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Ashutosh Mishra
White दर्दे दिल की दवा नही मिलती ऐ जिंदगी,, तू भी बेवाफा निकली मौत मागी थी तुझसे तू भी हाथ छुड़ा के चली ,,,,, रह गया मैं तन्हा तू भी मुझे चिढ़ाती मिली। अल्फ़ाज मेरे✍️🙏🙏 ©Ashutosh Mishra #SAD दर्दे दिल की दवा नही मिलती ऐजिंदगी,,, तू भी बेवफा निकली मौत मागी थी तुझसे तू भी हाथ छुडा के चली ,,,,,, रह गया हूं मैं तन्हां तू भी मुझ
Arora PR
एक अर्से से मैं रोया नहीं अब तक खोखली हंसी हँस कर खुद को बहलाता था मैं मुश्किल मे था तभी तों जुझे पुकारा था पर तू बहरा बन कर बैठा रहेगा मुझे मालूम नहीं था ©Arora PR ऐज अर्से से
Gaurav Todkari
क्या हैं ऐ जिंदगी तेरा इरादा, जरा खुल के बाता भी दे हमे । थक चुके हैं तेरे साथ खेल के, अब जीतने का मौका भी दे हमे। (Gaurav T) ©Gaurav Todkari #ऐजिंदगी
Vikas Sharma Shivaaya'
✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 *मियां-बीबी दोनों मिल खूब कमाते हैं* *तीस लाख का पैकेज दोनों ही पाते हैं* *सुबह आठ बजे नौकरियों* *पर जाते हैं* *रात ग्यारह तक ही वापिस आते हैं* *अपने परिवारिक रिश्तों से कतराते हैं* *अकेले रह कर वह कैरियर बनाते हैं* *कोई कुछ मांग न ले वो मुंह छुपाते हैं* *भीड़ में रहकर भी अकेले रह जाते हैं* *मोटे वेतन की नौकरी छोड़ नहीं पाते हैं* *अपने नन्हे मुन्ने को पाल नहीं पाते हैं* *फुल टाइम की मेड ऐजेंसी से लाते हैं* *उसी के जिम्मे वो बच्चा छोड़ जाते हैं* *परिवार को उनका बच्चा नहीं जानता है* *केवल आया'आंटी' को ही पहचानता है* *दादा-दादी, नाना-नानी कौन होते है ?* *अनजान है सबसे किसी को न मानता है* *आया ही नहलाती है आया ही खिलाती है* *टिफिन भी रोज़ रोज़ आया ही बनाती है* *यूनिफार्म पहना के स्कूल कैब में बिठाती है* *छुट्टी के बाद कैब से आया ही घर लाती है* *नींद जब आती है तो आया ही सुलाती है* *जैसी भी उसको आती है लोरी सुनाती है* *उसे सुलाने में अक्सर वो भी सो जाती है* *कभी जब मचलता है तो टीवी दिखाती है* *जो टीचर मैम बताती है वही वो मानता है* *देसी खाना छोड कर पीजा बर्गर खाता है* *वीक एन्ड पर मॉल में पिकनिक मनाता है* *संडे की छुट्टी मौम-डैड के संग बिताता है* *वक्त नहीं रुकता है तेजी से गुजर जाता है* *वह स्कूल से निकल के कालेज में आता है* *कान्वेन्ट में पढ़ने पर इंडिया कहाँ भाता है* *आगे पढाई करने वह विदेश चला जाता है* *वहाँ नये दोस्त बनते हैं उनमें रम जाता है* *मां-बाप के पैसों से ही खर्चा चलाता है* *धीरे-धीरे वहीं की संस्कृति में रंग जाता है* *मौम डैड से रिश्ता पैसों का रह जाता है* *कुछ दिन में उसे काम वहीं मिल जाता है* *जीवन साथी शीघ्र ढूंढ वहीं बस जाता है* *माँ बाप ने जो देखा ख्वाब वो टूट जाता है* *बेटे के दिमाग में भी कैरियर रह जाता है* *बुढ़ापे में माँ-बाप अब अकेले रह जाते हैं* *जिनकी अनदेखी की उनसे आँखें चुराते हैं* *क्यों इतना कमाया ये सोच के पछताते हैं* *घुट घुट कर जीते हैं खुद से भी शरमाते हैं* *हाथ पैर ढीले हो जाते, चलने में दुख पाते हैं* *दाढ़-दाँत गिर जाते, मोटे चश्मे लग जाते हैं* *कमर भी झुक जाती, कान नहीं सुन पाते हैं* *वृद्धाश्रम में दाखिल हो, जिंदा ही मर जाते हैं :* *सोचना की बच्चे अपने लिए पैदा कर रहे हो या विदेश की सेवा के लिए।* *बेटा एडिलेड में, बेटी है न्यूयार्क।* *ब्राईट बच्चों के लिए, हुआ बुढ़ापा डार्क।* *बेटा डालर में बंधा, सात समन्दर पार।* *चिता जलाने बाप की, गए पड़ोसी चार।* *ऑन लाईन पर हो गए, सारे लाड़ दुलार।* *दुनियां छोटी हो गई, रिश्ते हैं बीमार।* *बूढ़ा-बूढ़ी आँख में, भरते खारा नीर।* *हरिद्वार के घाट की, सिडनी में तकदीर।* *तेरे डालर से भला, मेरा इक कलदार।* *रूखी-सूखी में सुखी,* *अपना घर संसार* अपनी दुआओं में हमें याद रखें 🙏 बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....! विकास शर्मा "शिवाया " जयपुर -राजस्थान "ASTRO सर्व समाधान" ©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 *मियां-बीबी दोनों मिल खूब कमाते हैं* *तीस लाख का पैकेज दोनों ही
Pritam Ekka
किसी के नाम से ही अगर मेरा होना है तो ऐ ज़िंदगी तेरा वजूद क्या है। किसी शख्स को पाने से ही अगर खुश होना है तो ऐ ज़िंदगी तेरा वजूद क्या है। किसी के दुख के पन्नों को खुशी से भर दो और, अगर मिले मौका तो अपनी ज़िंदगी ज़ी लो किसी को खोने से अगर ख़ुद को ही खोना है तो ऐ ज़िंदगी तेरा वजूद क्या है। #ऐज़िंदगी
Rahul Singh
म्वारी औ म्वारी भैर जलोट्योंन ऐजा औ । त्वैथैं बुलाणू च बालू बसंत ऐजा ।। देख दुनियाँ का रंग, भैर मनख्यूं का ढंग । मन छलकेंणू उदगार, ज्वान जिक
Vineet Sharma
ऐ ज़िन्दगी तु यूँ न रूठ जा, यूँ कोने में बैठ न आँसू बहा, मिजाज़ को अपने समझा, माहौल को बदल जरा, छुपा अश्कों का हर जर्रा, मुस्कान को हथियार बना, जो छूट गया उसे भूल जा, उम्मीद बिन जी कर बता, कौन है जो टूटा नहीं यहाँ, कौन है जो हारा नहीं यहाँ, तु हार को हार बना, टूटे दिल को श्रृंगार बना, रख हौसला फिर से लड़ जा, एक नए सफ़र का आगाज कर जा, तु भूल मत तुझसे जुड़ा है कारवां, मुझसे आँख तो मिला ऐ ज़िन्दगी जरा| When you talk to yourself, in front of mirror & provide yourself the inspiration & motivation.. ये क्या आँख चुराते फिरते हो! #आँखमिला #coll
lalitha sai
शायद .. मर के.. मिले....... कोई फरियाद मेरे दिल में दबी हो जैसे.. 💔 #सुकून_की_तलाश #जीवनकाअफ़साना #ऐज़िन्दगी #oneliner #heartbroken #pain #YourQuoteAndMine