Nojoto: Largest Storytelling Platform

New लुधियाना स्टेशन Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about लुधियाना स्टेशन from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, लुधियाना स्टेशन.

    PopularLatestVideo

Mevalal

रेलवे स्टेशन लुधियाना #nojotophoto

read more
 रेलवे स्टेशन लुधियाना

Shiv lenser

लुधियाना #News

read more
mute video

Rajkumar Sahni

लुधियाना #ludhaina #Society

read more
mute video

Rajkumar Sahni

लुधियाना #Ludhiana #Society

read more
mute video

Lata Sharma सखी

जिंदगी गुजरती है कई सारे स्टेशनों से,
कुछ में हम ठहरते हैं कुछ हममें ठहर जाते हैं,

सुनो! तुम मेरा ऐसा ही कोई स्टेशन हो,
जिसमें मैं जरा ठहरी तो वो मुझमें ठहर गया।

©सखी

©Lata Sharma सखी #स्टेशन

Neelam bhola

स्टेशन

read more
बचपन,जवानी,बुढ़ापा
जैसे स्टेशन हो कोई,
रेलवे स्टेशन!!
या रेलवे स्टेशन में सिमट आये हो ये दौर जिंदगी के,

सुबह का स्टेशन मानो
नन्हा बच्चा हो कोई,
कभी शांत,कभी चाय चाय की किलकारी
सा गूंजता,
सौंधी सी खुशबु लिये,
बच्चे कि हँसी सा,
कभी खिलखिलाता,कभी चुपचाप स्टेशन,

बचपन का सा स्टेशन,हल्के से आँख मूँदता-खोलता सा दिखता है,
न आने-जाने की होड़ कहीं,
आदमी ना भागता सा,ज़रा रुका सा दिखता है,

दोपहर होते होते स्टेशन पे भीड़ बढ़ती जाती है,
जवानी की ही तरह जिम्मेदारी 
हर तरफ नज़र आती है,
कहीं कूली,कहीं चाय,कहीं लोगों का सामान,
जवानी का पहर है,
ये है मुश्किल,है नही आसान,

चारों तरफ रिश्तों और जिम्मेदारियों की तरह लोग नज़र आते है,
ना जाने कहाँ जाते है,कहाँ से लौट के आते हैं,
कुछ न आने के लिये वापिस,
कुछ न जाने के लिये आते है,

जवानी भी कुछ इसी तरह के पहलुओं को समेटें है,
कहीं खड़े हैं लोग,कहीं बेबस से लैटे हैं,

बुढ़ापे की तरह ही ढलती है 
हर एक शाम स्टेशन पर,
कुछ लोगों के लिये खास,
कुछ लोगों के लिये आम स्टेशन पर,
बुढ़ापे की तन्हाई  की तरह,
स्टेशन की शाम भी तन्हा होती जाती है,
स्टेशन पे अब गाड़ी भी कुछ कम ही आती हैं,

न कूली,न चाय न साजो-सामान होता  है,
बुढ़ापे की ही तरह तन्हा स्टेशन,
हर रोज़ आम होता है।।।।

©Neelam bhola स्टेशन

Darsh Verman

स्टेशन

read more
स्टेशन सी हो गई है जिंदगी

जहाँ लोग तो बहुत हैं
      पर अपना कोई नहीं 💔 स्टेशन

Nidhi Pant

लंबे अरसे से घर में रहते हुए जब अचानक बाहर निकलो तो लगता है दुनिया कितनी आगे निकल चुकी है। और हम वहीं के वहीं हैं। पर सच तो ये है कि जो दुनिया हम  देख रहे हैं वो भी घर के अंदर जाने का ही इंतज़ार कर रही होती है।अंदर होते हैं तो बाहर जाने के बारे में सोचकर बाहर निकल आते हैं और बाहर से अंदर जाने की राह देखते रहते हैं। घर को हम सबने एक स्टेशन  मान लिया है, जो आने और जाने के बीच एक सुस्ताने भर की जगह है। कभी अगर शहर बदल लिया तो  स्टेशन भी बदल जाता है।दूसरी जगह जाकर भी वो घर  नहीं बन पाता।उसी तरह दुनिया वहीं की वहीं है बस चेहरे नए हैं। हम भी वहीं हैं और दुनिया भी।😊 #स्टेशन

Saini Star

लुधियाना Balakrishna Namita Writer Sahiba Sridhar #Shayari

read more
लुधियाना में बारिश से हुआ बुरा हाल लुधियाना Balakrishna Namita Writer Sahiba Sridhar

Parasram Arora

आखरी स्टेशन.......

read more
अंततः 
जिंदगी  की   रेल 
वक़्त क़े  खामोश 
प्लेटफार्म  पर से  गुजरते  गुजरते 
एक  दिन   तो मुक़्क़मल   मंजिल  पर जा
पहुंची 
जहाँ   लिखा था 
"आगे  अब  और  कोई  स्टेशन  नहीं.... सिर्फ 

अँधेरी  गहरी  खाई  हैँ..... यही  उतरो  
अंतिम   छलांग  लगाकर 
जिन्दगी को  अलविदा  कह  डालो.. " आखरी   स्टेशन.......
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile