देख दिखावे दुनिया के हड़कंप मचाए रहते हैं सत्य सारथी अकेले ही शंखनाद बजाए रहते हैं घोर अंधेरे जी भर के घमासान मचाए रहते हैं हौसले हुनर के जलवों से चिराग जलाए रहते हैं खुद को बहुत तपाने वाले ही बुलंदियों पर चमकते हैं जो बीज बड़ी मेहनत से बोए सोने की तरह दमकते है बबली भाटी बैसला ©Babli BhatiBaisla सारथी