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- Arun Aarya
Unsplash तुम्हारी शोहबत में गुजरी हमारा हर सफ़र ऐसा ! अब कोई मलाल कैसा अब किसी का डर कैसा..!! - अरुन आर्या ©- Arun Aarya #lovelife #डर कैसा
Himanshu Prajapati
White एहसास मोहब्बत का होने लगा था, मैं किसी के लिए खोने लगा था, मोहब्बत इजहार होने वाला ही था, बोली दादाजी मर गए थे वैलेंटाइन नहीं मानते हैं, बस यह बात सुनकर मेरा दिल रोने लगा था..! ©Himanshu Prajapati #love_shayari एहसास मोहब्बत का होने लगा था, मैं किसी के लिए खोने लगा था, मोहब्बत इजहार होने वाला ही था, बोली दादाजी मर गए थे वैलेंटाइन नहीं
#love_shayari एहसास मोहब्बत का होने लगा था, मैं किसी के लिए खोने लगा था, मोहब्बत इजहार होने वाला ही था, बोली दादाजी मर गए थे वैलेंटाइन नहीं
read moreMahesh Patel
सहेली...... उसकी एक आदत खूब थी.. मैं जब भी उससे मिलता था.. मुझे गले लगा लेती थी.. ऐसा भी क्या था मुझ में. मैं जब भी दूर रहता था.. आंखों में आंसू भर लेती थी... उसकी एक आदत खूब थी.. ना चाहते हुए भी वह मुझे मिल लेती थी.. लाला... ©Mahesh Patel सहेली... गले लगा लेती.. लाला...
सहेली... गले लगा लेती.. लाला...
read moreRadhe Radhe
White मेरे बनवाली तुझसे अथाह प्रित है बतलाऊ कैसे तुमने मुख दिया बोलने को पर शब्द नहीं दिए अनंत प्रेम को समझने का जय श्री राधे ©Radhe Radhe मेरा कान्हा
मेरा कान्हा
read moreRadhe Radhe
एक लम्हा भी गवा नहीं सकते तुझे चाह कर भी भूला नहीं सकते सौ बार आपको याद करते है माफ करना आज हम आ नहीं सकते। 🤣🤣🤣🤣 जय श्री राधे ©Radhe Radhe मजाक
मजाक
read moreShiv Narayan Saxena
बोल मधुर हों प्रेम के, जग अपना हो जाय। नफ़रत वाले बोल से, अनचाहे झगड़ाय।। ग़लत नीति पर राज्य को, कर विरोध चेताय। देश विरोध न आड़ में, भूले से हो जाय।। दल विरोध की आड़ ले, राष्ट्र से मत कर द्रोह। निरलज अंधा द्रोह में, बनत देश - विद्रोह।। ©Shiv Narayan Saxena #देश_की_बात कैसा और कितना विरोध poetry in hindi
#देश_की_बात कैसा और कितना विरोध poetry in hindi
read more- Arun Aarya
भय मेरा , निर्भय मेरा , जीवन मेरी , निर्णय मेरा..! - अरुन आर्या ©- Arun Aarya #निर्णय मेरा
#निर्णय मेरा
read moreShashi Bhushan Mishra
New Year 2024-25 दिल की किताब आंखों से पढ़ने को बेक़रार, नज़रें मिलाकर देख लो तुम मुझसे एकबार, दिल में रहा क़ायम ये भ्रम है प्यार उन्हें भी, नज़रें बचाकर देखते देखा है कई बार, सूरजमुखी सा आफ़ताब देख खिल उठे, हर सुब्ह रहा करता है इस कद्र इंतज़ार, फ़ुरसत में किसी रात चांद डूबता नहीं, मिलती तो मांग लाते हम भी चांदनी उधार, हुस्न-ओ-अदा पर फ़िदा हुए राह के पत्थर, रुक जाए मुसाफ़िर भी राह चलते कई बार, महफूज़ मेरा चैन-ओ-सुकूं उनकी फ़ज़ल से, बख़्शी ख़ुदा ने दुआ की दौलत भी बेशुमार, दीदार-ए-हुस्न मुकम्मल होता नहीं कभी, होती है नुमाइश में झलक गोया क़िस्त बार, फूलों के ईर्द-गिर्द सुनूं भ्रमर का 'गुंजन', दिल पर लगा दिया खाली है का इश्तिहार, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra #दिल पर लगा दिया#
#दिल पर लगा दिया#
read moreAnjali Singhal
"रंग भी देखो कैसा लगा गए वे सफ़ेद! छुपा मिला इसमें उनके इश्क़ का भेद!!" #safedishq #ishqkarang_safed #sufiyana #sufiyanaishq #AnjaliSinghal
read moreMohan Sardarshahari
बहुत हुए बीते जमाने में पिछले दो दिनों में शरीक एक दोस्त के घर जाकर लगा जिंदगी बदलती है तारीख । शहर के कोलाहल से दूर एक बड़ा मनोरम सा घर बाग-बगीचे,पेड़, झूले और फ़व्वारे स्वागत को आतुर। अन्दर बड़ा सा विशाल कक्ष जिसकी सुविधाएं अति मोहक इस में बना गुरु का आसन कर देता सबका धार्मिक रुख। ना कोई दिखावा ना अंहकार बाशिंदे करते एक दूजे से प्यार मिलकर उनसे यों लगता जैसे यही है प्राकृतिक सा सदाचार। घर से सब खुश होकर जायें कहते हैं यही है हमारा उपहार साधारण होकर भी कितना खास निकला मेरा यार जमीनी सरदार।। ©Mohan Sardarshahari मेरा यार
मेरा यार
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