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Divan Dodiyar
White खो कर फिर तुम पा न सकोगे, हम वहा मिलेंगे जहा तुम आ न सकोगे ।। ©Divan Dodiyar #Thinking खो कर फिर तुम पा न सकोगे, हम वहा मिलेंगे जहा तुम आ न सकोगे ।। शायरी हिंदी में
#Thinking खो कर फिर तुम पा न सकोगे, हम वहा मिलेंगे जहा तुम आ न सकोगे ।। शायरी हिंदी में
read moreIrfan Saeed
White कफ़न देने तुम ही बैठें दफ़न के साथ भी तुम ही तुम ही कातिल तुम ही मुंसिफ तुम ही दुश्मन हजारों मे ©Irfan Saeed कफ़न देने तुम ही बैठें दफ़न के साथ भी तुम ही तुम ही कातिल तुम ही मुंसिफ तुम ही दुश्मन हजारों में #Shayari #Nojoto #GoodMorning
कफ़न देने तुम ही बैठें दफ़न के साथ भी तुम ही तुम ही कातिल तुम ही मुंसिफ तुम ही दुश्मन हजारों में #Shayari #GoodMorning
read moreDiya
तुम में न जाने ऐसा क्या है?कि हम तुम में खोने लगे हैं, इश्क़ ना सही तेरे लिए दुआ हम दिल से करने लगे हैं। ©Diya #तुम #में #न #जाने #चाहत #diyakikalamse✍🏼❤
F M POETRY
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset तुम न आना किसी बहाने में.. कोई अपना नहीं ज़माने में.. यूसुफ़ आर खान.... ©F M POETRY #तुम न आना किसी बहाने में...
#तुम न आना किसी बहाने में...
read moreAjun
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset दिल की धड़कन हो तुम हर जगह हर सासों में बसी हो तुम ©Ajun दिल धड़कन में हो तुम
दिल धड़कन में हो तुम
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
New Year 2024-25 तुम समझती तो ऐसी दूरी नहीं होती, बिछड़ने की कोई मजबूरी नहीं होती। तुम चलती मेरे साथ हाथ पकड़कर, आज फ़ासले और ये बेरुख़ी नहीं होती। हम तो थे रौशनी की एक राह जैसे, तुम्हारे संग चलते हर चाह जैसे। जो तुम सुनती दिल की हलचल मेरी, तो दिलों में ये तन्हाई नहीं होती। बस एक नज़र, बस एक बात होती, शिकवे-गिले सबकी वहीं मात होती। जो तुम समझती दिल के जज़्बात मेरे, तो आज दिलों में ये दूरी नहीं होती। ख़ता अगर थी, तो उसे भूल जाना, मोहब्बत को हर इल्ज़ाम से छुड़ाना। गर रिश्ते की डोर को तुम थाम लेती, तो दिलों में ये वीरानी नहीं होती। जो वक्त थम जाता उस मोड़ पर कहीं, जहाँ खड़ी थी खुशियों की एक जमीं। तुम कदम बढ़ाती अगर साथ मेरे, तो तक़दीर भी यूँ बेवफ़ा नहीं होती। ©theABHAYSINGH_BIPIN #NewYear2024-25 तुम समझती तो ऐसी दूरी नहीं होती, बिछड़ने की कोई मजबूरी नहीं होती। तुम चलती मेरे साथ हाथ पकड़कर, आज फ़ासले और ये बेरुख़ी नह
#Newyear2024-25 तुम समझती तो ऐसी दूरी नहीं होती, बिछड़ने की कोई मजबूरी नहीं होती। तुम चलती मेरे साथ हाथ पकड़कर, आज फ़ासले और ये बेरुख़ी नह
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