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Er.Mahesh
जन्म दिन मुबारक है भईया जी आपको मिले हमें आपका ऐसा ही स्नेह भरा साथ, ये गुजारिश है प्रभु आपसे आपके के जीवन में खुशियों का रहे अंबार जीवन की कठिनाइयां को करें,हम सब मिलजुल के पार यही प्रभु से गुजारिश है मेरी बार बार ©Er.Mahesh #हैप्पी बर्थ डे
Er.Mahesh
जिन्होंने गरीबों को , राजनेता बनने का सपना दिखाया बिखरी हुई समाज को जोड़कर उन्हे ऊंचा मुकाम दिलाया ऐसे युगपुरुष काशीराम साहब का आज जन्मदिन है आया आज के दिन हम सब ने उनकी यादों को फिर से अपने ह्रदय में बसाया ©Er.Mahesh #हैप्पी बर्थ डे
_itni _si _baat _hai _vandana Upadhyay
और फिर एक दिन हम दोनों नें फैसला लिया अलग होने का एक दूसरे को अलविदा कहा तुम आगे बढ़ गए और मैं खुद के संग तुम्हें जिती रही तुम रह गए मुझमें बर्थ मार्क कि तरह ताउम्र... ©vandana upadhyay बर्थ मार्क वंदना उपाध्याय.v #Couple
Negi Girl Kammu
साल का वो दिन फिर एक बार और आया। घर के ऑगन में खुशियों ने अपना जाल बिछाया। हसीन सपनों ने और ढ़ेरों उपहारों ने एक बार फिर , आपके घर की तरफ कदम बढ़ाया। ये नजारे ,ये हवाए अपने आप रंगीन हो चले। क्योंकि आज ईश्वर ने आपको ज़मी पर जो बुलाया Happy birth day dear Bhanu ©Negi Girl Kammu तेरा हैप्पी बर्थ डे।
ओमपाल सिंह " विकट"
दिखती हो शांत साधारण सी, अपने फन की एक नम्बर हो। अनामिका सा सकल विश्व में, कविता का तुम अम्बर हो। मधुर कंठ , हे काव्य पुंज कविता की तुम परछाई हो। जब भी शब्दों की लय बिगड़ी, बस याद तुम्हीं तो आई हो। हो सुंदरता की मूरत तुम, सरस्वती का स्वयं स्वयंवर हो। अनामिका सा सकल विश्व में, कविता का तुम अम्बर हो। धरती आकाश पवन की तो कोई सीमा नजर नहीं आती। बिन तेरे, लाख करोड़ों को, कविता की कली नहीं भाती। शब्दों का रूप भयंकर हो तुम, काव्य का "विकट" बवंडर हो। अनामिका सा सकल विश्व में, कविता का तुम अम्बर हो। जब मंच पे तुम आ जाती हो, कविता को महका जाती हो। अपने पहले कीर्तिमान तोड़, नित नए आयाम बनाती हो। सुर ताल की हो सरताज तुम्हीं, तुम काव्य का युद्ध भयंकर हो। अनामिका सा सकल विश्व में, कविता का तुम अम्बर हो। फ़रवरी माह सी खिलकर तुम, जब मंच के ऊपर आयी थीं। कुछ मठाधीश सितंबरों को, तुम बिल्कुल भी ना भायी थीं। वो जून के गर्म थपेड़े हैं अब, तुम काव्य का माह नवंबर हो। अनामिका सा सकल विश्व में, कविता का तुम अम्बर हो। हो मंच कोई, या टीवी हो, फिर साली हो या बीवी हो। सबके मन हो तुम बसी हुई, सब जगह पे तुम ही छाई हो। हे सरस्वती प्रतिरूप तुम्हें, बर्थडे की "विकट" बधाई हो। ओमपाल सिंह "विकट"। धौलाना, हापुड़(उत्तर प्रदेश)। हैप्पी बर्थ डे अम्बर