Find the Latest Status about अलगाववादी नेता कश्मीर from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, अलगाववादी नेता कश्मीर.
Preeti Karn
बदल गया है बहुत कुछ और बदलाव बाकी है जमीं की अस्मत तो लूट ली सबने आसमां दरकना भी नाकाफ़ी है। प्रीति #कश्मीर#अलगाववादी#सोच Yqdidi #yqbaba
Baisa_Raj_Neha_Pandya
Kashmir जम्मु-कश्मीर पर आपकी क्या राय है? अब कहने को बचा ही क्या है, अब तो बस मिठाईयां बांटों। और खुशियां मनाओ की अब कश्मीर घुमने नहीं,कैसर की खेती करने जाएंगे। जय जवान जय किसान #कश्मीर
Amol Jadhav
कश्मीर की अपनी एक धारा थी , प्रिये जो तेरे लिए सुख सारा थी. तोड दिया हमने उस धारा को, उसे पाने को जो सर का ताज हमारा थी. अमोल जाधव. कश्मीर
Abhishek Pathak ('बादल')
उम्र जन्नत में रह कर, उसे उजाड़ने में लगा दी। और जिहाद बस इस बात का था, कि मरने के बाद जन्नत मिले।। कश्मीर**😴😴😚 कश्मीर
Pankaj Priyam
कश्मीर लगती हो दिल के आरपार जाती तीर लगती हो, समझ में न आती टेढ़ी खीर लगती हो। पास होकर भी जब तुझे छू न सकूँ तो तुम पाक अधिकृत कश्मीर लगती हो।। ©पंकज प्रियम 14 सितम्बर 2019 सुप्रभात मित्रों! कश्मीर
गजेन्द्र द्विवेदी गिरीश
#मिशन_कश्मीर गुलिस्तां में बिखरने लगी है दमकती किरणें, कूदती फांदती नजर आती हैं मचलती हिरणें। नए अध्याय की शुरुवात है यही तो मेरे दोस्तों- रंग बदले है फिजाओं के, लगे है दिन फिरने।। गुलिस्तां में बिखरने लगी है दमकती किरणें।। एक हो गया है रंग, यहां कोई बेरंग ना हो, मर्यादा की हो पकड़, अब कोई बेढंग ना हो। आंखों से बहे वो केवल खुशी के हो आँसू- छटने लगी तीव्रता से, थी कालिमा जो घिरने।। गुलिस्तां में बिखरने लगी है दमकती किरणें।। आयी है नई सुबह, गा रहे हम हिन्दुस्तानी, अब कश्मीर है सबका ओ श्यामा बलिदानी। धन्य है धरा, और आसमान भी खुश है- बुलंदियों मे होगा भारत, लगे हैं दिन फिरने।। गुलिस्तां में बिखरने लगी है दमकती किरणें।। 05.09.2019 कश्मीर
kumar vishesh
Kashmir “दर्द कहाँ तक पाला जाए, युद्ध कहाँ तक टाला जाए, तू भी है राणा का वंशज, फेंक जहाँ तक भाला जाए” कश्मीर
a
#OpenPoetry कश्मीर था नासूर सत्तर सालों का,भारत माँ के मस्तक पर। घाव बहुत ही गहरा था,भारत माँ के मस्तक पर। बाग,क्यारियाँ तड़प रहे थे,आजादी के राहों पर। गद्दारों का पहरा था,देश की कोमल छाती पर। कुत्ते भौंक रहे थे,लोमड़ियाँ गुर्राती थी। माँ भारती दिन प्रतिदिन,उम्मीदों को खोती थीं। इस निद्रा के कारण हमने,लाखों लाल गवाएं हैं। जब-2पीड़ा हुई भारत को,हमने लाल बिछाये हैं, भारत माँ इस पीड़ा से,जाग उठा एक लाल यहां कर तांडव नाश कर रहा,नाच-2 कर यहां वहाँ। ध्वस्त कर दी'तीन सौ सत्तर',मंसूबो पर पानी फेर दिया। ले गांडीव 'पैंतीस ए'को छिन्न-भिन्न कर फेंक दिया। मिटा दिया नासूर भारत के सर से,बच्चा-2 हर्षाया है। "जय हिंद, जय भारत "की गूंज से विश्व भी मुस्काया है। #कश्मीर