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sumit Rajpoot
Unsplash मैं तुम्हारा साथ कभी नहीं छोडूंगी i love ♥️♥️ ©sumit Rajpoot i love too मैं तुम्हारा साथ कभी नहीं छोडूंगी
i love too मैं तुम्हारा साथ कभी नहीं छोडूंगी
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White सोचता हूँ कभी कभी क्या तुम मेरा इश्क़ थीं या, यूँ ही बस एक इंसानी फ़ितरत पसन्द करना किसी को मोहब्बत के ख्याली पुलाव पकाना ग़र ये, महज़ एक आकर्षण था तेरे मुँह मोड़ने पर भी बाकी क्यूँ है तो क्या है जो अब भी बाकी है मुझ में एक शोर सा, मेरी सांसों की डोर सा क्यों होता है ऐसा… हर बार बेवफ़ा समझ कर सोचता हूँ तुम से दूर जाने को तेरा अक्स मेरी आँखों में उतर आता है मुस्कुरा कर जैसे पूछ रहा हो कैसे हो तुम, जो कहा करते थे आख़िरी साँस तक चाहोगे मुझे तब शर्त कहाँ थी उतना ही चाहोगी तुम मुस्कुराहट तुम्हारी शोर बन कर गूंजने लगती है मेरे भीतर धड़कनें इस क़दर बढ़ जाती है मानो दिल फटने को हो हँसी में घुले सवाल गूंजने लगते हैं मेरे कानों में एक शोर, जो डराने लगता है मुझे हर बार, हर रात मुझे जाग जाता हूँ मैं, भूल कर सारे शिकवे एक और सुबह होती है मुझे याद दिलाने को इश्क़ है मुझे तुम से, रहेगा भी आख़िरी साँस तक इस जन्म, उस जन्म, हर जन्म ©हिमांशु Kulshreshtha सोचता हूँ कभी कभी....
सोचता हूँ कभी कभी....
read moreGhumnam Gautam
Unsplash न कर सके हैं कभी वक़्त का यक़ीं लम्हे उदास आँखों से झरते हैं बस हसीं लम्हे झगड़ पड़ा था तेरे वास्ते जो वक़्त से मैं इसीलिए तो अभी मुझमें हैं मक़ीं लम्हे ©Ghumnam Gautam #library #लम्हे #उदास #झगड़ा #ghumnamgautam
#library #लम्हे #उदास #झगड़ा #ghumnamgautam
read moreMahesh Patel
Unsplash सहेली .... कभी-कभी हम यूं ही मुस्कुराया करते... कभी-कभी तुम्हारी बातों को यूं ही सुन लिया करते हैं.. कभी-कभी समझ में भी नहीं आता कि हम तुमसे यूं ही मिला करते हैं.. लाला... ©Mahesh Patel सहेली... कभी-कभी..लाला..
सहेली... कभी-कभी..लाला..
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White कभी कभी तलब में इज़ाफ़ा भी कर देती हैं महरूमियाँ एहसास प्यास का बढ़ जाता है सहरा देख कर ©हिमांशु Kulshreshtha कभी कभी...
कभी कभी...
read moreनवनीत ठाकुर
तेरे प्यार की जो कभी शमा जलती थी मेरे अंदर, वही शमा राख हो गई है, और अब जल रहे हैं हम। वो तुझसे मिलकर जो रास्ते थे रोशन, अब उसी अंधेरे में खुद को खोते हैं हम। खुदा से अब क्या मांगें नवनीत, ये लम्हे कहाँ जाएं, जो कभी थे मोहब्बत, अब वही तमाशा बने हैं हम। ©नवनीत ठाकुर #खुदा से अब क्या मांगें नवनीत, ये लम्हे कहाँ जाएं, जो कभी थे मोहब्बत, अब वही तमाशा बने हैं हम।
#खुदा से अब क्या मांगें नवनीत, ये लम्हे कहाँ जाएं, जो कभी थे मोहब्बत, अब वही तमाशा बने हैं हम।
read moreहिमांशु Kulshreshtha
अल्फाजों को क्या खबर किस क़दर असर करते हैं कभी पत्थर,कभी मोम तो कभी आईना होते हैं ©हिमांशु Kulshreshtha कभी...
कभी...
read moreDivuu.writes
White कभी कभी यूंही सोचती हूं इतना भी क्या गलत किया था जो इतने यारों से धोखा खाया? इतनी भी क्या दूरी थी जो कोई अपना होकर भी पास न आया?? क्या मिला दिल साफ रख के जब आखिर में खुद को अकेला ही पाया?? कभी कभी यूँही सोचती हूं ए खुदा तूने कोई खुद सा क्यों ना बनाया?? क्यों मेरी बारी पर ही तूने हर किस्से में दर्द सुनाया? ©Divuu.writes #good_night कभी कभी
#good_night कभी कभी
read moreअdiति
कभी चंचल तो कभी उदंड हूं मैं,कभी चिड़िया तो कभी पतंग हूं मैं 🦋💓 Writer poet-Akash kumar Ganesha•~• Prashant Shakun "कातिब" Monu Kumar h
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