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TEJPAL
एक डाकिया था वह रोजाना अपना काम चिट्ठी बांटने का करता था । अक्सर एक लड़की के घर चिट्ठी ले जाता था, जहां अकेली रहती थी लेकिन उसका दरवाजा बहुत देर में खुलता था। वह बड़ी देर तक इंतजार करता लेकिन दरवाजे पर लड़की बड़ी देर में आती और अंदर से आवाज आती अंकल जी गेट के नीचे से अंदर चिट्ठी डाल दीजिए । डाकिया को बड़ा गुस्सा आता यह तो बड़ी देर में गेट पर आती है, कभी गेट नहीं खोलती पता नहीं ऐसा क्या घमंड है उसको ।यह कई वर्षों तक चलता रहा । एक दिन डाकिया मनी ऑर्डर लेकर आया। डाकिए ने सोचा आज लड़की गेट जरूर खोलेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ हमेशा की तरह लड़की ने कहा अंकल चिट्ठी अंदर डाल दीजिए लेकिन उसने कहा यह रजिस्ट्री है सिग्नेचर करने पड़ेंगे लड़की ने कहा अंकल कागज अंदर खिसका दीजिए मैं सिग्नेचर कर देती हूं । और रजिस्ट्री अंदर डाल दीजिए। डाकिया को गुस्सा आया कि आज भी लड़की ने दरवाजा नहीं खोला बहुत घमंडी लड़की है। लड़की मनीआर्डर पाकर बहुत खुश हुई। उसने डाकिए के लिए 1 जोड़ी जूते मंगवाए। अगले दिन जब डाकिया आया लड़की ने हमेशा की तरह देर में आई । आज उसने किसी तरह गेट खोला और एक डिब्बा देते हुए कहां मेरे लिए रोज चिट्ठी लाते हैं। मैं देखती हूं आप रोज पैदल आते हैं और नंगे पैर आते हैं। उसने एक गिफ्ट पैक देते हुए कहा इसमें 1 जोड़ी जूते हैं । प्लीज आज से इनको पहन कर ही आया जाए कीजिए । नंगे पैर मत रहिए। डाकिए ने देखा कि उस लड़की को तो उसके घुटनों के नीचे से पैर ही नहीं थे वह घर के दरवाजे तक घिसट कर तक आई थी । डाकिया यह देखकर हतप्रभ हो गया और भावुक हो गया । लड़की ओर हाथ जोड़कर पीछे मुड़कर चल दिया और वह सोचता जा रहा था कि मैं इसके विषय में कितना गलत सोचता था। उस का तो कोई भी नहीं और ना ही उसके पैर हैं कैसे खोलती दरवाजा। फिर भी उसने मेरे लिए जूते खरीदे। कितना अजीब है! कुछ लोग जूतों के लिए रोते और कितनों के पैर ही नहीं होते! ©TEJPAL # कुछ लोग जूतों के लिए रोते और कुछ के तो पैर ही नहीं होते
SB Malic Short
Shubham Srivastwa
मैं तब भी झुक कर बांध दूंगा तुम्हारे जूतों के फिते.... हाँ उस उम्र में भी जब मेरे घुटनों में दर्द होगा!! मैं तब भी झुक कर बांध दूंगी तुम्हारे जूतों के फिते...., हाँ उस उम्र में भी जब मेरे घुटनों में दर्द होगा!! Anchal
Kushal Bhatnagar
😎😎😎😎😎😎😎अजीब सा ख़ौफ़ था…. उस शेर की आँखों में,,,,, जिसने जंगल में हमारे जूतों के निशान देखे थे…!!😎😎😎😎😎😎😎
ਸੀਰਿਯਸ jatt
sirohibholu
READ IN CAPTION PLZ 🙏🙏🙏 @SIROHIBHOLU अँधेरा --------- जूतों के भीतर जो अँधेरा है उसमें सिर्फ़ पैर रास्ता देख पाते हैं पैरों के उनमें से निकल जाने के बाद
Deepak Kanoujia
टांके हुए हूं तुम्हें कमीज के बटनों में जूतों के फीतों में घड़ी की सुइयों में अपनी आँखों में आँखों के चश्में में (अनुशीर्षक पढ़ें कृपया) तुम कहां थोड़ा सा भी मुझे रख पाती होगी अपने पास अपनी व्यस्त दिनचर्या में... तुम कहां धुंधला सा भी मुझे याद रख पाती होगी रहने देना तुम,