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Deepa Didi Prajapati
White बहुत भीड़ है जनाब, जिंदगी के सफर में। चलिए कुछ पल निकालते हैं, खुद से मिलने के लिए। ©Deepa Didi Prajapati #चलिए _खुद _से_मिलते_हैं
हिमांशु Kulshreshtha
White चल, चलें ऐसी जगह जहाँ कोई न हो तेरा न मेरा हो... बस इश्क़ में पगी रात हो मोहब्बत से महकता सवेरा हो... ©हिमांशु Kulshreshtha चलो चलते हैं...
Monika Gera jindagi. A poetess, writer, lyricist, singer,motivational speaker,Handwriting expert for three languages as to training + language teacher ( three languages).
दिनेश
भाग दौड़ भी जरूरी है साहब पर अपनी सेहत और अपना घर भी जरूरी है, इसके बिना मेरे दोस्त सारी कायनात अधूरी है। इस कदर सारी उम्र भाग - दौड़ में बिताओगे , क्या खोया , क्या पाया इसका हिसाब कब लगाओगे ? ©दिनेश #sunrisesunset भाग-दौड़
Santosh Verma
Beautiful Moon Night चलो इश्क का तुमसे ऐलान करता हूं, अच्छा इससे चौराहे पर कोई दुकान करता हूं। तुम्हारे संग घर बसाने का चलो इंतजाम करता हूं, अच्छा इससे चलो दो पैक तेरे नाम करता हूं। खूबसूरत हो तुम इसपर मैं नाज़ करता हूं, अच्छा चलो कोई काम आज करता हूं। written by संतोष वर्मा azamgarh वाले खुद की जुबानी। । ©Santosh Verma #achha चलो #
Dev Rishi
ऋतु के बाद फलों का रूकना डालों का सड़ना है मोह दिखाना देय वस्तु पर आत्मघात करना है देते तरू इसलिए कि रेशो में मत कीट समायें रहे डालियां स्वस्थ और फिर नये नये फल आयें... ©Dev Rishi #रशमिरथी ,(भाग 4)
Harpinder Kaur
लेकिन वो मर्द नहीं नामर्द होता है...... जिसे माँ- बहन लगती है सिर्फ एक गाली बेहद भद्दी गाली चाहे फिर वो माँ- बहन अपनी हो या दूजे की नामर्द के लिए सिर्फ एक गाली है क्योंकि गाली में छुपाता है वो अपनी कमज़ोरी.......................... ! ©Harpinder Kaur # भाग-3....... ✍️
Harpinder Kaur
लेकिन पुरुष की सोच में वो हिस्सा केवल एक वस्तु है जिसे प्रयोग करता है वो गाली रूप में.... अन्य उसके द्वारा दी गई माँ - बहन की गालियाँ उसे माँ- बहन, औरत का अपमान नहीं लगती उसे लगती है अपने मर्द होने की निशानी जिसे देने के बाद वो फूलाता है अपनी छाती यूँ जैसे कोई महान कार्य को किया गया हो ©Harpinder Kaur # भाग-2...... ✍️
Harpinder Kaur
गाली पुरुष को लगता है कि गाली उसके पुरूष होने का एक पहचान पत्र है उसकी मर्दानगी है एक औरत के नाम पर दी गाली में वो अपना पौरूषार्थ समझता है माँ - बहन की गालियों को वो अपने गुस्से का सुकून समझता है वो देता है......... औरत के उस हिस्से को गाली जिस हिस्से से वो दुनिया में आता है और अपना वंश बढ़ाता है ©Harpinder Kaur # भाग -1 ..... ✍️