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Eshwari
New Year 2024-25 आपली माणसं आपली माणसं आपल्यावर जीवापाड प्रेम करतात,काळजी करतात, संकटात आपल्या सोबत कायम असतात,दुःखी झालो की धीर देतात, रागवलो की आपली समजजुत काढतात, कायम चांगले मार्गदर्शन करत असतात, जीवनात नवीन वाटा दाखवत असतात अशा माणसांशी "आपलं नातं" हे आरशासारखे पारदर्शक असायला हवं ना? मग आपल्या अशा सुंदर माणसांना जपा आणि सर्वात महत्वाचे त्यांच्याशी कधीच खोटे बोलू नका खोटे वागू नका... जर असं करत असाल तर 'ती' त्यांची नाही तुमची स्वतः ची फसवणूक असेल.... ईश्वरी ©Eshwari #वर्षाचा शेवटचा दिवस आणि सुंदर सल्ला...
#वर्षाचा शेवटचा दिवस आणि सुंदर सल्ला...
read moreusFAUJI
पिता कितनी ही बार हार जाएं लेकिन अपने बच्चों की जीत के लिए अपनी पूरी ज़िन्दगी लगा देता है। ©usFAUJI Father Love #father #पिता #Life
Guru
Unsplash हर साल 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस मनाया जाता है. इस दिन दान करने का खास महत्व बताया गया है. Tulsi Pujan Diwas 2024: हर साल 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस मनाया जाता है, जो सनातन धर्म में एक खास दिन माना जाता है. यह दिन विशेष रूप से तुलसी के पौधे की पूजा और उसे सम्मान देने के लिए समर्पित किया गया है ©Guru तुलसी दिवस #तुलसी_पूजन_दिवस #नोजोटो
तुलसी दिवस #तुलसी_पूजन_दिवस #नोजोटो
read moreMadanjoshi
Unsplash किसान का दर्द दिसम्बर की सर्द राते और किसान का हौंसला इस पर एक शानदार रचना किसानों को समर्पित है 👉 सर्द ठंडी राते, हाड़ कपाती सर्दी पहनी काली बंडी हो, छोटी पहन धोती ले कुदाल फावड़ा, करने लगा खेती तु देख होंसला, जज्बा, देख कितनी मजबूरी है कितनी करता है मेहनत मजदूरी रात कितनी भी ठंडी हो फर्क नहीं पढ़ता उसे वो उसका काम हैं कहते है सभी उसे कहती हैं सरकारे उसे देश का अन्नदाता है मगर परेशानियों से छुटकारा कहाँ मिलता है उसे फिर भी पेट पालने को खुद का ,परिवार का ,देश का तैयार रहता है हर दम न डरता है,न घबराता है परेशानियों से लड़ता है दुख होता है कभी कभी लड़ते लड़ते मर जाता है फिर भी किसान हिम्मत नहीं हारता है क्योंकि वो किसान हैं स्वाभिमान से जीता है भारत भूमि पर रहता है बहुत प्यार करता है अपनी धरती माँ से इसलिए इस पर हमेशा अपनी जान न्योछावर करता हैं 👉स्वरचित मदन जोशी ,माँ का लाल उदयपुर ,राजस्थान ©Madanjoshi #leafbook किसान दिवस किसान का दर्द
#leafbook किसान दिवस किसान का दर्द
read morekomal borkar
White संविधान अंधारच होता नशिबी आमच्या संविधान देऊन परिवर्तित केलं भीमानं, जेव्हा माणूस माणसांचा गुलाम होता, तेव्हा समानतेचा हक्क देऊन, गुलामी दुर केली संविधानानं. चुल आणि मुलंच आमचं अस्तित्व म्हणत 50टक्के आरक्षण देऊन साक्षर केलं स्त्रीयांना, पतिच्या संपत्तीत समान वाटा देऊन सन्मानाने जगण्याचा अधिकार दिला संविधानानं. आरक्षन देऊन अठरा पगळ जातिला बळकट बनवलं इथल्या बहुजनांना, स्वातंत्र्य देऊन इथल्या भारतीयांना सुट-बुटात आणलं संविधानानं. प्रसुती रजा देऊन मातेला गर्भातल्या बाळाची काळजी घेतलं संविधानानं, जन्मताच हक्क प्रदान करून भारतीय होण्याचा सन्मान मिळाला संविधानानं. ©komal borkar #sad_quotes संविधान दिवस
#sad_quotes संविधान दिवस
read moreAdv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
White जरा सा मोल ममता का चुका पाते अगर बेटे.. लहु में दौड़ते रिश्ते निभा पाते अगर बेटे.. न होती दर बदर की ठोकरें उनके नसीबों में.. बुढ़ापा काश कांधो पर उठा पाते अगर बेटे... कभी फुटपाथ पे हालात पे रोती नहीं आँखें उन्हें दो जून की रोटी खिला पाते अगर बेटे..! नहीं कोई तमन्ना है उन्हें महलों में आने की पिता माता को पलकों पर सजा पाते अगर बेटे गंवाकर जिंदगी अपनी उन्हें क़ाबिल बनाया है जो उनके त्याग को दिल से लगा पाते अगर बेटे..! जले हैं आस में औलाद ही कल का सहारा है कभी उस आग में ख़ुद को जला पाते अगर बेटे..! न तीरथ की न जप तप की उन्हें कोई जरूरत थी श्रवन सी भावना मन में जगा पाते अगर बेटे.. नहीं कोई जमीं पर दूसरा भगवान हो शायद उन्हें भगवान से पहले मना पाते अगर बेटे..! ©अज्ञात #माता पिता
#माता पिता
read moreअनिल कसेर "उजाला"
इधर जाते हैं ना उधर जाते हैं, हर तरफ वो ही नज़र आते हैं। कमाने जो निकल जाते घर से, मौत से भी नहीं वो घबराते हैं। ज़ख्म पे ज़ख्म चाहे लगता रहें, दर्द सारा हँसी में ही छिपाते हैं। ग़म की बदली न छाये परिवार में, ये सोच कर तूफ़ानो से टकराते हैं। अपने सपन सारे तोड़ कर 'उजाला', ये ज़िंदगी को मुस्कुराना सिखाते हैं। ©अनिल कसेर "उजाला" पिता
पिता
read moreनवनीत ठाकुर
पिता की यादों में है वो ख़ामोश रहमत, उनके लफ़्ज़ों में आज भी वफ़ा का पैग़ाम बाकी है। हर मुश्किल घड़ी में वो हौसला बनकर आते हैं, वो दुनिया से रुख़्सत हुए, पर उनका असर बाकी है। वो चले गए, छोड़ गए ज़िंदगी की तालीम, उनके नक्श-ए-राह पर हर कदम का निशां बाकी है। जब भी टूटता हूँ सफर की ठोकरों में कहीं, उठाने को आज भी उनका अरमां बाकी है। पिता का साया आज भी है मेरे साथ यूं, उनकी दुआओं का साया हर राह पे बाकी है। चले गए वो फलक के सफर पर दूर कहीं, पर उनकी मौजूदगी का एहसास हर सांस में बाकी है। वो जुदा हुए, पर छोड़ गए अनमोल ख़ज़ाना, यादों में बसा है महकता उनका गुलिस्तां बाकी है। अब वो सितारा बनकर आसमां में रोशन हैं, उनकी रौशनी से मेरी हर रात और सुबह बाकी है। जैसे अंधेरों में चिराग़ की लौ जलती है, वैसे ही उनकी यादों का उजाला हर लम्हा बाकी है। इस फानी दुनिया से वो चले गए हैं भले, मगर मेरे दिल में वो जिंदा हैं, उनका हर वो लम्हा बाकी है। ©नवनीत ठाकुर #पिता का साया
#पिता का साया
read moreAlfaz-E-Dheeraj
White जरूर मुकरें होंगे लोग जुबान देकर, वरना आज कागजों की जरूरत ना पड़ती। ©Alfaz-E-Dheeraj #love_shayari कविता कोश कविता मराठी कविता हिंदी दिवस पर कविता हिंदी दिवस पर कविता
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