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saurabh
इतने उजले सपन बताओ , इन नैनो से कैसे जाएं इतनी दूर चले एकाकी , अब पीछे कैसे हट जाएं.. ! पास रहें तो वो रोता है , दूर रहें तो मेरा अंतस इतनी ह्रदय विदारक पीड़ा हम अधरों से कैसे गाएं... !! तेरा प्रेम सुधा रस जैसा , कैसे इसको भू पर नाएं कैसे प्रणय रखें अंतस में, कैसे भाव रुदन बन जाएं तेरी खुशियों से यह मन है तुम हो तो सारा जीवन
Sandeep Lucky Guru
#WorldHealthDay मुझे वायरल बुखार हो गया था और अस्पताल जाना पड़ा । ©SANDEEP L GURU हर दिन देखिए नाए और दिलचस्प बातें indira #worldhealthday
Vikas Sharma Shivaaya'
🙏सुन्दरकांड🙏 दोहा – 16 प्रभु राम की कृपा से सब कुछ संभव सुनु माता साखामृग नहिं बल बुद्धि बिसाल। प्रभु प्रताप तें गरुड़हि खाइ परम लघु ब्याल॥16॥ हनुमानजी ने कहा कि हे माता! सुनो, वानरों मे कोई विशाल बुद्धि का बल नहीं है।परंतु प्रभु का प्रताप ऐसा है की उसके बल से छोटा सा सांप गरूड को खा जाता है(अत्यंत निर्बल भी महान् बलवान् को मार सकता है)॥16॥ श्री राम, जय राम, जय जय राम माता सीता का हनुमानजी को आशीर्वाद मन संतोष सुनत कपि बानी। भगति प्रताप तेज बल सानी॥ आसिष दीन्हि रामप्रिय जाना। होहु तात बल सील निधाना॥1॥ भक्ति, प्रताप, तेज और बल से मिली हुई हनुमानजी की वाणी सुनकर सीताजी के मन में बड़ा संतोष हुआ फिर सीताजी ने हनुमान को श्री राम का प्रिय जानकर आशीर्वाद दिया कि हे तात! तुम बल और शील के निधान होओ॥ हनुमानजी – अजर, अमर और गुणों के भण्डार अजर अमर गुननिधि सुत होहू। करहुँ बहुत रघुनायक छोहू॥ करहुँ कृपा प्रभु अस सुनि काना। निर्भर प्रेम मगन हनुमाना॥2॥ हे पुत्र! तुम अजर (जरारहित – बुढ़ापे से रहित),अमर (मरणरहित) और गुणों का भण्डार हो और रामचन्द्रजी तुम पर सदा कृपा करें॥प्रभु रामचन्द्रजी कृपा करेंगे, ऐसे वचन सुनकर हनुमानजी प्रेमानन्द में अत्यंत मग्न हुए॥ हनुमानजी माता सीता को प्रणाम करते है बार बार नाएसि पद सीसा। बोला बचन जोरि कर कीसा॥ अब कृतकृत्य भयउँ मैं माता। आसिष तव अमोघ बिख्याता॥3॥ और हनुमानजी ने वारंवार सीताजीके चरणों में शीश नवाकर,हाथ जोड़ कर, यह वचन बोले॥हे माता! अब मै कृतार्थ हुआ हूँ,क्योंकि आपका आशीर्वाद सफल ही होता है,यह बात जगत् प्रसिद्ध है॥ अशोकवन के फल और राक्षसों का संहार हनुमानजी अशोकवन में लगे फलों को देखते है सुनहु मातु मोहि अतिसय भूखा। लागि देखि सुंदर फल रूखा॥ सुनु सुत करहिं बिपिन रखवारी। परम सुभट रजनीचर भारी॥4॥ हे माता! सुनो, वृक्षोंके सुन्दर फल लगे देखकर मुझे अत्यंत भूख लग गयी है, सो मुझे आज्ञा दो॥तब सीताजीने कहा कि हे पुत्र! सुनो,इस वन की बड़े बड़े भारी योद्धा राक्षस रक्षा करते है॥ हनुमानजी सीताजी से आज्ञा मांगते है तिन्ह कर भय माता मोहि नाहीं। जौं तुम्ह सुख मानहु मन माहीं॥5॥ तब हनुमानजी ने कहा कि हे माता ! जो आप मनमे सुख माने (प्रसन्न होकर आज्ञा दें),तो मुझको उनका कुछ भय नहीं है॥ आगे शनिवार को ... विष्णु सहस्त्रनाम (एक हजार नाम) आज 634 से 645 नाम 634 अर्चितः जो सम्पूर्ण लोकों से अर्चित (पूजित) हैं 635 कुम्भः कुम्भ(घड़े) के समान जिनमे सब वस्तुएं स्थित हैं 636 विशुद्धात्मा तीनों गुणों से अतीत होने के कारण विशुद्ध आत्मा हैं 637 विशोधनः अपने स्मरण मात्र से पापों का नाश करने वाले हैं 638 अनिरुद्धः शत्रुओं द्वारा कभी रोके न जाने वाले 639 अप्रतिरथः जिनका कोई विरुद्ध पक्ष नहीं है 640 प्रद्युम्नः जिनका दयुम्न (धन) श्रेष्ठ है 641 अमितविक्रमःजिनका विक्रम अपरिमित है 642 कालनेमीनिहा कालनेमि नामक असुर का हनन करने वाले 643 वीरः जो शूर हैं 644 शौरी जो शूरकुल में उत्पन्न हुए हैं 645 शूरजनेश्वरः इंद्र आदि शूरवीरों के भी शासक 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' 🙏सुन्दरकांड🙏 दोहा – 16 प्रभु राम की कृपा से सब कुछ संभव सुनु माता साखामृग नहिं बल बुद्धि बिसाल। प्रभु प्रताप तें गरुड़हि खाइ परम लघु ब्याल॥16
Sandeep Lucky Guru
आज दिशाएँ भी हँसती हैं है उल्लास विश्व पर छाया, मेरा खोया हुआ खिलौना अब तक मेरे पास न आया । शीत न लग जाए, इस भय से नहीं गोद से जिसे उतारा छोड़ काम दौड़ कर आई ʼमाँ ʼ कहकर जिस समय पुकारा । थपकी दे दे जिसे सुलाया जिसके लिए लोरियाँ गाई जिसके मुख पर जरा मलिनता देख आँखे में रात बिताई । ©Sandeep Cingh हर दिन देखिए नाए और दिलचस्प कविता पुत्र के वियोग ( सुमात्रा कुमारी चौहान) #MothersDay2021
Sandeep Lucky Guru
दूसरे के त्यौहार मनाने के चक्कर में खुद को दिवाला निकल जाता है। इसीलिए कभी दुसरे के त्यौहार नही मनिए! अपना त्यौहार मनाइए, कोई दिवाला नहीं निकलेग। ©Sandeep Cingh हर दिन देखिए नाए और दिलचस्प मोटिवेशन (Sandeep Cingh)
Sandeep Lucky Guru
जो आगे चले और मुझे भी साथ आगे ले चले-चाहे एक संभावना में-वही रचना है ©Sandeep Cingh हर दिन देखिए नाए और दिलचस्प मोटिवेशन (Sandeep Cingh) #MothersDay2021
Sandeep Lucky Guru
सिर्फ पैसे पैसे से बढ़िया कोई चीज नही। पैसे से बढ़िया कोई बात नहीं । ये पैसा इसे तोड़ो मरोड़ो गांधा करो, मैला करो। फिर भी ये जिंदा है क्यू जब तक इंसान जिंदा है ©Sandeep Cingh हर दिन देखिए नाए और दिलचस्प मोटिवेशन (Sandeep Cingh)
Sandeep Lucky Guru
रचने और भोगने का संबंध एक दुंदात्मक संबंध है एक के होनेशे ही दूसरे का होना है ©Sandeep Cingh हर दिन देखिए नाए और दिलचस्प मोटिवेशन (Sandeep Cingh) #wetogether
Sandeep Lucky Guru
इस संसार से संपृविता एक रचनात्मक कर्म है इस कर्म के बिना मानवताता अधूरी है ©Sandeep Cingh हर दिन देखिए नाए और दिलचस्प मोटिवेशन (by Sandeep Cingh ) #BengalBurning
Sandeep Lucky Guru
आदमी अपना-अपना असली रचता है और उस रचे हुए यथार्थ का हिस्सा दूसरों को दे देखा है ©Sandeep Cingh हर दिन देखिए नाए और दिलचस्प मोटिवेशन लाईक करे और कमेन्ट शेर जरूर करे #BengalBurning