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अनुषी का पिटारा "अंग प्रदेश "
पुरूष स्त्री में खुबसूरती, समर्पण और सहारा खोजता है जबकि स्त्री पुरुष में इज्ज़त, प्रेम,सुरक्षा और सहानुभूति ठूँठती है ©Anushi Ka Pitara #समपर्ण #सत्य #ShiningInDark
Ankita Tripathi
जब दो लोगों में प्यार होता है तभी पैदा बीच में ऐतबार होता है रिश्ता अगर जोड़ा जाए तो उसे दिल से निभाना चाहिए और उस रिश्ते में समपर्ण का भाव आना चाहिए #समपर्ण #YQdidi #challenge done
Pushkar Sahu
मैं कल भी तेरे साथ खड़ा था आज भी तेरे साथ खड़ा हुँ भविष्य में भी साथ खड़ा रहूंगा दुनियां का क्यूँ होता हैं इक बार तो मेरा होके तो देख खुद को मुझमें समर्पित करके तो देख ईश्वर को खुद को समपर्ण करके देखो ना.. #yqbaba #yqdidi #god #life #hindiquotes #shyari #inspiration
Ankita Tripathi
गुलाबी होंठ सुर्ख निगाहें बिरहा की तकती रही वो राहें किया साज श्रिंगार कभी जो दिल में उसके सिसकी आंहें पहरेदारी देश की अपने साजन तुम जो करते हो मुझे मारकर चले गए तुम बस देश पे ही तुम मरते हो हांथो की न मेहंदी छूटी न आंखों की नींद सुबह सुबह जब आंख खुली तो पास में न था बींध सातों फेरे सात वचन वो साजन सदा निभाऊंगी तुम भले गए हो सीमा पर मैं यहीं से तुम्हें जिताऊंगी समपर्ण एक औरत का अपनें पति और अपनें देश के लिए 🙏🙏 #YQbaba #YQdidi #YoPoWriMo #tpmd
Nammy S
तुझको सौंप दिया है मैंने अब तू ही राह दिखा। बहुत खींच ली नैया मैंने अब तू ही पार लगा। तोड़ के सारी बंदिशे मेरी अब तू ही रिहा करा। उड़ सकूँ गगन में में भी अब तू ही पंख लगा। थक चुकी हूँ मैं हार के अब तू ही जीत चखा। तुझको सौंप दिया मैंने अब तू ही राह दिखा। #nammy27 #yqdidi #yqcollab #collab #सौंपदिया #प्रेम #समर्पण
Kishan Gupta
किचन की रानी, तू पसीने से लतपत, पंखा बना, मुझे घुमाये जा रही हो,, चाय कब तक यूँ ही, फीकी पिलाओगी, इलायची के इंतजार में, अदरक पीसे जा रही हो। ~किशन गुप्ता #कविता #कविता #
Awanish Singh
दीप हूँ जलता रहूँगा । मैं प्रलय की आँधियों से, अंत तक लड़ता रहूँगा ।। पार जाऊँगा मेरा साहस, कभी हारा नहीं है। जो मिटा अस्तित्व दे, ऐसी कोई धारा नहीं है ।। कौन रोकेगा स्वयं तूफान, थककर रुक गये हैं । हर लहर मेरा किनारा, ध्येय तक बढ़ता रहूँगा।। दीप हूँ जलता रहूँगा । मैं प्रलय की आँधियों से, अंत तक लड़ता रहूँगा ।। तोड़ दी अवरोध की सारी, शिलाएँ एक क्षण में । मैं धरा का प्यार मुझको, स्नेह देते सब डगर में।। शीत वर्षा और आतप कर, न पाये क्षीण गति को। बिजलियों की कौंध में भी, पंथ गढ़ता ही रहूँगा।। दीप हूँ जलता रहूँगा । मैं प्रलय की आँधियों से, अंत तक लड़ता रहूँगा ।। ©Awanish Singh (AK Sir) #कविता #कविता
Anamika
जिसे चाहो ,उसके लिए सब चाहो, बस उससे कुछ मत चाहो…. Internetshayri चाहतों_के_मायने समपर्ण प्रेम का मतलब है चाहत लेना देना तो व्यापार कहलाता है #yqdeeplove #yqbaba #tulikagarg