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vandana,s hobby & crafts
सुनो जान लगन तुमसे लगा बैठे जो होगा देखा जाएगा.... तुम्हे अपने बना बैठे, जो होगा देखा जाएगा 💕 कभी दुनिया से डरते थे, के छुप छुप याद करते थे .. लो अब परदा उठा बैठे, जो होगा देखा जाएगा । दीवाने बन गए तेरे तो फिर दुनिया से क्या मतलब... तेरी गलियों में आ बैठे, जो होगा देखा जाएगा 💕 @everyone ©vandana,s hobby & crafts #baisakhi ##कविता##हिन्दी ##nojoto #
Shivkumar
अश्कों के समंदर में हम भी डूब से गए । वो पास आकर भी हमसे ” दूर ” जो गए । पास होते तो सुलझा लेते हम भी मसला । गम ए बरसात अब वो हमसे ” दूर ” जो गए । शहर में वीरानियाँ बसती है आजकल । भीड़ में तन्हा छोड़के वो हमसे ” दूर ”:जो गए । ©Shivkumar #Distant #कविता #हिन्दीलेखन #दिलकीबातशायरी143 #Nojoto
viju patil
किसी की कल्पना ... किसी की भावना .... खूद मे संजोदे हूये... काही और किसी और को भावना से पोह लचाता हैं.... ©viju patil हिन्दी कविता.. हिन्दी विचार #Books
S Priyadarshini
वर दो वीणावादिनी हो सबका ही उद्धार, झान की अविरल धारा मे हो सबके शुध्द विचार। 🙏 ©S Priyadarshini #माँ शारदे🙏#कविता#हिन्दी #
Shivkumar
मत याद करो बीते पल को , बीता पल होता दुखदायी | सुखद अतीत को याद किया , मन में पीड़ा भर आयी | नहीं आज वह पास हमारे, अन्तर्मन में कोहराम मचा , बैठे माथे पर हाथ धरे , वक्त तो जैसे वहीं थमा | रोया मन, सोचा जो सुखद था, क्यों इतनी जल्दी बीत गया | सुख-दुख, दिन-रात समान ही होते , बारी-बारी से आते हैं , सब दिन नहीं होते एक समान, उठो, जागो हे मनु संतान ! करो कठिन कर्म, ले अतीत से सीख यही , जब सुख न रहा, तो दुख भी भला क्यों ठहरेगा | भूत सुनहरा था यदि, तो उसे आज में बदल डालो , अगर जमीं थी कालुष उस पर, तो उसको भी धो डालो | जो भी है, बस आज अभी है, इस पल को तुम जी डालो आज अभी का हर पल प्यारे, कल हो जाएगा अतीत , चाहे तो, हो उन्मुक्त, गगन को छू लो, चाहे तो रो कर जी लो , यादें सिर्फ बनेगा यह पल, जैसा चाहो, वैसा जी लो , मत याद करो अपने अतीत को, बस आज अभी खुलकर जी लो| बस आज अभी खुलकर जी लो, बस आज अभी नीरा भार्ग ©Shivkumar #मतयादकरोबीतेपलको #बीतेपल #मतयादकर #कविता #हिन्दीकविता
Roopanjali singh parmar
वैसे तो लंबी कविता है, लेकिन साझा करने को ये चार पंक्तियाँ ही काफ़ी लगीं शायद दिन के घण्टे कुछ लंबे हो गए हैं, वक़्त भी अब मेरा, कटता नहीं है। पहले हर रंग पहनती थी बदन पर अपने, अब लिबास कोई भी हो, मुझ पर जँचता नहीं है।। #रूपकीबातें -Roopanjali singh #nojoto #कविता #हिन्दीकविता #लिबास #रूपकीबातें #वक़्त