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||स्वयं लेखन||
तुम्हें अपने अंदर चल रहे विचारों की महाभारत का सारथी स्वयं बनना होगा। ©||स्वयं लेखन|| तुम्हें अपने अंदर चल रहे विचारों की महाभारत का सारथी स्वयं बनना होगा। #achievement #Life #Life_experience #thought #Poetry
Babli BhatiBaisla
देख दिखावे दुनिया के हड़कंप मचाए रहते हैं सत्य सारथी अकेले ही शंखनाद बजाए रहते हैं घोर अंधेरे जी भर के घमासान मचाए रहते हैं हौसले हुनर के जलवों से चिराग जलाए रहते हैं खुद को बहुत तपाने वाले ही बुलंदियों पर चमकते हैं जो बीज बड़ी मेहनत से बोए सोने की तरह दमकते है बबली भाटी बैसला ©Babli BhatiBaisla सारथी Sethi Ji Rama Maheshwari 0 Neel Anshu writer Bhardwaj Only Budana
Ravendra
Sangeeta Kalbhor
इक समा ऐसा भी था थे हम हमारे जैसे अब प्रश्न हम हमसे ही करते है हम है किसके जैसे ना तो मन में उमंग है ना ही दिल को भाता रंग है चल रही है जिंदगी मानो कोई कटी पतंग है हम है अब जैसे हम ना थे कभी ऐसे अब प्रश्न हम हमसे ही करते है हम है किसके जैसे रहा ना साथ साथी रहा ना कोई सारथी जिसे भी हम पुकारे निकलता है वो स्वार्थी भावनाओं का सौदा यहाँ हर कोई चाहता है पैसे अब प्रश्न हम हमसे ही करते है हम है किसके जैसे..... मी माझी..... ©Sangeeta Kalbhor #stilllife इक समा ऐसा भी था थे हम हमारे जैसे अब प्रश्न हम हमसे ही करते है हम है किसके जैसे ना तो मन में उमंग है ना ही दिल को भाता रंग है चल
Ajaybhadra
किसी को इतना मत सताओ जिसके जाने से आपकी जिंदगी अधूरी हो जाये..!! बात करने के लिए ईस आईडी पर मैसेज करे bhadra_ngo_foundation ©Ajaybhadra #LongRoadबात करने के लिए ईस आईडी पर मैसेज करे bhadra_ngo_foundation
Instagram id @kavi_neetesh
गीत लिखे हैं मैंने मन के गीत लिखे हैं मैंने मन के, भावों के सुंदर उपवन के। जहां खिले हैं पुष्प हजारों, महकते हैं वन चंदन के। गीत लिखे हैं मैंने मन के कलमकार वाणी साधक, शब्द सुरीले मोती चुनता। ओज बने हुंकार लेखनी, देशभक्ति के स्वर बुनता। शब्द शिल्प सृजन सारथी, दीप जलाता जन मन में। उजियारा आलोक भरें, घट-घट चंचल चितवन में। गीत लिखे हैं मैंने मन के स्नेह सुधा रस बहती धारा, मोती बरसते प्यार के। अधरों पर मुस्कान मधुर सी, वीणा की झंकार से। गीत गजल दोहा चौपाई, पावन छंदों की फुहार से। मुक्तक मंद मंद मुस्कुराया, मृदु लेखनी की धार से। गीत लिखे हैं मैंने मन के आडंबर से दूर रहा नित ,सत्य का मार्ग अपनाया। शील सादगी समर्पण, किर्तिमान परवान चढ़ाया। राष्ट्रप्रेम में डूबा मनमौजी, गीत रचता मैं वतन के। गाओ मेरे देश प्रेमियों, बोल सुरीले अपने मन के। गीत लिखे हैं मैंने मन के ©Instagram id @kavi_neetesh #Path गीत लिखे हैं मैंने मन के गीत लिखे हैं मैंने मन के, भावों के सुंदर उपवन के। जहां खिले हैं पुष्प हजारों, महकते हैं वन चंदन के। गीत लिख
Ravendra
Ravendra
Ravendra
gourav kumar
आज वो दिन है जब मैं ईस दुनिया मैं आया था जब मैं रो रहा था और मेरी माँ मुजे दूध पिलाकर चुप कर रही थी घर में बहुत खुशियां थी क्योंकि मैं अपने मां-बाप पहले बेटा था वह सब कुछ मुझे याद है पता नहीं कितनी कठिनाइयों से मेरी मां ने मुझे जन्म दिया था जो कुछ आज हूं मैं अपने माता-पिता की बदौलत हूं अपने माता-पिता से से हमेशा प्यार करो सब रिश्ते मिल जाते हैं मगर माता-पिता का रिश्ता कभी नहीं मिलता love you mom ded ©gourav kumar #delusion आज का दिन मुजे हमेशा याद रहे गा जब मैं ईस दुनिया मैं आया था