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Gorma786
White धूप की तपिश में लहराता है, भैरव राग का आलाप। संगीत की मधुरता में बहकता है, वीरह और माधुर्य का संगम। सांसों की गहराई में उत्तेजित होता, राग की गहराई में खोता। अनुभव की आवाज़ में लिपटता, संगीत का अनन्त सागर। भूत-पूर्व के स्मृतियों को जगाता, राग का पुराना गाता। स्वरों की महानता में विलीन होता, संगीत का अद्वितीय सांगी। भैरव राग का साक्षात्कार करते हुए, अपनी अंतरात्मा से मिलते हैं। स्वरों की ऊंचाईयों में उड़ते हैं, संगीत का अनन्त समाधान। भैरव राग की माधुर्यपूर्ण ध्वनि में, आत्मा को लिपटाते हैं। संगीत की मधुर आवाज़ में बहकते हैं, राग की अनंत कहानी। ©Gauri YADAV #Road #viral #bhajan #Happiness #Bhairav #mahadev #gandhijayanti #dharm
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बनारस में कौन सी चीज प्रसिद्ध है? यह उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित है और गंगा नदी के किनारे बसा हुआ है. वाराणसी धार्मिकता, संस्कृति और विद्या केंद्र के रूप में महत्वपूर्ण है. वाराणसी के घाट गंगा नदी के किनारे स्थित हैं. यह शहर काशी विश्वनाथ मंदिर, सारनाथ, बनारसी साड़ी, बनारसी पान के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है. ©info tech #Reindeer #varanasi #Varanasi
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हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत का बनारस घराना वाराणसी में ही जन्मा एवं विकसित हुआ है। भारत के कई दार्शनिक, कवि, लेखक, संगीतज्ञ वाराणसी में रहे हैं, जिनमें कबीर, वल्लभाचार्य, रविदास, स्वामी रामानंद, त्रैलंग स्वामी, शिवानन्द गोस्वामी, मुंशी प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद, आचार्य रामचंद्र शुक्ल, पंडित रवि शंकर, गिरिजा देवी, पंडित हरि प्रसाद चौरसिया एवं उस्ताद बिस्मिल्लाह खां आदि कुछ हैं। गोस्वामी तुलसीदास ने हिन्दू धर्म का परम-पूज्य ग्रंथ रामचरितमानस यहीं लिखा था और गौतम बुद्ध ने अपना प्रथम प्रवचन यहीं निकट ही सारनाथ में दिया था। ©info tech #SunSet Varanasi
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पार्ट 02: वाराणसी (UP65) क्षेत्रफल • महानगर व तीर्थस्थल 82 किमी2 (32 वर्गमील) • महानगर 163.8 किमी2 (63.2 वर्गमील) ऊँचाई 80.71 मी (264.80 फीट) ©info tech #varanasi
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वाराणसी पार्ट:01 (UP65) वाराणसी, जिसे काशी और बनारस भी कहा जाता है, भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में गंगा नदी के तट पर स्थित एक प्राचीन नगर है। हिन्दू धर्म में यह एक अतयन्त महत्त्वपूर्ण तीर्थस्थल है, और बौद्ध व जैन धर्मों का भी एक तीर्थ है। हिन्दू मान्यता में इसे "अविमुक्त क्षेत्र" कहा जाता है। ©info tech #Varanasi