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Dhruv Solanki
White હું વિન્ધ્ય ની પાળે બેસીસ તું રેવા ની ધારે આવજે, હું વર્ષો થી તરસ્યો રહીશ તું એક જ ઘૂટે ધરાવજે. હું બેઠેલો હોઈશ તું હર્ષ ની હેલી લાવજે, મારા મન-મેલ ધોઈ આતમ માં ભીંજાવજે હું ત્યાં જ હોઈશ તું સ્પર્શ ની લ્હેરખી લાવજે, હું કુવા નો માણહ તું ઝરણાં થી મલાવજે હું બેઠેલો જ હોઈશ તું શૌર્ય નો સુરજ લાવજે, ને અંતરકપાટ માં પ્રકાશ-પુંજ રેલાવજે હું ત્યાં જ હોઈશ તું ધરતી માં ઢાળ લાવજે, જનમ થી આળસુ છું જરા શક્તિ-સંચાર કરાવજે હું પોહ્ચી ને ક્યાં પોહ્ચીશ તું છેલ્લે આકાશ બની ને આવજે તું પરમેશ્વર, હું પૂજ્યા કરીશ તું હૈયે ૐકાર ગુંજાવજે ©Dhruv Solanki #Night love #Love #kavita #Gujarat #gujarati #Druv
siddhartha singh
आगाज़
रांझा जोगीड़ा बण आया वाह सांगी सांग रचाइआ एस जोगी दे नैन कटोरे, बाज़ां वांङू लैंदे डोरे मुक्ख डिठ्यां दुक्ख जावन झोरे, इन्हां अक्खियां लाल वंजाइआ रांझा जोगीड़ा बण आया एस जोगी दी की निशानी, कन्न विच मुन्दरां गल विच गानी सूरत इस दी यूसफ़ सानी, एस अलफ़ों आहद बणाइआ रांझा जोगीड़ा बण आया रांझा जोगी ते मैं जोगयानी, इस दी खातर भरसां पाणी एवें पिछली उमर वेहाणी, एस हुन मैनूं भरमाइआ रांझा जोगीड़ा बण आया bulle shah ©आगाज़ #bulle shah aditi the writer Niaz (Harf) आँचल सोनी 'हिया'
aditi the writer
किससे अब तू छिपता है? मंसूर भी तुझ पर आया है, सूली पर उसे चढ़ाया है। क्या साईं से नहीं डरता है? कभी शेख़ रूप में आता है, कभी निर्जन बैठा रोता है, तेरा अन्त किसी ने न पाया है बुल्ले से अच्छी अँगीठी है, जिस पर रोटी भी पकती है, करी सलाह फ़कीरों ने मिल जब बाँटे टुकड़े छोटे-छोटे तब ©aditi the writer #holikadahan #bulle shah Kundan Dubey Niaz (Harf) Kumar Shaurya
aditi the writer
Life Like तूं वार दे हर शै यार अपने तों जे जित्तनी इशक दी बाज़ी । यार दे नां दी तूं नीत खलो जा तैनूं आखन इशक नमाज़ी । तेरा यार कहे जे तूं घुंगरू पा लै भावें फ़तवे लावे काज़ी । बुल्ल्हे शाह जग्ग रुसदा रुस्स जावे पर असां यार नूं ©aditi the writer #Lifelike #bulle shah Niaz (Harf) R Jain आगाज़ Kundan Dubey
shailesh chaudhari
बहादुर दर्जी की कही दूर एक दर्जी रहा करता था। वह दर्जी कपड़े को सील कर पैसा कमाया करता था। वह बस इतना ही पैसा कमा पाता था, जितने से उसका जीवन चल सके। वह दर्जी खुद को बहादुर मानता था। एक दिन वह दर्जी अपने घर दही लेकर आया। उसने अपने दही को रख दिया और काम करने लगा। उसने सोचा कि काम ख़त्म करने के बाद वह मजे से दही खाएगा। कुछ देर के बाद दर्जी का काम ख़त्म हो गया तो वह अपने दही को खाने की ओर बढ़ा। पर दही में अबतक बहुत सी मक्खी बैठी हुई थी। दरजी को उन मक्खी पर गुस्सा आ गया। उसने एक कपडे से मक्खियों को मारा। कपडे से मारने के कारण सात मक्खी तुरंत ही जमीन पर गिर कर मर गई। इससे दर्जी बहुत ही खुश हुआ। उसे ख़ुशी हो रही थी कि उसने कैसे एक बार में साथ को मार गिराया। अब उसके मन में बैठ गया कि वह एक बहादुर है। उसने अपने कपडे पर लिखा। एक वार, साथ शिकार। वह अपने बारे में सभी को बताया करता था कि वह एक बार में सात को मार सकता है। यह सुनकर सभी ही उसको बहादुर मानने लगे थे। एक बार उस राज्य के राजा को एक दानव से परेशानी हो रही थी। वह दानव राज्य के पास ही एक जंगल में रहा करता था। वह समय-समय पर राज्य पर हमला करता और लोगो को मार कर खा जाता है। एक दिन राजा को पता चला कि राज्य में एक ऐसा बहादुर है। जो कि एक वार में साथ शिकार करता है। राजा को लगा कि यही वह बहादुर है जो कि हमें उस दानव से आजाद करा सकता है। अगले दिन ही राजा से उस बहादुर दर्जी को अपने दरबार में बुलाया। यह खबर सुनकर दर्जी रात भर सो न सका। उसे खुद पर बहुत ही गर्व हो रहा था। अगले दिन दर्जी दरबार में पहुंच गया। राजा से अपनी सारी समस्या दर्जी से कह डाली। दर्जी ने कहा, आप चिंता न करे। उस दानव को मैं कुछ समय में ही हरा दुगा। राजा ने दर्जी से कहा, तुम अपने साथ कुछ सैनिक और हाथिया लेकर जाव। दर्जी ने तुरंत ही मना कर दिया। उसने कहा, मैं अकेले ही उसे हरा दूंगा। दर्जी अगले दिन ही अपने साथ पनीर का टुकड़ा और चिड़िया लेकर चल दिया। वह दर्जी जब जंगल में पंहुचा तो उसके सामने वह दानव आ खड़ा हुआ। दर्जी ने कहा, मैं तुम्हे मारने आया हुआ। आज मैं तुम्हे मार दुगा। दानव ने कहा, तुम मुझे कैसे मार सकते हो? अगर तुम्हे विश्वास नहीं है तो मुकाबला कर के देख लो। दानव ने एक बड़ा सा पत्थर उठा कर दूर फेक दिया। दर्जी ने कहा, बस तुम इतना ही दूर फेक पाए। यह कहते हुए दर्जी ने धीरे से अपने जेब में से चिड़िया को निकला और ऊपर उछाल दिया। चिड़िया आकाश में उड़ गई। फिर वह कभी निचे नहीं आई। दानव इस दर्जी से थोड़ा डारने लगा। फिर दानव ने एक पत्थर को इतना दबाया कि उसमे से पानी निकल गया। दर्जी ने अपने जेब में से पनीर को निकला और एक ही हाथ से दबाया तो बहुत सारा पानी निकल आया। अब दानव ने अपना घुटने टेक दिया। दानव ने कहा, आप मुझे न मारे। दर्जी ने कहा, मैं तुम्हे एक ही शर्त पर नहीं मरुँगा। वह शर्त है कि तुम इस जंगल को छोड़ कर कही दूर चले जाव। दानव ने इस शर्त को मान लिया। उसने अगले पल ही इस जंगल को छोड़ दिया। दर्जी ने आकर राजा को यह खबर दिया। राजा इस खबर से बहुत ही खुश हुए। उन्होंने राजकुमारी की शादी इस दर्जी से कर दी। ©shailesh chaudhari #watchtower #adventure story #bahadur