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Bhim Raj 88
जिंदगी में सिर्फ ‘पाना’ ही सबकुछ नहीं होता, उसके साथ नट-बोल्ट भी चाहिए । – राजभर भीम मिस्त्री ©Bhim Raj 88 चुटकुले चुटकुले
Aradhana Bharti
My dream boy exactly the male version of me❤️ आजा आजा मेरे राँझाना वे, आजा आजा😁
Champak
स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड के ऑफिस के बाहर राजू केले बेच रहा था। बिजली विभाग के एक बड़े अधिकारी न पूछा : " केले कैसे दिए" ? राजू : केले किस लिए खरीद रहे हैं साहब ? अधिकारी :- मतलब ?? राजू :- मतलब ये साहब कि, मंदिर के प्रसाद के लिए ले रहे हैं तो 10 रुपए दर्जन। वृद्धाश्रम में देने हों तो 15 रुपए दर्जन। बच्चों के टिफिन में रखने हों तो 20 रुपए दर्जन। घर में खाने के लिए ले जा रहे हों तो, 25 रुपए दर्जन और अगर *पिकनिक* के लिए खरीद रहे हों तो 30 रुपए दर्जन। अधिकारी : - ये क्या बेवकूफी है ? अरे भई, जब सारे केले एक जैसे ही हैं तो,भाव अलग अलग क्यों बता रहे हो ?? राजू : - ये तो पैसे वसूली का, आप ही का स्टाइल है साहब। 1 से 100 रीडिंग का रेट अलग, 100 से 200 का अलग, 200 से 300 का अलग। आप भी तो एक ही खंभे से बिजली देते हो। तो फिर घर के लिए अलग रेट, दूकान के लिए अलग रेट, कारखाने के लिए अलग रेट, फिर इंधन भार, विज आकार..... और हाँ, एक बात और साहब, मीटर का भाड़ा। मीटर क्या अमेरिका से आयात किया है ? 25 सालों से उसका भाड़ा भर रहा हूँ। आखिर उसकी कीमत है कितनी ?? आप ये तो बता दो मुझे एक बार। जागो ग्राहक जागो बिजली बिल से पीड़ित एक आम नागरिक की व्यथा ! आगे सेंड कर रहा हूँ, और अगर आपको अच्छी लगे तो...😊👍🏼 ©Champak चुटकुले
Gurudeen Verma
शीर्षक - आजा रे आजा घनश्याम तू आजा ---------------------------------------------------------------------- (शेर)- दीन-दुःखियों के स्वामी , तुमको यह धरती पुकारे। अधर्मियों का विनाश करने के लिए, तू घनश्याम आरे।। घोर कलयुग आया है और पाप छाया हुआ है घरती पर। ऐसे पापियों से भारत को मुक्त कराने, तू कन्हैया आरे।। ------------------------------------------------------------------- आजा रे आजा, घनश्याम तू आजा। राधा पुकारे, राधेश्याम तू आजा।। आजा रे तू बाँसुरीवाले मुरलीधर। गोमाता पुकारे, गोपाल तू आजा।। आजा रे आजा----------------------।। देवकी के पूत तू यशोदा के कान्हा। वासुदेव की जान तू ब्रज के ग्वाला।। नंदबाबा के लाड़ले, बलराम के भ्राता। रुक्मिणी पुकारे, नंदलाल तू आजा।। आजा रे आजा----------------------।। तेरे बिना है, सूनी सूनी यह मथुरा। बहुत है उदास, सखा सुदामा तेरा।। गोपियों के संग, कौन खेले अब होली। माखन चुराने, माखनचोर तू आजा।। आजा रे आजा-----------------------।। पाप बढ़ रहा है, घोर कलयुग आया है। व्यभिचार- अधर्म का,अंधेरा गहराया है।। अधर्मियों- पापियों से, धरती को मुक्त कर। सारा भारत पुकारे, गोविंद तू आजा।। आजा रे आजा--------------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #आजा रे आजा घनश्याम तू आजा