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anil kumar12
#Funny 😅😂😀जब आदमी के खुजार मारती हे तो आदमी एसो करतो हे 😀😅😂 #Youtubeshorts #कॉमेडी
read moreManya Parmar
औरत को कितने साजों श्रृंगार के सामानों की जरूरत होती है लेकिन वे अपनी इच्छाएं मारती है कम करती है ताकि आपकी जेब और कंधों का भार उसके त्याग स #Motivational #घरेलूहिंसा #MissionMaanyMaang
read moreN S Yadav GoldMine
White रानीजी ! यदि मैं उस प्रतिज्ञा को पूर्ण न करता तो सदा के लिये क्षत्रिय-धर्म से गिर जाता पढ़िए महाभारत !! 📒📒 {Bolo Ji Radhey Radhey} महाभारत: स्त्री पर्व पत्र्चदश अध्याय: श्लोक 19-37 {Bolo Ji Radhey Radhey} 📙 रानीजी ! यदि मैं उस प्रतिज्ञा को पूर्ण न करता तो सदा के लिये क्षत्रिय-धर्म से गिर जाता, इसलिये मैंने यह काम किया था। माता गान्धारी ! आपको मुझमें दोष की आशड्bका नहीं करनी चाहिये। पहले जब हम लोगों ने काई अपराध नहीं किया था, उस समय हम पर अत्याचार करने वाले अपने पुत्रों-को तो आपने रोका नही; फिर इस समय आप क्यों मुझ पर दोषा रोपण करती है. 📙 गान्धार्युवाच गान्धारी बोलीं—बेटा ! तुम अपराजित वीर हो। तुमने इन बूढ़े महाराज के सौ पुत्रों को मारते समय किसी एक को भी, जिसने बहुत थोड़ा अपराध किया था, क्यों नहीं जीवित छोड़ दिया ? तात ! हम दोनों बूढ़े हुए। हमारा राज्य भी तुमने छीन लिया। ऐसी दशा में हमारी एक ही संतान को—हम दो अन्धों के लिये एक ही लाठी के सहारे को तुमने क्यों नहीं जीवित छोड़ दिया ? 📙 तात ! तुम मेरे सारे पुत्रों के लिये यमराज बन गये। यदि तुम धर्म का आचरण करते और मेरा एक पुत्र भी शेष रह जाता तो मुझे इतना दु:ख नहीं होता। वैशम्पायन उवाच वैशम्पायन जी कहते हैं-राजन्! भीमसेन से ऐसा कहकर अपने पुत्रों और पौत्रों और पौत्रों के वध से पीडित हुई गान्धारी ने कुपित होकर पूछा—कहॉ है वह राज युधिष्ठिर। 📙 यह सुनकर महाराज युधिष्ठिर कॉंपते हुए हाथ जोड़े उनके सामने आये और बड़ी मीठी वाणी में बोले—देवि ! आपके पुत्रों का संहार करने वाला क्रूरकर्मा युधिष्ठिर मैं हूँ। पृथ्वी भर के राजाओं का नाश कराने में मैं ही हेतु हूँ, इसलिये शाप के योग्य हूँ। 📙 आप मुझे शाप दे दीजिये। मैं अपने सुह्रदों का द्रोही और अविवकी हूँ। वैसे-वैसे श्रेष्ठ सुह्रदों का वधकर के अब मुझे जीवन, राज्य अथवा धनसे कोई प्रयोजन नहीं है’। जब निकट आकर डरे हुए राजा युधिष्ठर ने, ऐसी बातें कहीं, तब गान्धारी देवी जोर-जोर से सॉंस खींचती हुई सिसकने लगीं। वे मुँह से कुछ बोल न सकीं। राजा युधिष्ठिर शरीर को झुकाकर गान्धारी के चरणों पर गिर जाना चाहते थे। 📙 इतने ही में धर्म को जानने वाली दूर-दर्शिनी देवी गान्धारी ने पट्टी के भीतर से ही राजा युधिष्ठिर के पैरों की अगुलियों के अग्रभाग देख लिये। इतने ही से राजा के नख काले पड़ गये। इसके पहले उनके नख बड़े ही सुन्दर और दर्शनीय थे। उनकी यह अवस्था देख अर्जुन भगवान् श्रीकृष्ण के पीछे जाकर छिप गये। 📙 भारत ! उन्हें इस प्रकार इधर-उधर छिपने की चेष्टा करते देख गान्धारी का क्रोध उतर गया और उन्होंने उन सबको स्नेहमयी माता के समान सान्त्वना दी। फिर उनकी आज्ञा ले चौड़ी छाती वाले सभी पाण्ड वन एक साथ वीर जननी माता कुन्ती के पास गये। कुन्ती देवी दीर्घकाल के बाद अपने पुत्रों को देखकर उनके कष्टों का स्मरण करके करुणाbमें डूब गयीं और आचल से मुँह ढककर ऑंसू बहाने लगीं। 📙 पुत्रों सहित ऑंसू बहाकर उन्होंने उनके शरीरों पर बारबार दृष्टिपात किया। वे सभी अस्त्र-शस्त्रों की चोट से घायल हो रहे थे। बारी-बारी से पुत्रों के शरीर पर बारंबार हाथ फेरती हुई कुन्ती दु:खसे आतुर हो उस द्रौपदी के लिय शोक करने लगी, जिसके सभी पुत्र मारे गये थे। इतने में ही उन्होंने देखा कि द्रौपदी पास ही पृथ्वी पर गिरकर रो रही है। 📙 द्रौपद्युवाच द्रौपदी बोली-आयें ! अभिमन्यु सहित वे आपके सभी पौत्र कहॉं चले गये ? वे दीर्घकाल के बाद आयी हुई आज आप तपस्विनी देवी को देखकर आपके निकट क्यों नहीं आ रहे हैं ? अपने पुत्रों से हीन होकर अब इस राज्य से हमें क्या कार्य है ? ©N S Yadav GoldMine #GoodMorning रानीजी ! यदि मैं उस प्रतिज्ञा को पूर्ण न करता तो सदा के लिये क्षत्रिय-धर्म से गिर जाता पढ़िए महाभारत !! 📒📒 {Bolo Ji Radhey Rad
#GoodMorning रानीजी ! यदि मैं उस प्रतिज्ञा को पूर्ण न करता तो सदा के लिये क्षत्रिय-धर्म से गिर जाता पढ़िए महाभारत !! 📒📒 {Bolo Ji Radhey Rad #मोटिवेशनल
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White {Bolo Ji Radhey Radhey} पेड़ों जैसी जिंदगी मत जिओ, जो लोग फल तोड़ कर खाते भी है, और पत्थर भी मारते हैं, इस जीवन को भगवान श्री कृष्ण के लिए जिओ, तभी यह जीवन सफल होगा, भगवान हमारी हर इस्थिति को संभाल लेंगे, हमारा मन से सरनागति का होना जरूरी है।। ©N S Yadav GoldMine #Friendship {Bolo Ji Radhey Radhey} पेड़ों जैसी जिंदगी मत जिओ, जो लोग फल तोड़ कर खाते भी है, और पत्थर भी मारते हैं, इस जीवन को भगवान श्री क
#Friendship {Bolo Ji Radhey Radhey} पेड़ों जैसी जिंदगी मत जिओ, जो लोग फल तोड़ कर खाते भी है, और पत्थर भी मारते हैं, इस जीवन को भगवान श्री क #भक्ति
read moreY. B
Yasmin Bano ©Y. B 👦: ❤ये जो तुम रोज चुपके चुपके ❤ ❤लाइन😉 मारते हो न❤ ❤किसी दिन मै पूरा #बिजली विभाग ❤ ❤फेंक के मार दूग
Author Rupesh Singh
सांप घर में आ जाए तो लोग डंडे से मारते हैं और शिवलिंग पर दिखाई दे तो हाथ जोडते हैं लोग सम्मान आपका नहीं आपके स्थान और स्थिति का करते हैं। ©Rupesh Kumar Singh #boatclub #सांप घर में आ जाए तो लोग डंडे से मारते हैं और शिवलिंग पर दिखाई दे तो हाथ जोड़ते हैं लोग सम्मान आपका नहीं आपके स्थान और स्थिति का
#boatclub #सांप घर में आ जाए तो लोग डंडे से मारते हैं और शिवलिंग पर दिखाई दे तो हाथ जोड़ते हैं लोग सम्मान आपका नहीं आपके स्थान और स्थिति का #Motivational
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
Holi is a popular and significant Hindu festival celebrated as the Festival of Colours, Love, and Spring. कुण्डलिया :- होली पावन पर्व है , रहिये हिलमिल साथ । सब आ जाओ पास में , छूट न जाये हाथ ।। छूट न जाये हाथ , रहो सब इसमें चिंतित । हो खुशियां जब संग , तो जीवन हो प्रफुल्लित ।। ले लो हाथ गुलाल , आयी बच्चों की टोली । भर पिचकारी मार , कहो सब हैप्पी होली ।। रंगों में ही ढूढ़़ लो , तुम जीवन के रंग । आ जायेगा आपको , सुन जीने का ढ़ंग ।। सुन जीने का ढंग , हमें त्योहार सिखाते । होली उनमें एक , मिलन की राह बनाते ।। आज न कोई गैर , सीख लो तुम बेढंगो । सबको साथी मान , आज तुम जी भर रंगो ।। फीके सारे रंग हैं , इस होली के ग्वाल । दूर बहुत साजन बसे , कैसे करूँ धमाल ।। कैसे करूँ धमाल , प्रीति बिन फीकी होली । होते साजन पास , करते हंसी ठिठोली ।। सर्दी से बेहाल , मारता लल्ला छीके । बैठी रहूँ उदास , रंग होली के फीके ।। २२/०३/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR कुण्डलिया :- होली पावन पर्व है , रहिये हिलमिल साथ । सब आ जाओ पास में , छूट न जाये हाथ ।। छूट न जाये हाथ , रहो सब इसमें चिंतित ।
कुण्डलिया :- होली पावन पर्व है , रहिये हिलमिल साथ । सब आ जाओ पास में , छूट न जाये हाथ ।। छूट न जाये हाथ , रहो सब इसमें चिंतित । #कविता
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