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Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी वातावरण दूषित, व्यबस्था मन को कसौटती है आपाधापी मची है जीवन मे खुराक मिलावटी और जहरीली मिलती है खिले है व्यसन के द्वार इनकी लतो से जीडीपी सरकारों की बढ़ती है डिप्रेशन और निराशा के अधीन जीवन जो रोगो को आमंत्रण देती है स्वस्थ रहना अब दूर की कौड़ी हो गया बीमारियों से कई देशों की अर्थव्यवस्था चलती है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Health बीमारियो से कई देशों की अर्थव्यवस्था चलती है
#Health बीमारियो से कई देशों की अर्थव्यवस्था चलती है
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
कोहरे से ठिठुर गया है सूरज दिखता नहीं कहीं भी मुहूर्त। छाई है काली घटा सी धुंध, धरती ढकी बर्फ की चादर में। हाथ-पैर अब जमने लगे हैं, सर्दी ने रोका हर काम। हिम्मत भी थरथर कांप उठी, लिपटे हम गर्म चादर में। उठकर मुंह धुलना भी दुश्वार है, किसने बर्फ डाल दी पानी में? कौन है जो यूं कहर ढा रहा, पूरे गांव को कैद किया है घर में? राह अंधेरी, जमी हुई है, थोड़ी उम्मीद बची है मन में। चलता हूं बस सहारे इसके, जो दिख रहा टॉर्च की रोशनी में। शिथिल पड़े हैं मेरे जज्बात, आलस ने ले लिया गिरफ्त में। यह कैसा दिन, एक पल न सुहा, सिकुड़ा पड़ा हूं एक चादर में। हर कदम जैसे थम सा रहा, जीवन को ढो रहा धुंध में। क्या कभी सूरज की रौशनी लौटेगी, या मैं यूं ही खो जाऊं रजाई में? ©theABHAYSINGH_BIPIN #coldwinter कोहरे से ठिठुर गया है सूरज दिखता नहीं कहीं भी मुहूर्त। छाई है काली घटा सी धुंध, धरती ढकी बर्फ की चादर में। हाथ-पैर अब जमने लगे
#coldwinter कोहरे से ठिठुर गया है सूरज दिखता नहीं कहीं भी मुहूर्त। छाई है काली घटा सी धुंध, धरती ढकी बर्फ की चादर में। हाथ-पैर अब जमने लगे
read moreMayuri Bhosale
❣️.......शायरी दिल की कहानी .......❣️ हर दिल मे छूपी है एक कहानी💌 पहले हमे लगती है ओ अपनी सहेली 👭 पर दिल के गहराई के समंदर तक जाकर 🌊🌊 देख लो ओ बन जाती है एक नई पहेली.....!!❓ ©Mayuri Bhosale दिल की कहानी की
दिल की कहानी की
read moreअनिल कसेर "उजाला"
White तबियत तन की कहूँ या मन की, ये दुनिया है यार मेरे भगवन की। कभी तेज़ तो कभी मध्यम होता, ये बात है 'उजाला' धड़कन की। ©अनिल कसेर "उजाला" धड़कन की
धड़कन की
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी ज्वलंत समस्या के बादल,जब घिर जाते है सरकारों के सरोकार जनता से हट जाते है संसाधनों पर कुंडली मार नॉकरशाही बैठ जाती है हालातो के कारण जनता त्राहि त्राहि करती है ध्यान समस्याओं से भटकाने के लिये दंगा बलबा साम्प्रदायिक जहर उगलती है खूब विश्व संगठन शांती शांती करता हो यूक्रेन के विनाश में दम अमेरिका भरता हो डॉलर की चमक बढ़ाने खाड़ी देशों को निशाने पर लेता हो आधुनिक हथियारों की खेप खपाने युद्धों का संचालन खुद करता हो मानवता वादी चेहरा,शातिराना हरकते करता हो विश्वशांति का तमगा लेकर,कितने राष्ट्रों को निगलता है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Sad_Status विश्वशांति का तमगा लेकर,कितने देशों को निगलता हो #nojotohindipoetry
#Sad_Status विश्वशांति का तमगा लेकर,कितने देशों को निगलता हो #nojotohindipoetry
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