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Anand Ji Mayura Ji
मन में लपेटे हो शांति दुशाल । उठा लो अब हाथ में क्रांति मशाल। दुश्मन भी सारे कांप उठे, अटल अविचल रहै ये गौरव भाल। दामन को अपने दाग से बचाईये । ये देश संवर जाएगा खुद को संवारिये। ©Anand Ji Mayura Ji कविता के रंग आनंद के संग
Anand Ji Mayura Ji
Village Life केसर की क्यारी में फूलो की मुस्कान हो । रण-भूमि में दिखता जौहर की आन हो। तुम ही हो दुर्गा -श्री - शारदा, ज्ञान शील ममता की पहचान हो । दामन को अपने दाग से बचाईये । ये देश संवर जाएगा खुद को संवारिये । ©Anand Ji Mayura Ji कविता के रंग आनंद के संग
Anand Ji Mayura Ji
हाथों में तुम्हारे ही वतन की लाज है । कर्णधार हो तुम ये तुम्हारा ही राज है । जो चढा दे अपने सरो की भेट , ऐसे वीरों की जरुरत आज हैं । अपने प्राणो से इसकी आरती उताराये ©Anand Ji Mayura Ji कविता के रंग आनंद के रंग
Anand Ji Mayura Ji
BeHappy हाथ जख्मी होते है डाल ए गुलाब से । घर भी जल जाते है घर के चराग से । कोई क्या बचेगा इस जहां में , हर कोई घिरा है काले नाग से । खुद को बचा लो ये ना मारिये । ये देश संवर जाएगा खुद को संवारिये । ©Anand Ji Mayura Ji कविता के रंग आनंद के संग
Anand Ji Mayura Ji
मिलेगा प्रेम दोस्तों दिल से पुकारिये । ये देश संवर जाएगा खुद को संवारिये। ©Anand Ji Mayura Ji कविता के रंग आनंद के संग
Anand Ji Mayura Ji
अकाल मौत वो मरे जो काम करे चांडाल का।काल उसका क्या बिगाङे जो भक्त हो महाकाल का । ©Anand Ji Mayura Ji कविता के रंग आनंद के संग
Neel
लेकर कलम दवात, कुछ "बहाने" बैठे हैं, आज खुद के ही लफ्ज़ों को, "आजमाने" बैठे हैं। 🍁🍁🍁 ©Neel बहाने 🍁
Dinesh Sharma Jind Haryana
दिल की धड़कन बढ़ रही है तुम्हारी यादों से हो सके तो बुला लो हमको चाय के बहाने से ©Dinesh Sharma Jind Haryana #GingerTea चाय के बहाने से
Shashi Bhushan Mishra
उल्टी हवा बहाने निकले, किस्मत को चमकाने निकले, मैं भी कुछ कर सकता यारों, दुनिया को दिखलाने निकले, थे ख़याल दकियानूसी के, फिर से राग पुराने निकले, फलां-फलां कारण थे इसके, कितने नए बहाने निकले, चलो पाप धो लेते चलकर, गंगा आज नहाने निकले, दाना चुगने कोई न आया, पंछी सभी सयाने निकले, वादा पूरा किया न अबतक, झूठे सभी बयाने निकले, बुरा वक़्त जब आकर घेरे, सारे अश्रु बहाने निकले, 'गुंजन' मन की सुनले अपनी, हम भी पुण्य कमाने निकले, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #उल्टी हवा बहाने निकले#