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DILEEP RAJ AHIRWAR
hey god she is enough for me हे भगवान, वह मेरे लिए काफी है ©DILEEP RAJ AHIRWAR #Chhavi हे भगवान, वह मेरे लिए काफी है
i_m_charlie...
Black आजकल दिखावे की दुनिया हो गई है, जो जितना दिखावा करता है उसे उतनी ही इज्जत मिलती है, और अगर कोई इन सब दिखावे से दूर रहता है तो उसे सब मूर्ख समझने लगते है, पर उनको ये नही पता की मूर्ख तो वो खुद है जो इन सब चीजों को अपनी जिंदगी मानते है और खुश होते है, असल में वो लोग बर्बादी की तरफ जा रहे होते है और उनको ये खुद नही मालूम पड़ रहा होता, और जो इन सब से दूर रहता है वो ही अपनी जिंदगी सुकून से जी पा रहा होता है, क्यूंकि उसे किसीको खुश करना नही होता बस उसे खुदको खुश रखना होता है, इसीलिए हो सके इतना इन सब चीजों से दूर रहिए और अपनी जिंदगी सुकून से बिताईए, क्योंकि एकदिन जिंदगी खत्म हो जाएगी पर मोहमाया कभी खत्म नहीं होगी। ©i_m_charlie... #Thinking दिखावा ज्यादा देर नहीं टिकता
Rohit Lala
एक जंगल में एक चतुर लोमड़ी रहती थी। वह कभी हार नहीं मानती थी और हमेशा किसी न किसी चाल से अपना शिकार पा लेती थी. एक दिन उसे बहुत भूख लगी. उसे कहीं भी कुछ खाने को नहीं मिला. काफी देर भटकने के बाद उसे एक अंगूर का बगीचा दिखाई दिया. वह बगीचे में घुसी ताकि कुछ अंगूर खा सके. लेकिन बगीचा ऊंची दीवार से घिरा हुआ था. लोमड़ी बहुत कोशिश की पर दीवार कूद ना सकी. निराश होकर बैठने ही वाली थी कि उसे एक विचार आया. उसने सोचा कि वह बाग के रखवाले को बरगलाकर अंगूर प्राप्त कर लेगी. इसी सोच के साथ लोमड़ी बाग के बाहर जोर जोर से रोने लगी. रखवाले ने आवाज सुनी और बाहर निकल कर देखा. उसने लोमड़ी को रोते हुए देखा तो पूछा कि उसे क्या हुआ है. लोमड़ी ने कहा कि उसे बहुत प्यास लगी है और वह इसी बगीचे में लगे हुए मीठे अंगूरों का रस पीना चाहती है. रखवाला लोमड़ी की बातों में धोखा खा गया. वह यह नहीं समझ पाया कि लोमड़ी चालाकी से उसे बगीचे के अंदर जाने का मौका दिलाने के लिए यह सब कह रही है. वह दीवार का दरवाजा खोलकर लोमड़ी को अंदर ले गया. लोमड़ी अंगूर के बगीचे के अंदर गई और उसने खूब सारे अंगूर खाए. फिर वहां से निकलने का समय आया. जाने से पहले उसने रखवाले को धन्यवाद दिया और कहा कि ये अंगूर बहुत खट्टे हैं. यह सुनकर रखवाला चौंक गया. उसने सोचा कि शायद लोमड़ी की गलती से मीठे अंगूरों की जगह खट्टे अंगूर खा लिए. वह लोमड़ी की बातों में फिर से आ गया और यह देखने के लिए बगीचे के अंदर गया कि असल में अंगूर मीठे हैं या खट्टे. लोमड़ी इसी मौके की ताक में थी. जैसे ही रखवाला अंदर गया लोमड़ी ने दौड़ लगा दी और जंगल की तरफ भाग गई. रखवाला समझ गया कि लोमड़ी ने उसे धोखा दिया है. वह गुस्से से भरा हुआ था लेकिन कर भी कुछ नहीं सकता था. ©Rohit Lala एक जंगल में एक चतुर लोमड़ी रहती थी। वह कभी हार नहीं मानती थी और हमेशा किसी न किसी चाल से अपना शिकार पा लेती थी. एक दिन उसे बहुत भूख लगी. उसे
Izahar Rashid
कभी देर रात बात करते-करते अचानक सो जाते थे आज उन्हीं बातों को याद करते रात को जागा.. ©Izahar Rashid कभी देर रात बात करते............
Ganesh Din Pal
खुश रहना है तो तीन मिनट से ज्यादा सीरियस ना हो आप संसार में हैं सी सी यू नहीं ©Ganesh Din Pal #सीरियस कितनी देर रहे
Gondwana Sherni 750
"मैं कौन हूँ, बतलाने के लिए तस्वीरों की जरूरत है क्या ? आचरण को चमकाने के लिए हीरों की जरूरत है क्या ?" जो पहले से प्यार के महीन धागों से बंधा हुआ है, उसको बांधने के लिए जंजीरों की जरूरत है क्या ? हम मेहनत के भरोसे जिये, न की किस्मत के भरोसे, हाथ ही काफी हैं, हाथों में लकीरों की जरूरत है क्या ? इंसान बने रहिये, इंसानियत में असंख्य संभावनाएं हैं, गरीबों की जरूरत है क्या, अमीरों की जरूरत है क्या ? मैं अकेली ही काफी हूँ, टूटकर संभलने-बढने से लिए, मंजिल तक पंहुचने के लिए राहगीरों की जरूरत है क्या ?" Preeti uikye 750 17/03124 ©Gondwana Sherni 750 अकेले काफी हु