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Rameshkumar Mehra Mehra
White सपनो की तरह लोग भी टूट जाते है.... जरा सी ठोकर में अकसर छुट जाते हे....! सोचा ना था रिश्ते का इतना मोल होगा....!! जहां मतलब नही,बहां लोग रुठ जाते है... ©Rameshkumar Mehra Mehra # सपनो की तरह .....
# सपनो की तरह .....
read moreParasram Arora
Unsplash मुझे लगता हैँ अब हमारा एक दूसरे के सामने नहीं आना ही हम दोनों के लिए बेहतर होगा लेकिन एक बात मुझे हमेशा चुभती रहेगी कि तुम्हे बिना देखे मै जी भी पाऊँगा या नहीं? ©Parasram Arora एक दूसरे के सामने
एक दूसरे के सामने
read moreChampak
White होकर मायूस जब दिल ने पुकारा मेरा दिल भी था हुनरमंद पर तू समझी नक्कारा सनकी पागल आवारा ©Champak #love_shayari #लव #आवारा #प्रेम शायरी लव शायरी दर्द शायरी हिंदी
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read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी घुटन कियो लिबासों में हो रही है फेशनो के नाम पर नंगेपन की नुबायस हो रही है सादगी अंगों की बनी रहे सभ्यताओं के कपड़े पहनाये थे लगता है बाजारू रुख असभ्यताओ को निमंत्रण दे रहा है फले फूले बाजार,कट लिबास कर अंगप्रदर्शन को तज्जबो दे रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #chaandsifarish सभ्यताओं के कपड़े पहनाये थे
#chaandsifarish सभ्यताओं के कपड़े पहनाये थे
read moreShalini Nigam
कहने वालों ने क्या-क्या न कहा किसी ने निकम्मा तो किसी ने आवारा कहा, पर जिसने दर्द को समझा, हालातों का मारा कहा! ©Shalini Nigam #आवारा #Nojoto #yqdidi #yqbaba #Life #Love #Shayari #Poetry
Shashi Bhushan Mishra
आस्तीन के साँप बहुत थे फुर्सत में जब छाँट के देखा, झूठ के पैरोकार बहुत थे आसपास जब झाँक के देखा, बाँट रही खैरात सियासत मेहनतकश की झोली खाली, नफ़रत की दीवार खड़ी थी अल्फ़ाज़ों को हाँक के देखा, जादू-टोना, ओझा मंतर, पूजा-पाठ सभी कर डाले, मिलती नहीं सफलता यूँही धूल सड़क की फाँक के देखा, धरती से आकाश तलक की यात्रा सरल कहाँ होती है, बड़ी-बड़ी मीनारों से भी करके सीना चाक के देखा, कदम-कदम चलता है राही दिल में रख हौसला मिलन का, मंज़िल धुँधला दिखा हमेशा सीध में जब भी नाक के देखा, चलना बहुत ज़रूरी 'गुंजन' इतनी बात समझ में आई, हार-जीत के पैमाने पर ख़ुद को जब भी आँक के देखा, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' ©Shashi Bhushan Mishra #आस्तीन के सांप बहुत थे#
#आस्तीन के सांप बहुत थे#
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