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theABHAYSINGH_BIPIN
White टूटी खिड़कियाँ, वो कच्चा मकान, जहां रहता था कभी सच्चा इंसान। मॉडर्न के बेहकावे में हम आकर, कैसे शरीफ दिखाता झूठा इंसान। रीति वो पुरानी कितनी प्यारी थी, जहां हफ्तों रुकता था हर मेहमान। भाईचारे की भावना एक हस्ती थी, अब भाई को नहीं मिलता सम्मान। अब किराए का शहर छोड़कर, उसी गांव में फिर से बस रहा इंसान। खो दिया है सबका अपमान कर, अब गैरों में ढूंढता है सम्मान। ये कैसा दौर चला है कलयुग का, देखकर भी कुछ न सीखता है इंसान। मुकर जाता है एक मदद के नाम से, अभय से ना रखता है जान-पहचान। ©theABHAYSINGH_BIPIN #sad_qoute टूटी खिड़कियाँ, वो कच्चा मकान, जहां रहता था कभी सच्चा इंसान। मॉडर्न के बेहकावे में हम आकर, कैसे शरीफ दिखाता झूठा इंसान। रीति वो
#sad_qoute टूटी खिड़कियाँ, वो कच्चा मकान, जहां रहता था कभी सच्चा इंसान। मॉडर्न के बेहकावे में हम आकर, कैसे शरीफ दिखाता झूठा इंसान। रीति वो
read moreN S Yadav GoldMine
Unsplash {Bolo Ji Radhey Radhey} ये कलयुग हैं:- जनाब यहां दूसरे की तकलीफ को कर्मो का फल कहते हैं, अपनी तकलीफ़ को भगवान की परीक्षा बताते हुए पाये जाते, ये आजकल की विडंबना है, जो लोगों ने अपनी आदत व विचारों में शामिल कर लिया है।। जय श्री राधेकृष्ण जी।। ©N S Yadav GoldMine #Book {Bolo Ji Radhey Radhey} ये कलयुग हैं:- जनाब यहां दूसरे की तकलीफ को कर्मो का फल कहते हैं, अपनी तकलीफ़ को भगवान की परीक्षा बताते हुए पाय
#Book {Bolo Ji Radhey Radhey} ये कलयुग हैं:- जनाब यहां दूसरे की तकलीफ को कर्मो का फल कहते हैं, अपनी तकलीफ़ को भगवान की परीक्षा बताते हुए पाय
read moreVs Nagerkoti
एक अच्छा और व्याहारिक व्यक्ति अपनी जगह कही भी बना लेता है । ऐसे इंसान से अपने आप ही लोग जुड़ने लग जाते है । ऐसे लोग खुद किसी बुरे इंसान के जीवन में ज्यादा नहीं ठहरते। ©Vs Nagerkoti #duniya ऐसा इंसान का साथ इस कलयुग में किसे नहीं चाहीए,,,
#duniya ऐसा इंसान का साथ इस कलयुग में किसे नहीं चाहीए,,,
read moreAnuradha T Gautam 6280
#मां_को_मां_की_जरूरत मां क्या होती है एक मां ही समझ सकती है जाकर मां से पूछो जिनकी मां नहीं होती अरे हमारे सामने तो मां होती है पर उसकी कद
read moreParasram Arora
White एक हार गले मे गिरा या एक हार जिंदगी को मिली बेहतर यही होगा कि जिंदगी की हार को गले के हार से तुम बदल लेना ये घोर कल युग का दौर हैँ ये तुम्हारी जिंदगी का इम्तिहान जरूर लेगा बेहतर होगा इस शातिर कलयुग के हवन कुंड से तुम खुद को बचा कर निकल जाना ©Parasram Arora घोर कलयुग
घोर कलयुग
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