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Yashpal singh gusain badal'
Unsplash "तू और मैं " निकल रहे हैं यादों में तेरी, आंखों से मेरी, आंसूं के धारे । धुंधला सा आता नज़र है, तड़पता दिल और बहते अंगारे । घुले हुए हैं खामोशी में तेरी , सवाल सारे ,जबाब सारे, जिया हूँ जो पल शाने से लग कर,वही है दौलत पास हमारे, मर मिटे थे तुझ पे मेरे वो ख़याल सारे ,अल्फ़ाज़ सारे, तेरे आने से पहले, किये थे मैंने, रियाज सारे ,जबाब सारे , उसी जगह फिर खड़ी हूँ लेकर गुलाब सारे,ख्वाब सारे । ©Yashpal singh gusain badal' #leafbook तू और मैं
#leafbook तू और मैं
read moreMayuri Bhosale
Unsplash तू आणि तूच आहेस...❣️❣️❣️ सळसळत्या वाऱ्याची झुळूक तू आहेस जगातील बहरलेला प्रेमाचा रंग तू आहेस जीवनातील रहस्य हृदयात कोरलेले तू आहेस मंदिरामधील मुखातील नाम जप तू आहेस वणवणत्या रानातील शांत गारवा तू आहेस अवकाशात ढगांचे एकमेकास बिलगणे तू आहेस दरबारातील रुबाबदार राजस रूप तू आहेस मनी जपलेले वचनापलीकडील प्रेम तू आणि तूच फक्त आहेस. ©Mayuri Bhosale #तू आणि तूच आहेस
#तू आणि तूच आहेस
read moreShashi Bhushan Mishra
आज, कल, परसों पे टलता जा रहा, साईं पल-पल दिन निकलता जा रहा, तैरने वाले गये उस पार कबके, कुछ किनारे हाथ मलता जा रहा, भूलने वाले भुला बैठे अदावत, टीसने वाले को खलता जा रहा, जम गई है बर्फ़ सी संवेदनाएं, वेदना से ग़म पिघलता जा रहा, कोई बच पाया नहीं इस काल से, समय की चक्की में दलता जा रहा, संभलकर ही कर्म करना जगत में, भाग्य बनकर बीज फलता जा रहा, ज्ञान दीपक से मिटे अंधियार 'गुंजन', हृदय में सुख-शांति पलता जा रहा, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra #दिन निकलता जा रहा#
#दिन निकलता जा रहा#
read moreसंगीत कुमार
(प्राणप्रिया) चंचल मन तू चंचला प्रिया। पुष्प-रूपी तू पुष्प लता।। दिव्यस्वरुपनी तू दिव्या प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया ।। रमा-रूपी तू कांता प्रिया। हरिप्रिया तू प्राण प्रिया।। श्रृंगार -रूपी तू दारा प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया। अपूर्व (तनय) की तू जननी प्रिया। घर की तु पद्मा प्रिया।। उपवन की तू कुसुम प्रिया चंचल मन तू चंचला प्रिया।। आलय की तू वामा प्रिया । सुख-दुख की तू छवि प्रिया।। आँगन की तू आह्लाद प्रिया । चंचल मन तू चंचला प्रिया ।। आकांक्षा की तू मयूख प्रिया। समृद्धि की तू लक्ष्मी प्रिया।। घरनी तू घरवाली प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया।। बाग की तू गुल प्रिया। आँगन की तू शोभा प्रिया।। परिवार की तू ऐश्वर्य प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया।। ©संगीत कुमार #BirthDay (प्राणप्रिया) चंचल मन तू चंचला प्रिया। पुष्प-रूपी तू पुष्प लता।। दिव्यस्वरुपनी तू दिव्या प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया ।। रमा-
#BirthDay (प्राणप्रिया) चंचल मन तू चंचला प्रिया। पुष्प-रूपी तू पुष्प लता।। दिव्यस्वरुपनी तू दिव्या प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया ।। रमा-
read moreमिहिर
White ये क्या पूछा ये बिंदी कैसी लगती ये साड़ी कैसी दिखती है ये काजल ठीक तो लगते है ना ! जो सच पूछो तो ये जचना खिलना मत पूछो तुम बिंदी पर जँचती हो तुम साड़ी पर खिलती हो तुम काजल से तीखी हो तुम सोने से ज्यादा चमकती हो तेरे होने से इनका होना है तू हंसती है तो ये सोना है तेरे आगे इनका क्या मोल अरे ओ बावली तू क्या जाने तू अनमोल !! ©मिहिर #तू क्या जाने
#तू क्या जाने
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White गहराइयाँ मेरे इश्क की समन्दर से भी गहरी हैं, हर लम्हा तेरी खुशबू से महकता है मेरा मन जो तू है सब कुछ हासिल है मुझे तेरे बिना जिंदगी का तसव्वुर भी अधूरा है ©हिमांशु Kulshreshtha जो तू नहीं...
जो तू नहीं...
read moreDASHARATH RANKAWAT SHAKTI
#meradil छुप छुप अश्रु बहाने वालों Kumar Shaurya pinky masrani Praveen Jain "पल्लव" काव्य महारथी निर्भय चौहान
read moreBhupendra Deep
White क्या चल रहा जीवन में बस ये ना पूछ काटों भरे रस्तों पर चलता जा रहा हूं हसीन थे वो लम्हे जो गुजर गए अरसो पहले चन्द यादों के सहारे संभलता आ रहा हूँ ये दिल टूटने का गम अब तू मुझसे ना पूछ परिवार के लिए कोई अपना ढूंढता जा रहा हूं मै अपना हुआ और पराया भी कई दफ़ा पहले बस अब हमसफ़र की तलाश में घुमता आ रहा हूँ सोचे थे जो सारे सपने एक चेहरे के साथ मैंने अब उस चेहरे की याद को ठुकराता जा रहा हूँ तोड़ा मेरा दिल और वो सारे सपने जिसने उस दर्द को छुपाते मुस्कुराता आ रहा हूँ अब दोबारा दिल्लगी की कोई जरूरत नहीं मुझको मैं सबको अपनी दास्तां सुनाता जा रहा हूं मेरी साथी मेरी मंजिल मैंने सब पाकर देखा हकीकत मे कुछ वादे मैं अकेले गुनगुनाते आ रहा हूं... ©Bhupendra Deep #sad_dp जा रहा हूँ
#sad_dp जा रहा हूँ
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