Find the Latest Status about पताशा कोनी भावे सा from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, पताशा कोनी भावे सा.
malay_28
White रहा मद्धम ज़रा मद्धम मेरा वो दर्द दिल में ही तेरा जाना चले जाना किया उसमेँ इज़ाफ़ा सा लिखा तुमने अनेकों ख़त मगर उनको नहीं भेजा मेरा दिल रह गया जैसे कोई खाली लिफ़ाफ़ा सा. ©malay_28 #ख़ाली लिफ़ाफ़ा सा
Bhanu Priya
कुछ छांव सा कुछ धूप सा कुछ चंचल सा कुछ शांत सा कुछ गीत सा कुछ संगीत सा एहसास उस प्रीत का कुछ खट्टा सा कुछ मीठा सा कुछ तिखा सा कुछ फीका सा कुछ ताप सा कुछ शीत सा एहसास उसे प्रीत का जिसे भी नसीब हुआ अक्सर उन शामो में ही महसूस हुआ । ©Bhanu Priya कुछ छांव सा कुछ धूप सा कुछ चंचल सा कुछ शांत सा
Shishpal Chauhan
फूलों की तरह रहो तुम कूल,🌺 मुस्कुराना मत जाना तुम भूल। 😄 पैरों में न लगे किसी के सूल, 👣🦔 प्रकृति की तरह बनाओ रूल।🌞🌹 आंखों में मत डालना किसी के धूल, 👀निस्वार्थी बनो जैसे हो फूल। दुश्मनी में दूसरों के मत हो जाना गुल, बेफिजूल बातों को मत देना तुल। दोस्ती से सबके रास्ते जाएंगे खुल,👫 धन दौलत पाकर मत जाना डुल।💱 खुशियों के बंद जाएंगे पुल, 😄 हंसकर जियो तुम खुल।😄😄 शिशपाल चौहान @myquot ©Shishpal Chauhan # फूल सा जीवन
sujeeta
White तुम थोड़ा सा वफा करके देखो तुम्हारे लिए जान न दे दे तो कहना ©sujeeta तुम थोड़ा सा
हिमांशु Kulshreshtha
किस क़दर मुश्किल है तुम सा बन पाना कोशिशें लाख की पर कुछ भी भूल न पाए तुम्हारी तरह ©हिमांशु Kulshreshtha तुम सा बन पाना..
malay_28
लिखते मुझे जो तुम कभी अपनी ग़ज़ल में दर्द सा करते मुझे शामिल कभी हर दर्द में हमदर्द सा ठंडी पड़ी है प्यार की सारी यहाँ चिंगारियाँ हर मोड़ पर दिखता यहाँ हर आदमी क्यों सर्द सा जब औरतों की आबरू होती रही छलनी यहाँ ख़ामोश क्यों रहता वही, दिखता यहाँ जो मर्द सा. ©malay_28 #मर्द सा
हिमांशु Kulshreshtha
Autumn भेज दो इश्क़ थोड़ा सा बिन तुम्हारे बेहद तन्हा हो गए हैं ©हिमांशु Kulshreshtha इश्क़ थोड़ा सा..
Sanskruti Patel
तु भी साँस ले लें, आज़ादी महसूस कर लें, हवाओ के संग तु भी ज़ूम लें, तु थोड़ा तेरे लिए भी जी लें।। ©Sanskruti Patel थोड़ा सा
हिमांशु Kulshreshtha
महफ़िल में जो आए तो कुछ सुनाना पड़ता है; छुपाना होता है ग़म मुस्कुराना पड़ता है; बड़ा अजीब सा वक़्त है अब हम भी अज़ीज़ थे कभी उन्हें याद दिलाना पड़ता है। ©हिमांशु Kulshreshtha बड़ा अजीब सा है...
BS NEGI
समय बाँधे नहीं बँधता,पलक झपके गुज़र जाए। रेत जैसे हो मुट्ठी में,ये ऐसे ही सरक जाए। ©BS NEGI रेत सा समय