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बेजुबान शायर shivkumar
"मिलने लगे थे ख्याल किसी से, फिर होगया था प्यार किसी से , हमें उलझनों ने छोड़ा था , होने लगा था भरोसा किसी पे , हमने आखिरकार कर ही दिया इजहार , और आगया इनकार किसी से , हमने तो बस दोस्ती मांगी थी , और वो निभा गए मोहब्बत किसी से, उससे कहना मोहब्बत भी होगई है, ऐसे नहीं ना करते बात किसी से"| ✍️ ©बेजुबान शायर shivkumar "मिलने लगे थे ख्याल किसी से, फिर होगया था प्यार किसी से , हमें उलझनों ने छोड़ा था , होने लगा था भरोसा किसी पे , हमने आखिरकार कर ही दिया इजह
"मिलने लगे थे ख्याल किसी से, फिर होगया था प्यार किसी से , हमें उलझनों ने छोड़ा था , होने लगा था भरोसा किसी पे , हमने आखिरकार कर ही दिया इजह
read moreshamawritesBebaak_शमीम अख्तर
Unsplash फासलों से गुरेज क्या करना,फासले कुर्बते बढ़ाते है, बात तो सही है,अक्सर ये हिजरते भी कराते है//१ मेरी कुर्बानिओं को भुलाकर अब मुझपे ऊँगली उठाते है, लोगो ये नफरतों के आलम कैसे कैसे मन्सुबे बनाते है//२ बारहा लज्जतें तो उल्फत मे ही बरकरार रही है,हरसु वो खुदको बड़गर बताकर्,दूसरों को कमतर बताते है//३ या रब शादाब रख उनको जो जमीर से ज़िंदा है, ये बेजमीर वाले तो इंसानियत को हद पार रुलाते है//४ देखा है"शमा"ने नफरतों मे फासला ए हिजरतों को, रब्बा वो लोग कहाँ है जो खुलुस से दस्त मिलाते है//५ #Shamawritesbebaak १२/१२/२४ ✍️ ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #traveling #nojoto #life #new #viral #post #trending फासलों से गुरेज क्या करना,फासले कुर्बते बढ़ाते है,बात तो सही है,अक्सर ये हिजरते भी कराते
#traveling nojoto life #New #viral #post #Trending फासलों से गुरेज क्या करना,फासले कुर्बते बढ़ाते है,बात तो सही है,अक्सर ये हिजरते भी कराते
read moreSarfaraj idrishi
Book quotes एक रात एक बात लिखेंगे हर कोई पढ़ सके एतना साफ लिखेंगे। कोई जज़्बात नहीं अपने ही अरमान लिखेंगे। हसीन आलम नहीं अपने ही हालात लिखेंगे. बहुत शिकयत है हमें तुझसे एक जिंदगी। अब तेरे बारे में मैं भी एक किताब लिखूंगा। लिखते-लिखते ख़तम ना हो जाए ये जिंदगी एक ही शब्द है मैं पूरी कायनात लिखूंगा... ©Sarfaraj idrishi एक रात एक बात लिखेंगे. हर कोई पढ़ सके एतना साफ लिखेंगे। कोई जज़्बात नहीं अपने ही अरमान लिखेंगे। हसीन आलम नहीं अपने ही हालात लिखेंगे. बहु
एक रात एक बात लिखेंगे. हर कोई पढ़ सके एतना साफ लिखेंगे। कोई जज़्बात नहीं अपने ही अरमान लिखेंगे। हसीन आलम नहीं अपने ही हालात लिखेंगे. बहु
read moreSatish Kumar Meena
अगर खुशी का इजहार करना है तो अपने आप को गर्वित महसूस करके सूर्य के सामने अपनी बांहे फैलाकर उसके सम्मुख उपस्थित हो प्रणाम करें इससे आपको पुनर्बलन मिलेगा। ©Satish Kumar Meena खुशी का इजहार
खुशी का इजहार
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