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Suman Rathore
अंधेरे में सूरज की किरण की एक झलक जैसे..... एक आखरी उम्मीद अंधेरे में सूरज की किरण की एक झलक जैसे.... कोई फरिश्ता अंधेरे में सूरज की किरण की एक झलक जैसे.... अकाल में बारिश होना अंधेरे में सूरज की किरण की एक झलक जैसे.... बेहद नफरत में प्यार अंधेरे में सूरज की किरण की एक झलक जैसे.... निराशा में आशा की एक झलक ©Suman Rathore Sunlight just like last hope
MDK
your best teacher is your last mistake ©MDK last mistake#hope
mrshayar_jp
पढ़ा लिखाकर जिसने पैरो पर खड़ा किया काबिल होकर भी जो मां की सेवा न कर सका अब मां को खोकर उसको मां की याद आती है अब मलमल के बिस्तर में भी उसको अजीब बेचैनी सताती थी तकिए में वो नींद कहा ,जो मां को गोदी में सिर रख कर आती थी ©mrshayar_jp #maa #last part
avinash Kumar
_अंत समय में_ !अंत समय मे साथ ना देंगे! !अंत समय में साथ ना देंगे! !कोठी, बंगला, कार! !ईस जीवन मे ! !सब मतलब के यार! ©avinash Kumar #TereHaathMein #Last #Time⏳ #short_video #
shailesh chaudhari
बहादुर दर्जी की कही दूर एक दर्जी रहा करता था। वह दर्जी कपड़े को सील कर पैसा कमाया करता था। वह बस इतना ही पैसा कमा पाता था, जितने से उसका जीवन चल सके। वह दर्जी खुद को बहादुर मानता था। एक दिन वह दर्जी अपने घर दही लेकर आया। उसने अपने दही को रख दिया और काम करने लगा। उसने सोचा कि काम ख़त्म करने के बाद वह मजे से दही खाएगा। कुछ देर के बाद दर्जी का काम ख़त्म हो गया तो वह अपने दही को खाने की ओर बढ़ा। पर दही में अबतक बहुत सी मक्खी बैठी हुई थी। दरजी को उन मक्खी पर गुस्सा आ गया। उसने एक कपडे से मक्खियों को मारा। कपडे से मारने के कारण सात मक्खी तुरंत ही जमीन पर गिर कर मर गई। इससे दर्जी बहुत ही खुश हुआ। उसे ख़ुशी हो रही थी कि उसने कैसे एक बार में साथ को मार गिराया। अब उसके मन में बैठ गया कि वह एक बहादुर है। उसने अपने कपडे पर लिखा। एक वार, साथ शिकार। वह अपने बारे में सभी को बताया करता था कि वह एक बार में सात को मार सकता है। यह सुनकर सभी ही उसको बहादुर मानने लगे थे। एक बार उस राज्य के राजा को एक दानव से परेशानी हो रही थी। वह दानव राज्य के पास ही एक जंगल में रहा करता था। वह समय-समय पर राज्य पर हमला करता और लोगो को मार कर खा जाता है। एक दिन राजा को पता चला कि राज्य में एक ऐसा बहादुर है। जो कि एक वार में साथ शिकार करता है। राजा को लगा कि यही वह बहादुर है जो कि हमें उस दानव से आजाद करा सकता है। अगले दिन ही राजा से उस बहादुर दर्जी को अपने दरबार में बुलाया। यह खबर सुनकर दर्जी रात भर सो न सका। उसे खुद पर बहुत ही गर्व हो रहा था। अगले दिन दर्जी दरबार में पहुंच गया। राजा से अपनी सारी समस्या दर्जी से कह डाली। दर्जी ने कहा, आप चिंता न करे। उस दानव को मैं कुछ समय में ही हरा दुगा। राजा ने दर्जी से कहा, तुम अपने साथ कुछ सैनिक और हाथिया लेकर जाव। दर्जी ने तुरंत ही मना कर दिया। उसने कहा, मैं अकेले ही उसे हरा दूंगा। दर्जी अगले दिन ही अपने साथ पनीर का टुकड़ा और चिड़िया लेकर चल दिया। वह दर्जी जब जंगल में पंहुचा तो उसके सामने वह दानव आ खड़ा हुआ। दर्जी ने कहा, मैं तुम्हे मारने आया हुआ। आज मैं तुम्हे मार दुगा। दानव ने कहा, तुम मुझे कैसे मार सकते हो? अगर तुम्हे विश्वास नहीं है तो मुकाबला कर के देख लो। दानव ने एक बड़ा सा पत्थर उठा कर दूर फेक दिया। दर्जी ने कहा, बस तुम इतना ही दूर फेक पाए। यह कहते हुए दर्जी ने धीरे से अपने जेब में से चिड़िया को निकला और ऊपर उछाल दिया। चिड़िया आकाश में उड़ गई। फिर वह कभी निचे नहीं आई। दानव इस दर्जी से थोड़ा डारने लगा। फिर दानव ने एक पत्थर को इतना दबाया कि उसमे से पानी निकल गया। दर्जी ने अपने जेब में से पनीर को निकला और एक ही हाथ से दबाया तो बहुत सारा पानी निकल आया। अब दानव ने अपना घुटने टेक दिया। दानव ने कहा, आप मुझे न मारे। दर्जी ने कहा, मैं तुम्हे एक ही शर्त पर नहीं मरुँगा। वह शर्त है कि तुम इस जंगल को छोड़ कर कही दूर चले जाव। दानव ने इस शर्त को मान लिया। उसने अगले पल ही इस जंगल को छोड़ दिया। दर्जी ने आकर राजा को यह खबर दिया। राजा इस खबर से बहुत ही खुश हुए। उन्होंने राजकुमारी की शादी इस दर्जी से कर दी। ©shailesh chaudhari #watchtower #adventure story #bahadur
justmythoughs2050v2
आख़री सफ़र एक दिन हम भी गुज़र जाएंगे, ज़िन्दगी के नये सफर पर निकल जाएंगे पीछे तो छुटेंगे लोग, पीछे तो छुटेंगे लोग, पर वो जो वक्त की यादों में हमारा चेहरा देखकर मुस्कुराएंगे, हमें याद करके किसी के आंसु आए तो रो देना,कि हम भी सोच कर मुस्कुराएंगे किसी ने तो याद किया जीते जी ना सही मरने के बाद तो किया, जन्म मिला दोबारा तो मिलने ज़रुर आएंगे इस जिंदगी का सारा कर्ज अग्ली में चुकाएंगे, किसी न याद ना भी किया तो हम तो सबको याद करके मुस्कुराएंगे, मुस्कुराएंगे, मुस्कुराएंगे अब तक का सफर भी सुहाना सा था दुःखों से भरा और सुखों से हारा हुआ किनार सा था, सफ़र ख़त्म हुआ तो सोचा कुछ देर आराम फरमाएंगे पर क्या पता था कि हर सफर का भी सफर होता है, यह खत्म तो अगला भी शुरू होता है, खेर हम तो चल दिए नए सफर पर यारो, वक्त मिले तो याद कर लेना कभी, कि हम भी कहीं यादो की दिवारो में दब जाऐगे,दब जाएंगे ©justmythoughs2050v2 #thelunarcycle #Last #justmythoughts