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ak
आज शाम क़ुछ भी अच्छा नही लगता, जब जीने की वजह ही छीन जाए.. तारों का शहर हो, या हो कोई भी शाम, बेवज़ह सी जिंदगी लगने लगतीं है, जब अपना दिल ही हमसे रुठ जाए। ©Ankita Kale #आज_का_विचार #आज_कि_शाम #PoetInYou
Shalu
आज मुझे तेरी याद आ रही पता नहीं आज फिर मैं क्यूँ कमज़ोर पड़ती जा रही आज मुझे फिर तेरी याद आ रही तुझे अपने दिल के संदूक में बंद कर रखा था मैंने उसकी चाबी को भी कहीं गुम कर दिया था मैंने पता नहीं आज फिर उससे कुछ आवाज़ आ रही आज मुझे तेरी याद आ रही तू मुझे याद करता भी होगा क्या मुझे याद कर तू भी अपने बगीचे में शाम को घंटो घुमा करता होगा क्या ये सोचकर आज मेरी साँसे क्यूँ थमती जा रही आज मुझे तेरी याद आ रही तेरी याद भी तुझ जैसी अजीब सी कभी ये मुझे हँसाए तो कभी जी भर रुलाये पर ये कभी मुझे याद कर तुझे क्यूँ नहीं रुला रही आज मुझे तेरी याद आ रही आज मुझे बस तेरी याद आ रही। #आजफिर #आजकाशब्द #आजअचानक #मुझे_तुम_याद_आते_हो #मुझे_सताकर_तुम्हे_शुकून_मिलता_है
Shalu
प्यार तो दूर की बात तूने तो मुझे अपनी दोस्त तक न माना इलज़ाम पर इलज़ाम लगाता रहा मुझपर क्या सच में आजतक तूने मुझे इतना ही जाना आज भी तेरे इल्ज़ामो की गिनतियाँ ख़त्म नहीं हुई तू बता न तुझे चाह कर मुझसे ऐसी क्या गलती हुई सच तो ये हैं तूने मुझे कभी नहीं रुलाया तू मुझपर विश्वास नहीं कर पाया तू मुझे समझ नहीं पाया तू मुझे अपना दर्द नहीं बता पाया तू मुझे अपना नहीं बना पाया बस इन्ही बातों ने आज तक मुझे रुलाया और अफ़सोस इस बात को भी तू नहीं समझ पाया। आज अचानक से ये बातें मन में आई #फर्कनहींपड़ताअब #आजकाशब्द #आजकाविचार
Asba tabassum ansar ahemad Qureshi
आज का सुविचार action speaks louder than words ©Asba tabassum ansar ahemad Qureshi # आजकासुविचार
Vikas Sahni
आज भी तो नींद नहीं है इन नयनों में, बेशक बत्ती बंद हो चुकी है भवनों में। तापमान तेरी यादों का इतना अधिक बढ गया है कि कोई अपना अपनों में नहीं लगता इसलिए वार-वार सच को छोड़कर मैं चलता रहा सिर्फ़ सपनों में। ...by Vikas Sahni ©Vikas Sahni #आज_भी_तो________विकास_साहनी
नशीली कलम
देख रही है मेरी चाहत तू जुदा क्या हुई आसमान भी रो पड़ा तेरी जुदाई में #आज_की_पहली_बारिश
Bhanu
आज एक नया सा एहसास देखा है चाँद सूरज को मोहब्बत लिखते देखा है लाल चादर ओढ़े सूरज को चाँद के इंतजार में देखा है बेहते गगन में उड़ते पंछी को हवा के संग बतीयातें देखा है आज एक नया सा एहसास देखा है चाँद और सूरज को एक दूजे के लिए तड़पते देखा है हवा को भी पंछी बिन आवाज़ करते देखा है आज एक नया सा एहसास देखा है चाँद के निकलने तक सूरज को इंतेज़ार में देखा है मेने सूरज को भी किरण रूप में चाँद के लिए रोते देखा है जब हम निखारतें धरती से चाँद को मैने सूरज को जलतें देखा है बेबस होते देखा है आज एक नया सा एहसास देखा है चाँद सूरज को मोहब्बत के नये आयाम लिखते देखा है आज एक नया सा एहसास देखा है ©Bhanu #आज_एक_नया_सा_एहसास_देखा_है