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Vishw Shanti Sanatan Seva Trust
#5LinePoetry हर व्यक्ति अपने-अपने स्तर पर दुखी है। और रहना भी चाहिए अनुभव रहता है जीवन जी रहे हैं। हर व्यक्ति अपने अपने स्तर पर अपमान का भी अनुभव कर सकते हैं, हर व्यक्ति अपने अपने स्तर पर प्रमादी भी हो सकते हैं, हर व्यक्ति अपने अपने स्तर पर किसी न किसी दुविधा में फंसे हुए हैं पर अगर यही सब कारण हमारे द्वारा रोज सुबह की अगरबत्ती जलवा रहे हैं, हमारे हृदय में उत्पन्न हुए पाठों में मन लगा रहे हैं,हमारी माला चला रहे हैं तो यह ज्यादा लंबी चलने वाली है नहीं। यह तब तक है जब तक वह परिस्थिति है यह पूजा तब तक है जब तक वह परिस्थिति है। पर जिसके जीवन में भजन स्वभाव बन गया, जिसके जीवन में धर्म नियम नहीं उसकी आत्मचिंतन की विधा बन गया, धर्म उसके जीवन की स्थिति तक पहुँच गया वह वास्तव में वह व्यक्ति है चाहे वह दुख के काँटो में पड़ा हो चाहे सुख के साम्राज्य पर जी रहा हो पर उसके द्वारा अगर हर स्थिति में कुछ होगा तो भगवान के नाम की,धर्म की और कथा की ही दिव्यता स्थापित होगी। बहुत दुख हो गया तो कोई बात नहीं कथा सुन लेते हैं। बहुत सुख हो गया तो कोई बात नहीं कथा सुन लेते हैं। परिवार में किसी का शरीर शांत हो गया, आज तो व्यापार में बड़ी समस्या आ गई कोई बात नहीं वैष्णव को बुलाओ थोड़ी देर हरि नाम संकीर्तन करते हैं। घर में पुत्र का जन्म हुआ चलो वैष्णवों को बुलाओ बैठकर भगवन्नाम संकीर्तन करते हैं। वह दोनों स्थितियों में अवस्थित होकर एक ही विधा में लगा है। । *। विश्वशांति सनातन सेवा ट्रस्ट ।।* ©Vishw Shanti Sanatan Seva Trust Trust जीवन का परिदृश्य #5LinePoetry
naveenlupoetry
वैसे तो जंगल का राजा शेर होता है और उसे जंगल मे किसी से डर नहीं लगता परन्तु जैसे ही वह बंदूक और पिजड़ा देखता है...वो भी मोम की तरह पिघल जाता है ©Naveen Gupta वर्तमान परिदृश्य का शेर....
Ek villain
कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट पीपीटी के माध्यम में केंद्रीय विश्वविद्यालय में दाखिले दिए जाने का निर्णय भारत में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हो सकता है कई विद्यार्थियों के भविष्य पर इस बहुप्रतीक्षित फैसले का सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा अभी तक अधिकांश केंद्रीय विद्यालय में प्रवेश बारहवीं कक्षा के अंकों के आधार पर मिलता था जो कि अनुचित तरीके था देश में अलग-अलग बोर्ड में विद्यार्थी 12वीं की परीक्षा देते हैं भारत में लगभग हर साल अलग परीक्षा बोर्ड है इसी के साथ राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड भी विभिन्न बोर्ड को अलग-अलग परीक्षा पाठ्यक्रम में अलग-अलग मूल्य कांड के तरीके यदि ऐसे में 12वीं के अंकों के आधार पर विश्वविद्यालय में प्रवेश किया जाता है तो निसंदेह भेदभाव पूर्ण व्यवस्था है यह तो ऐसा हुआ जैसे एक बल्लेबाज को सपाट पिच पर बल्लेबाजी कराई जाए जबकि दूसरे बल्लेबाज को धीमी पिच पर बल्लेबाजी करनी पड़े राज्य शिक्षा बोर्ड की शिक्षा प्रणाली में गंभीर विसंगतियां हैं आंकड़े इस तस्वीर को स्पष्ट भी कर रहे हैं पूर्व में दिल्ली विश्वविद्यालय के कई कॉलेजों में कई पाठ्यक्रम का कटऑफ आश्चर्यजनक रूप से 100% रहा है शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों को दिशा दे रहे ©Ek villain #भारतीय शिक्षा का बदलता परिदृश्य #Love
Parasram Arora
खून को पानी का पर्यायवाची मत मान. लेना अनुभन कितना भी कटु क्यों न हो वो.कभी कहानी नही बन सकताहै उस बसती मे सच बोलने का रिवाज नही है यहां कोई भी आदमी सच.को झूठ बना कर पेश कर सकता है ताउम्र अपना वक़्त दुसरो की भलाई मे खर्च करता रहा वो ऐसा आदमी कुछ पल का वक़्त भी अपने लिये निकाल नही सकता है ©Parasram Arora पर्यायवाची......
ishwar
ख़ुदा ने तुम्हे इंसान बनाया है तो इंसानियत खरीदो कुत्ते नही । वरना संगत का असर तो आएगा , फिर पूँछ ही हिलाओगे इंसानो के सामने ।। व्यंग्यात्मक परिदृश्य।
Sanjay Sahu
"स्वार्थ ही सेवा" स्वार्थ से परे अब, सेवा नजर आती नहीं। खुदगर्ज है क्यो लोग कुछ, बात मन को भांति नहीं। धीरे-धीरे भाव सारे, खो रहे जहां से कहीं। में के अलावा उन्हें, कोई नजर आता नहीं। दोष किसका है यहां, कोई बतलाता कहां। संस्कारों में बसती है सेवा, कोई समझाता कहां। पाया ये जहां है जिनसे, उनका आदर अब कहां। बन सके जो उनका सहारा, ऐसी हस्ती अब कहां। ✍ मेरे विचार... वर्तमान परिदृश्य
Mahendra Kumar Rawat
जब पहली दफा वो मिले थे मुझे। पूछे कैसे हो तुम कुछ बताओ सखे। वक्त ने वक्त पर बदली करवट तो, वो अब पूछते है क्या मतलब तुझे।। "महेंद्र कुमार रावत"✍️ बदलते परिदृश्य
Jogendra Singh writer
आपके अनुसार Nojoto का पर्यायवाची क्या है Answer in comment section ©Jogendra Singh Rathore 6578 nojoto ka पर्यायवाची #Light