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Rakhi Om
और धरती में सुनहरे रंग का पहरा रहा और हवाओं में रात का संगीत चांद की चांदनी और धरती का साथ सबके साथ रहा ©Rakhi Om #रात #Chand #धरती
Gurudeen Verma
शीर्षक - घणो लागे मनैं प्यारो, सखी यो सासरो मारो --------------------------------------------------------------- (शेर)- मन नहीं करै मारो, छोड़ जावां नै सासरो। लागे पीहर जस्यो मनैं, सच यो मारो सासरो।। सगळा करै यहाँ प्यार मनैं, झूठ क्यूं मूं बोलूं। स्वर्ग अर मंदिर जस्यो है, सच मं मारो सासरो।। ----------------------------------------------------------- घणो लागे मनैं प्यारो, सखी यो सासरो मारो। करै सगळा मनैं यहाँ लाड़, आछो है सासरो मारो।। घणो लागे मनै प्यारो----------------------------।। सासू मारी माँ जसी, बाबुल जस्या मारा ससुर जी। बहण जसी मारी नणद, भाई जस्या मारा देवर जी।। सगळा दे घणो मनैं सम्मान, पीहर सो सासरो मारो। घणो लागे मनैं प्यारो-------------------------------।। हाथ बटाव मारा काम मं, दोराणी अर जेठाणी। बेटी बोले जेठ मनैं, अर नहीं दे दुःख मारो धणी।। सगळा रखें है मनैं खुश, स्वर्ग सो सासरो मारो। घणो लागे मनैं प्यारो----------------------------।। जद भी आवै माँ बापू मनैं, मिलवा मारे सासरे। होवे घणी वाकी आवभगत, सखी मारे सासरे।। मारी जान- शान है सच मं, मंदिर सो सासरो मारो। घणो लागे मनैं प्यारो---------------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार- गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #आछो है सासरो मारो
Ek villain
भारतीय स्वाधीनता की हर एक जयंती विषय में कुछ पुस्तकें का आह्वान भी समुचित बन जाता है जिनके माध्यम से हिंदी भाषा की अभिव्यक्ति क्षमता पर अपहरण का दिन हुआ है भाषा और बोली हो कि विमर्श में भाषा विज्ञान के क्षेत्र में ढेर सारे दिन के ऐतिहासिक महत्व पूर्ण करने के तुरंत ही आश्चर्य किशोर दास वाजपेई का हिंदी शब्द अनुशासन रामचरण बाकी अच्छी हिंदी दत्ता विद्या अविनाश मिश्रा की हिंदी के शब्द संपदा पर ध्यान दिया जाता है आज के विश्लेषण में विद्या निवास मिश्र की करते का उल्लेख आवश्यक जाना पड़ता जिसे हिंदी की संचालित भाषा को समृद्ध की वैज्ञानिक खोज के साथ में उसके साथ सहित प्रस्तुत किया गया उन्हें मिली है और वे यह स्वीकृत है कि अध्ययन संपूर्ण नहीं है और ना ही स्वर्ग है यदि साहित्यकार को अपना आंचल से रसग्रहण कर अपनी भाषा में पहनी बनाने के लिए दृष्टि मिली तो उन्होंने प्रसंता होगी शायद इसी कारण से अध्ययन एक जैसी जिसका पटरी बन गया है जैसे अध्ययन की गोलियों का था कहा जा सकता है कई छोटे अध्ययन विभाग देश पर तक के अनुकरण देखने के लायक है जिसमें आवाज हवाओं के पेड़ पौधे खेती किसान मानव शरीर के अंग पानी दिशाएं कालचक्र खेती के साधन हो जा रसोई विभाजन मनी घर द्वार पक्षी मछली और मछुआरे समिति के बैनर के साथ चर्चा की गई ©Ek villain #भारतीय परंपरा और संस्कृति में बोल्यो का बयान #adventure
mukendar singh
कोई जन्म से अंधा नहीं होता दोस्त हंस और बगुला हंस सरोवर में इकट्ठे होते हैं हंस मोती खोजता है और बगुला मछली खोजता है तो सिर्फ सोच से.. mukendar singh gayl jai hind हम धरती मां के बेटा है रे भाई
Pratyush Raunak
#aayi milan ki raat # बादल हुआ धरती में मग्न आज की रात #NojotoPhoto