इस युद्ध मे इज़ाद किए नए तरीके हथियार के स्थान में अपनाए गए रासायनिक सस्त्र अब एक साथ पूरी दुनिया का अंत करके,शांतिदूतों ने कर दिया सिद्ध कि, हथियारों के बलबूते सदा के लिए स्थापित की जा सकती है,शांति क्योंकि मंटो ने लिखा है एक आदमी का मरना मौत है बल्कि एक लाख आदमियों का मरना तमाशा ©Bhupendra Rawat शांति स्थापित करने के लिए खोले गए विद्यालय, छपवाई गयी पुस्तकें दिए गए भाषण,चस्पा कर दिए गए पोस्टर गांधी के विचारों और बुद्ध के उपदेशों में म
Thakur Rajesh Singh
आओ, इतिहास संस्कृति भारत के, गाकर हम सुना रहें.. इक्ष्वाकु वंश के क्षत्रिय सूर्यवंशी क्षत्रिय कहलाते हैं। राजपूताना अमर अखंडित रहने के खातिर, ज्योति एक जलाते हैं। कुल वंश खंडन छोड़ कर, क्षत्रिय राजपूत कहलाते हैं। एक भरतवंश के राजपूत हैं चंद्रवंशी क्षत्रिय कहलाते हैं। राजपूताना के अमर अखंडित रहने के ख़ातिर, अखंड ज्योति एक जलाते हैं। कुल वंश खंडन छोड़कर हम क्षत्रिय राजपूत कहलाते हैं। वर्ण व्यवस्था के प्रवर्तक को, अब जाति गुटों में बांट दिया। अंग्रेजी शासन के कानूनों ने, कर्म से जाति छोड़कर और जन्म से जाति है जोड़ दिया। गीता के उपदेशों को तराजू समक्ष तो तोल दिया, पर समानता प्रजातंत्र को केवल कागज में छोड़ दिया। जन-जन रक्षक क्षत्रिय को हिंसक लड़ाकू शब्द से जोड़ दिया। पर कर्म से वर्ण में परिवर्तन करने वालों को जन्म से जाति वर्गों में तोड़ दिया। क्षत्रिय इतिहास भूगोल सांस्कृतिक को परंपराओं और पर्वो के मध्य छोड़ दिया। भारतीय आदर्श दर्शन सिद्धांत को पाश्चात्य शिक्षा से विनाश के रास्ते मोड़ दिया है। युद्ध लड़ें हम मरें हमने रियासत भी दान किये, प्रजा जातियों के खातिर अपने को नुकसान किए। त्याग और बलिदान रक्त हैं इसका क्यों न स्वाभिमान करें । नष्ट हो रही अस्मिता बचा लो,भारत के हे नायक क्षत्रिय रक्त, क्षत्रिय तुम क्षात्र धर्म उच्च कुलीन संस्कृति का पुनः संचार करो, कर्म आधारित वर्ण को लाकर मानव का उद्धार करो ....... रक्त क्षत्रिय राजपूत जय क्षात्र धर्म ऐसे और पोस्ट देखने के लिए और अखण्ड चंद्रवंश रवानी क्षत्रिय राजपूत महासभा से जुड़ने के लिए क्लिक करें 👇👇 ©Thakur Rajesh Singh आओ, इतिहास संस्कृति भारत के, गाकर हम सुना रहें.. इक्ष्वाकु वंश के क्षत्रिय सूर्यवंशी क्षत्रिय कहलाते हैं। राजपूताना अमर अखंडित रहने के खा
kavi manish mann
कैसी ये उदासी है, ये कैसा रूखापन है। कहीं ख़तरा है कोराना का, कहीं उल्कापिंड का डर है। सहमी सी जमीं है ये, सहमा आसमां है। सहमें से हैं हर क़दम, सहमा सारा जहां है। Ⓜ️कुदरत का भयंकर रूपⓂ️ क्या बात है कभी विचार किया? आज मानव सभ्यता का ये हाल क्यों है? कभी चिंतन किया। चिंतन करोगे क्यूं? तुम्हारे ईश्वर, अल
Sarvesh Bharti
Read caption 😊💓 खुद को बढ़ती उम्र के साथ स्वीकारना तनावमुक्त जीवन देता है। हर उम्र एक अलग तरह की खूबसूरती लेकर आती है, उसका आनंद लीजिये। बाल रंगने हैं तो र