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साहस
लथड़ी लथड़ी सी जिंदगानी है अपनी, तुम आकर "रार का इक्का दुक्का फांका" ले लो ना।। #उधड़ी जिंदगी... # पक्का टाँका #प्यार का.... #❤️🙂 #YourQuoteAndMine Collaborating with amreen khan Collaborating with Pankaj Sk
मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
✍️*स्त्रियाँ*, ✍️ कुछ भी बर्बाद नहीं होने देतीं। वो सहेजती हैं।,सँभालती हैं। ढँकती हैं। बाँधती हैं। उम्मीद के आख़िरी छोर तक। कभी तुरपाई कर के। कभी टाँका लगा के। कभी धूप दिखा के। कभी हवा झला के। कभी छाँटकर। कभी बीनकर। कभी तोड़कर। कभी जोड़कर। देखा होगा ना👱♀ ? अपने ही घर में उन्हें खाली डब्बे जोड़ते हुए। बची थैलियाँ मोड़ते हुए। बची रोटी शाम को खाते हुए। दोपहर की थोड़ी सी सब्जी में तड़का लगाते हुए। दीवारों की सीलन तस्वीरों से छुपाते हुए। बचे हुए खाने से अपनी थाली सजाते हुए। फ़टे हुए कपड़े हों ,टूटा हुआ बटन हो। पुराना अचार हो,सीलन लगे बिस्किट, चाहे पापड़ हों,डिब्बे में पुरानी दाल हो। गला हुआ फल हो ,मुरझाई हुई सब्जी हो। या फिर😧 तकलीफ़ देता " रिश्ता " वो सहेजती हैं ,सँभालती हैं,ढँकती हैं। बाँधती हैं। उम्मीद के आख़िरी छोर तक... इसलिए , आप अहमियत रखिये👱♀ वो जिस दिन मुँह मोड़ेंगीं तुम ढूँढ़ नहीं पाओगे...। 🙏 *मकान" को "घर" बनाने वाली रिक्तता उनसे पूछो, जिस घर में नारी नहीं , वो घर नहीं, मकान कहे जाते हैं*🙏 Dedicated to all mothers, sisters n all the respected ladies ... ©Ankur Mishra ✍️*स्त्रियाँ*, ✍️ कुछ भी बर्बाद नहीं होने देतीं। वो सहेजती हैं।,सँभालती हैं। ढँकती हैं। बाँधती हैं। उम्मीद के आख़िरी छोर तक। कभी तुरपाई कर के
Subhash Ke Alfaaz
Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी जादूगर था कमाल दिखा गया ख्वाव तो दिखाये थे बुलंदियो के मगर टाँका लगाते लगाते सबके सपनो को खा गया लाशो का बुत बनाकर सब की तरक्की को कोरोना वायरस की भेट चढ़ा गया प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" टाँका लगाते सपनो को खा गया #ReachingTop
Nisha Dhiman
*स्त्रियाँ*, कुछ भी बर्बाद नही होने देतीं। वो सहेजती हैं।संभालती हैं।ढंकती हैं।बाँधती हैं। उम्मीद के आख़िरी छोर तक। कभी तुरपाई कर के। कभी टाँका लगा के। कभी धूप दिखा के।कभी हवा झला के। कभी छाँटकर। कभी बीनकर। कभी तोड़कर। कभी जोड़कर देखा होगा ना? अपने ही घर में उन्हें खाली डब्बे जोड़ते हुए। बची थैलियाँ मोड़ते हुए। बची रोटी शाम को खाते हुए। दोपहर की थोड़ी सी सब्जी में तड़का लगाते हुए। दीवारों की सीलन तस्वीरों से छुपाते हुए। बचे हुए खाने से अपनी थाली सजाते हुए। फ़टे हुए कपड़े हों। टूटा हुआ बटन हो। पुराना अचार हो। सीलन लगे बिस्किट, चाहे पापड़ हों। डिब्बे मे पुरानी दाल हो। गला हुआ फल हो। मुरझाई हुई सब्जी हो। या फिर तकलीफ़ देता " रिश्ता " वो सहेजती हैं।संभालती हैं। ढंकती हैं।बाँधती हैं। उम्मीद के आख़िरी छोर तक.. इसलिए , आप अहमियत रखिये! वो जिस दिन मुँह मोड़ेंगी तुम ढूंढ नहीं पाओगे...। *स्त्रियाँ*, कुछ भी बर्बाद नही होने देतीं। वो सहेजती हैं।संभालती हैं।ढंकती हैं।बाँधती हैं। उम्मीद के आख़िरी छोर तक। कभी तुरपाई कर के। कभी ट
#CTK -Funny 0r Die
इश्क़ का अंजाम -------------- हाँ दिल पत्थर है मेरा तभी जो टूटा फिर जुड़ा नहीं ☘️🍀☘️ भाव:- धातु (metal) वेल्डिंग कर जोड़ी जा सकती है, मांस-पेशियों को स्टीच (टाँका) दिया जा सकता है, हड्डी को प्लास्टर किया जा सकता है बस एक पत्थर