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Saurabh Gupta
KRISHNARTH
अरमां से भरी , तेरी क़ातिल सी मद भरी निगाहें पास बुलाती हैं बेताबी बढ़ाती हैं ©KRISHNARTH #बेताबियाँ
प्रेम और मैं
मेरे हिस्से सिर्फ बेताबियों का साया है, कि जो पाया मैंने, वो भी गवाया है बेताबियाँ🖤
Parveen Malik
बीत जाता है वक्त और बीत जाते हैं इंसान अमर हो जाती हैं यादें नहीं मिटते हैं उनके निशान! ©Parveen Malik तुम गये लेकिन दिलों में रह गए। #Irrfan
Rakesh Lalit
"तुम हो 'तुम' अपनी दृष्टि में" °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° दिखता है जो,वह होता है? नहीं है ऐसा,वह धोखा है। आख़िर में समझोगे तुम भी, जानोगे, मन भी सोता है । तुम हो 'तुम' अपनी दृष्टि में, शेष स्वप्न है, तुम्हे पता है। छुपे हुए हो हर दृष्टि से, यह तो बस कहना होता है। दुनिया को है ज्ञान हमेशा, अपना क्या,सबका होता है। तुम हो 'तुम' अपनी दृष्टि में, शेष स्वप्न है, तुम्हे पता है। नाम तुम्हारा बहुत है फैला, गुणी नही है तुम सा पहला, सभ्य नहीं धरती पर तुम सा, झाँको भीतर,क्या दिखता है? तुम हो 'तुम' अपनी दृष्टि में, शेष स्वप्न है, तुम्हे पता है। ख़ूब भरो तुम गर्व का थैला, सबको दिखता आँचल मैला। दुर्व्यवहार सभी से कर लो, लेकिन बोझ हृदय ढोता है। तुम हो 'तुम' अपनी दृष्टि में, शेष स्वप्न है, तुम्हे पता है। अपना क्या है,जो ज़िद में हो? बचपन सा क्यों मन रोता है? सब कुछ पाने के प्रमाद में , जो अपना है, खो सकता है। तुम हो 'तुम' अपनी दृष्टि में, शेष स्वप्न है, तुम्हे पता है। इक रस्ते पर साथ चले दो, सोचा था पाएं मंजिल को, क्यों पाई इक ने ही मंज़िल, दूजे का क्यों समझौता है? तुम हो 'तुम' अपनी दृष्टि में, शेष स्वप्न है, तुम्हे पता है। समय सत्य से आंखे भर दे, दम्भ तुम्हारा समतल कर दे, पश्चाताप हुआ जब मन में, तब मानव जीवित होता है। तुम हो 'तुम' अपनी दृष्टि में, शेष स्वप्न है, तुम्हे पता है। -राकेश ललित- ©Rakesh Lalit तुम हो 'तुम' अपनी दृष्टि में #mukhota
Ankita Sharma
खुशी, प्यार ,महोबत को साजिश भरी इस दुनिया में कलम अपनी से, डायरी अपनी में लिखो तुम दुःख अपने को,ना बताओ किसी आैर को मतलबी भरी इस दुनिया में कलम अपनी से, डायरी अपनी में लिखो तुम ना बताओ बाते अपनी किसी को चालाक भरी इस दूनिया में कलम अपनी से, डायरी अपनी में लिखो तुम गरीबी से अमीरी तक के सफर को अहंकार भरी इस दुनिया में कलम अपनी से, डायरी अपनी में लिखो तुम कलम अपनी से ,डायरी अपनी में ,लिखो तुम@@@@
silent girl
लोग दिल मे दिमाग लेकर घूमते हैं साहब। और एक हम है जो दिमाग मे भी दिल लेकर घूमते हैं दिलों में दिमाग@@@@
PARBHASH KMUAR
दो दिलों की धड़कनों में एक साज़ होता है सबको अपनी-अपनी मोहब्बत पर नाज़ होता है उसमें से हर एक बेवफा💔 नहीं होता उसकी बेवफ़ाई के पीछे भी कोई राज होता है!😭😭 ©PARBHASH KMUAR दो दिलों की धड़कनों में एक साज़ होता है सबको अपनी-अपनी मोहब्बत पर