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N S Yadav GoldMine
Unsplash {Bolo Ji Radhey Radhey} बड़ी अजीब है दासता:- कर्म व विचार हमारे सुध व निष्पक्ष नही, उपाय पंडित व अन्य से पूछते पूछते भटक रहे हैं, उनका भला कोई नहीं केवल और केवल भगवान श्री कृष्ण जी की मन से सरनागति में ही सम्भव है।। जय श्री राधेकृष्ण जी!! N S Yadav GoldMine. ©N S Yadav GoldMine #snow {Bolo Ji Radhey Radhey} बड़ी अजीब है दासता:- कर्म व विचार हमारे सुध व निष्पक्ष नही, उपाय पंडित व अन्य से पूछते पूछते भटक रहे हैं, उन
#snow {Bolo Ji Radhey Radhey} बड़ी अजीब है दासता:- कर्म व विचार हमारे सुध व निष्पक्ष नही, उपाय पंडित व अन्य से पूछते पूछते भटक रहे हैं, उन
read moreshamawritesBebaak_शमीम अख्तर
White अना की ऐसी बला खुदसे निकाल दी मैने, जो नागवार है वो बात टाल दी मैने//१ किसी से अब नहीं रंजिश,न मेल मिलाप, घुटन थी जितनी खुदी मे पिघाल दी मैने//२ मेरे रकीब तेरा राज-फाश हो-ना कभी, हाँ तुझपे इज्जत-ए-रिदा डाल दी मैने//३ कदम अमीरी का जब मयकदे में जा धमका, के दोनो दस्त से दौलत उछाल दी मैने//४ बहुत जरूरी है जालिम को आइना देना, इसी सबब उसे,उसकी मिसाल दी मैनें//५ मेरे जहन मे मचलते हैँ बे-शुमार सुखन,सो आज इनपे कलम अपनी निकाल दी मैने//७ वो जिसने तोड़े नशेमन"शमा के कुंबों के, उसी यजीद को फिर जान-ओ-माल दी मैने//८ #Shamawritesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #sad_quotes अना की ऐसी बला खुदसे निकाल दी मैने,जो नागवार है वो बात टाल दी मैने//१ किसी से अब नहीं रंजिश,न मेल मिलाप,घुटन थी जितनी खुदी मे प
#sad_quotes अना की ऐसी बला खुदसे निकाल दी मैने,जो नागवार है वो बात टाल दी मैने//१ किसी से अब नहीं रंजिश,न मेल मिलाप,घुटन थी जितनी खुदी मे प
read moreDil galti kr baitha h
White नींद रातों की उड़ चुकी है मेरी सो जाऊ तो तेरा सपना आता है तुझे पाना चाहता हूं लेकिन डर लगता है धोखा खा ना लेना फिर से ये दिल कहता है। ©Dil galti kr baitha h नींद रातों की उड़ चुकी है मेरी सो जाऊ तो तेरा सपना आता है तुझे पाना चाहता हूं लेकिन डर लगता है धोखा खा ना लेना फिर से ये दिल कहता है।
नींद रातों की उड़ चुकी है मेरी सो जाऊ तो तेरा सपना आता है तुझे पाना चाहता हूं लेकिन डर लगता है धोखा खा ना लेना फिर से ये दिल कहता है।
read moreneelu
White लिखे हुए धर्म, समझे हुए धर्म पढ़े हुए धर्म , निभाए हुए धर्म में फर्क होता है ©neelu #sad_quotes #लिखे हुए धर्म, #समझे हुए धर्म #पढ़े हुए धर्म , #निभाए हुए धर्म में फर्क होता है
#sad_quotes #लिखे हुए धर्म, #समझे हुए धर्म #पढ़े हुए धर्म , #निभाए हुए धर्म में फर्क होता है
read moreलफ्ज़-ए-राज...
White सिर्फ हादसे पढ़े हैं मैंने, मैं मुस्कुराहटें कैसे लिख दूं... #Lafz_E_Raj...✍🏻 @ianilraj01 ©लफ्ज़-ए-राज... सिर्फ हादसे पढ़े हैं मैंने, मैं मुस्कुराहटें कैसे लिख दूं... #Lafz_E_Raj...✍🏻 #ianilraj01 #sad_quotes
सिर्फ हादसे पढ़े हैं मैंने, मैं मुस्कुराहटें कैसे लिख दूं... #Lafz_E_Raj...✍🏻 #ianilraj01 #sad_quotes
read moregudiya
Nature Quotes आज इस्लाम जब मैं भेजता खड़ा हूं आसमान और धरती के बीच तब तब अचानक मुझे लगता है यही तो तुम हो मेरी मां मेरी मातृभूमि धान के पौधों ने तुम्हें इतना ढक दिया है कि मुझे रास्ता तक नहीं सुझता और मैं मेले में कोई बच्चे सा दौड़ता हूं तुम्हारी ओर जैसे वह समुद्र जो दौड़ता आ रहा है छाती के सारे बटन खोले हाहाता और उठती हैं शंख ध्वनि कंधराओं के अंधकार को हिलोडती यह बकरियां जो पहली बूंद गिरते ही भाग और छप गई पेड़ की ओट में सिंधु घाटी का वह सेंड चौड़े पत्ते वाला जो भीगा जा रहा है पूरी सड़क छेके वे मजदूर जो सुख रहे हैं बारिश मिट्टी के ढीले की तरह घर के आंगन में वह नवोढ़ा भीगती नाचती और काले पंखों के नीचे कौवों के सफेद रोए तक भीगते और इलायची के छोटे-छोटे दाने इतने प्यार से गुथंम गुत्था यह सब तुम ही तो हो कई दिनों से भूखा प्यासा तुम्हें ही तो ढूंढ रहा था चारों तरफ आज जब भी की मुट्ठी भर आज अनाज भी भी दुर्लभहै तब चारों तरफ क्यों इतनी बाप फैल रही है गरम रोटी की लगता है मेरी मां आ रही है नकाशी दार रुमाल से ढकी तश्तरी में खुबानीनिया अखरोट मखाने और काजू भरे लगता है मेरी मां आ रही है हाथ में गर्म दूध का गिलास लिए यह सारे बच्चे तुम्हारी रसोई की चौखट पर कब से खड़े हैंमां धरती का रंग हरा होता है फिर सुनहला फिर धूसर छप्परों से इतना धुआं उठता है और गिर जाता है पर वहीं के वहीं हैं घर से निकले यह बच्चेतुम्हारी देहरी पर सर टेक सो रहे हैं मां यह बच्चे कालाहांडी के यह आंध्र के किसानों के बच्चे यह पलामू के पटन नरोदा पटिया के यह यदि यह यतीमअनाथ यह बंदहुआ उनके माथे पर हाथ फेर दो मां इनके भीगी के सवार दो अपने श्यामलहाथों से तुम कितनी तुम किसकी मन हो मेरी मातृभूमि मेरे थके माथे पर हाथ फेरती तुम ही तो हो मुझे प्यार से तख्ती और मैं भेज रहा हूं नाच रही धरती नाच आसमान मेरी कल पर नाच नाच मैं खड़ा रहा भेजता बीचो-बीच। -अरुण कमल ©gudiya #NatureQuotes #मातृभूमि #Nojoto #nojotoquote #nojotohindi #nojotophoto #nojoyopoetry आज इस्लाम जब मैं भेजता खड़ा हूं आसमान और धरती के बीच
#NatureQuotes #मातृभूमि #nojotohindi nojotophoto #nojoyopoetry आज इस्लाम जब मैं भेजता खड़ा हूं आसमान और धरती के बीच
read moreShivkumar barman
* तुम बिन मेरा ये अधूरा प्रेम * आंखों में भरा ये घना सा अंधेरा, पर तुम्हारे बिना मैं सो ना सका सारी ये रात । दिल में बंद असह्य पीड़ाओं का समंदर है फिर भी उछलती लहरों जैसा रो ना सका । कमी रह गई शायद तेरे मेरे प्यार में कुछ, जो ईश्वर ने जुदा कर दिया हमें तुमसे । टूटकर यु बिखर गया हमारे इश्क का ये हार, शिद्दत से संभाले हुए है हम वो एहसासों के धागों को । प्रेम के मोतियों में मैं पिरो ना सका कभी तुम्हारे इंतज़ार में तड़पता ये अंतर्मन है । मै सिर्फ तुम्हारा ही रहकर यु चल दिया, अब यह उम्र भर किसी और का हो ना सका । * प्रेम का इंतज़ार अपनी प्रेमिका के लिए * 🥀i love you .......❤️ ©Shivkumar barman * तुम बिन मेरा ये #अधूरा प्रेम * आंखों में भरा ये घना सा अंधेरा, पर तुम्हारे बिना मैं सो ना सका सारी ये #रात । दिल में बंद असह्य पीड़ाओ
नवनीत ठाकुर
"इंसान में इंसानियत होती गर बाकी, मंदिर-मस्जिद की साजिशें होती शायद नाकाम।। पंडित भुला माला, नमाज़ी भुला ईमान। दिल से दिल जोड़ने का नाम होता मज़हब, खुदा मिलता हर दिल में, हर चेहरे में राम।।" ©नवनीत ठाकुर # "इंसान में इंसानियत होती गर बाकी, मंदिर-मस्जिद की साजिशें होती शायद नाकाम। पंडित भुला माला, नमाज़ी भुला ईमान, दिल से दिल जोड़ने का नाम होत
# "इंसान में इंसानियत होती गर बाकी, मंदिर-मस्जिद की साजिशें होती शायद नाकाम। पंडित भुला माला, नमाज़ी भुला ईमान, दिल से दिल जोड़ने का नाम होत
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